मुस्लिम बहुल गांव ने चुना हिंदू महिला सरपंच: मेवात की ज़मीन से सांप्रदायिक सौहार्द का संदेश

Story by  यूनुस अल्वी | Published by  [email protected] | Date 06-04-2025
Muslim-majority village elects Hindu woman sarpanch: Message of communal harmony from the land of Mewat
Muslim-majority village elects Hindu woman sarpanch: Message of communal harmony from the land of Mewat

 

यूनुस अलवी/ नूंह(मेवात हरियाणा)

हरियाणा के नूंह ज़िले के पुन्हाना खंड में स्थित सिरोली गांव ने हाल ही में एक ऐसा इतिहास रच दिया है, जो पूरे देश में सांप्रदायिक सौहार्द और सामाजिक एकता की मिसाल बन गया है. मुस्लिम बहुल इस गांव की पंचायत ने सर्वसम्मति से एक हिंदू महिला निशा चौहान को अपना नया सरपंच चुना है.

सिरोली गांव की कुल आबादी 1,296 है, जिसमें लगभग 250 मतदाता हिंदू हैं, जबकि शेष अधिकांश मुस्लिम समुदाय से हैं, जो मेव मुस्लिम कहलाते हैं. नूंह जिला, जो मेवात क्षेत्र का हिस्सा है, देश के सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े इलाकों में गिना जाता है. हाल ही में सांप्रदायिक तनाव के कारण सुर्खियों में भी रहा.
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 सर्वसम्मति से हुआ चुनाव

पंचायत में कुल 15 वार्ड सदस्य (पंच) हैं, जिनमें से 8 महिलाएं हैं. 2 अप्रैल को पंचायत की एक बैठक में उपस्थित 11 सदस्यों ने सर्वसम्मति से 30 वर्षीय निशा चौहान को सरपंच के रूप में चुना.

यह पहला अवसर है जब किसी मुस्लिम बहुल गांव ने एक हिंदू महिला को नेतृत्व की ज़िम्मेदारी सौंपी है.

सिरोली पंचायत में सरपंच की सीट महिलाओं के लिए आरक्षित है. दिसंबर 2022 में हुए पंचायत चुनावों में सहाना नामक महिला विजयी हुई थीं, लेकिन कुछ समय बाद उनके शैक्षणिक दस्तावेज फर्जी पाए जाने पर उन्हें बर्खास्त कर दिया गया.

मार्च 2024 में रेख्शिना को कार्यकारी सरपंच नियुक्त किया गया, लेकिन कार्यप्रणाली से असंतुष्ट सदस्यों ने उनके खिलाफ फरवरी 2025 में अविश्वास प्रस्ताव पारित कर दिया.

नव-निर्वाचित सरपंच निशा चौहान ने कहा,"यह चुनाव सिर्फ मेरा व्यक्तिगत जीत नहीं है, बल्कि मेवात की गंगा-जमुनी तहज़ीब की जीत है.

यहां हिंदू और मुस्लिमों के बीच हमेशा भाईचारे का रिश्ता रहा है. मेरा उद्देश्य पंचायत के हर वर्ग तक विकास पहुंचाना है. चाहे वह किसी भी धर्म या जाति से क्यों न हो."

 स्थानीय मुस्लिम नेताओं का समर्थन

पूर्व सरपंच और वर्तमान पंचायत सदस्य अशरफ अली (50 वर्ष) ने भी चौहान के चुनाव का समर्थन करते हुए कहा,"हमें उम्मीद है कि निशा चौहान गांव के विकास में नए कीर्तिमान स्थापित करेंगी. हमारे यहां धर्म के आधार पर कोई भेदभाव नहीं होता. लोग एक-दूसरे के धार्मिक और सामाजिक समारोहों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं..
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एकता का संदेश देता मेवात

नूंह जैसे जिले, जो अकसर सांप्रदायिक तनाव और विकास की कमी की वजह से खबरों में रहते हैं, वहां से ऐसी सकारात्मक खबरें सामने आना बेहद सुकून देने वाली बात है.

यह चुनाव बताता है कि आम जनता अभी भी धर्म की दीवारों से ऊपर उठकर आपसी विश्वास और विकास को तरजीह देती है.

पुन्हाना खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी शमशेर सिंह, जो वर्तमान में नूंह का अतिरिक्त प्रभार संभाल रहे हैं, ने पुष्टि की कि पंचायत में लोकतांत्रिक तरीके से चुनाव संपन्न हुआ.उन्होंने कहा कि पंचायत के सभी सदस्य इस निर्णय को लेकर एकमत थे..
 

लोकतंत्र की असली जीत
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सरोली गांव का यह चुनाव भारत के उस चेहरे को उजागर करता है, जो धर्म और जाति की सीमाओं से परे जाकर एकता, शांति और विकास की बात करता है.

जहां देश में सांप्रदायिक तनाव बढ़ाने की कोशिशें हो रही हैं, वहीं मेवात के इस गांव से उठी यह आवाज़ उम्मीद की एक किरण है — यह साबित करती है कि अगर इच्छाशक्ति हो तो मतभेदों को मिटाकर भी सौहार्द की मिसाल कायम की जा सकती है.