आवाज द वाॅयस/ नई दिल्ली
उत्तर प्रदेश के खीरी जिले के एक छोटेे से गांव गौरिया गांव के निवासी मुनीर खान को बुुधवार को नई दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में 'यंग साइंटिस्ट अवार्ड' प्रदान किया गया. इस मौके पर कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान, सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और अन्य लोग मौजूद थे.
इस मौके पर बातचीत में मुनीर खान ने बताया कि उन्होंने एक ऐसी डिवाइस बनाई है, जिसका इस्तेमाल कर किसान कम लागत में अधिक उत्पादन हासिल कर सकते हैं. उन्होंने बताया कि इस डिवाइस के जरिए जमीन की गुणवत्ता का पता लगाया जा सकता है.
इसका इस्तेमाल कर किसान अपने खेत की मिट्टी की गुणवत्ता का पता कर पाएंगे. इस डिवाइस के जरिए उन्हें यह पता चल सकेगा कि उनके खेत में किन तत्वों की कमी है. किस उर्वरक की जरूरत है, कितनी नमी चाहिए.
यह जानकारी होने पर किसान कम खर्च में अपने खेत से अधिक उत्पादन ले सकते हैं. मुनीर खान के इस डिवाइस को भारत सरकार से पेेेेेटेंट मिल चुका है.मुनीर खान ने बताया कि खेतों और छोटे किसानों के लिए ये डिवाइस बहुत फायदेमंद साबित होगी.
किसानों को अपने खते में अधिक उर्वरक डालने की जरूरत नहीं होगी. जितनी उसकी फसल को जरूरत होगी, उतनी मात्रा में नाइट्रोजन, फॉस्फोरस, पोटास, जिंक, बोरान या किसी और तत्व की जरूरत का पता चल सकेगा.
खीरी जिले से निकलकर मुनीर ने उत्तराखंड के कॉलेज से बीटेक किया. इसके बाद कोलंबिया यूनिवर्सिटी से एमएस एमफिल करने के बाद इस वक्त मुनीर हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में अप्लाइड वैज्ञानिक हैं.
इसके पहले मुनीर को इंटरनेशनल यंग साइंटिस्ट का अवार्ड मिल चुका है. इसके अलावा मुनीर का अपना एआई बेस्ट ग्लासेज का अपना स्टार्टअप भी है, जो अमेरिका में चल रहा है.
ऐसे काम करेगी डिवाइस
मुनीर के मुताबिक, जमीनों के बंजर होने की चिंता उनको भी थी इसलिए पंतनगर यूनिवर्सिटी के डॉ. दुर्गेश पंत की निगरानी में मुनीर खान और उनके दो साथियों आशुतोष भट्ट और पंकज अधिकारी ने यह मॉनिटरिंग डिवाइस तैयार की.
इसमें पेन की नोक की तरह दो डिवाइस होती है जो कौन सी फसल बोनी और खेत में किन-किन पोषक तत्वों की कमी है ये बता देती है. इस डिवाइस को मोबाइल एप्प के जरिए पता लगाया जा सकता है कि कितनी खाद खेत को चाहिए और जमीन में किस-किस पोषक तत्व की कितनी कमी है. यही नहीं खेत में कितनी नमी की जरूरत और कितनी नमी चाहिए यह भी इस डिवाइस से पता चल जाएगा.
मुनीर के मुताबिक, खेतों और छोटे किसानों के लिए ये डिवाइस बहुत फायदेमंद साबित होगी. किसानों को ज्यादा उर्वरक डालने की जरूरत नहीं होगी. जितनी उसकी फसल को जरूरत उतनी मात्रा में नाइट्रोजन, फॉस्फोरस, पोटास, जिंक, बोरान या किसी और तत्व की जरूरत का पता चल सकेगा.
खीरी जिले के गौरिया गांव से निकलकर मुनीर ने उत्तराखंड के कॉलेज से बीटेक किया. जिसके बाद कोलंबिया यूनिवर्सिटी से एमएस एमफिल करने के बाद इस वक्त मुनीर हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में अप्लाइड वैज्ञानिक हैं. इससे पहले मुनीर को इंटरनेशनल यंग साइंटिस्ट का अवार्ड मिल चुका है. इसके अलावा मुनीर का अपना एआई बेस्ट ग्लासेज का अपना स्टार्टअप भी है जो अमेरिका में चल रहा है.