श्रीनगर के गंदेरबल से फोटो और रिपोर्ट बासित जरगर
जम्मू-कश्मीर पुलिस के इतिहास में एक और सुनहरा अध्याय जुड़ गया जब मनीगाम स्थित पुलिस प्रशिक्षण केंद्र में आयोजित एक भव्य और भावनात्मक पासिंग आउट परेड में 438 नवनियुक्त पुलिसकर्मी और महिलाएं आधिकारिक रूप से फोर्स में शामिल हुए.
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने मार्च-पास्ट की सलामी ली और नवदीक्षित जवानों को उनके नए जीवन की शुरुआत के लिए शुभकामनाएं दीं.
देश सेवा की शपथ, अनुशासन और समर्पण का प्रदर्शन
सैकड़ों दर्शकों की मौजूदगी में आयोजित इस परेड में जवानों ने तीव्र अनुशासन, कठोर प्रशिक्षण और मानसिक दृढ़ता का प्रदर्शन किया. एलजी सिन्हा ने जवानों को संबोधित करते हुए कहा, “यह सिर्फ एक परेड नहीं है, यह आपके समर्पण और कर्तव्यनिष्ठा की घोषणा है. आप न केवल इस प्रदेश की ताकत हैं, बल्कि पूरे राष्ट्र का गौरव हैं.”
उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर पुलिस ने देश की आंतरिक सुरक्षा को मजबूत करने में जो ऐतिहासिक भूमिका निभाई है, उसमें अब ये नए रंगरूट भी योगदान देंगे.
सख्त प्रशिक्षण, कठिन इम्तिहान
इन जवानों ने कई महीनों तक कठिन प्रशिक्षण लिया, जिसमें शारीरिक सहनशक्ति, हथियारों की विशेषज्ञता, आतंकवाद विरोधी रणनीतियाँ और फील्ड ऑपरेशन की तैयारियाँ शामिल रहीं. यह प्रशिक्षण न केवल उन्हें शारीरिक रूप से मजबूत बनाता है, बल्कि मानसिक दृढ़ता और संकट में त्वरित निर्णय लेने की क्षमता भी प्रदान करता है.
परेड में शामिल कुछ जवानों के परिजनों की आँखों में गर्व और भावनाओं के आँसू छलकते दिखे, जिन्होंने अपने बेटे-बेटियों को पहली बार वर्दी में देखा.
मनीगाम बना गर्व और जोश का केंद्र
चमकते हुए कश्मीरी आसमान और बर्फ से ढंके पहाड़ों की पृष्ठभूमि में बसा मनीगाम का पुलिस प्रशिक्षण केंद्र इस मौके पर अनुशासन और उत्साह का केंद्र बना रहा. दूर-दराज के गाँवों और शहरों से आए परिजन अपने जवान बेटों, भाइयों और मित्रों की इस महत्वपूर्ण उपलब्धि के गवाह बने.
उत्कृष्टता का सम्मान
समारोह के दौरान उन जवानों को विशेष पुरस्कारों से नवाजा गया जिन्होंने ड्रिल, शारीरिक फिटनेस और अन्य प्रशिक्षण गतिविधियों में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया. उनके नामों की घोषणा होते ही परिजन और दर्शकों ने तालियों की गूंज के साथ उनका स्वागत किया.
नया अध्याय: राष्ट्र सेवा की शुरुआत
समारोह का समापन राष्ट्रगान और एक गर्वपूर्ण रेजिमेंटल सलामी के साथ हुआ, जिसने इन 438 जवानों की नई यात्रा की शुरुआत का संकेत दिया. अब वे देशभर की विभिन्न पुलिस और सुरक्षा इकाइयों में तैनात होंगे, जहां वे जम्मू-कश्मीर और पूरे भारत की सुरक्षा, शांति और सेवा में समर्पित रहेंगे.यह दिन न केवल इन जवानों के जीवन में, बल्कि पूरे प्रदेश के लिए भी गर्व और प्रेरणा का प्रतीक बन गया.