Maha Kumbh 2025: See special glimpses of the Kumbh Mela organized after 144 years
ओनिका माहेश्वरी/ नई दिल्ली
पौष पूर्णिमा के शुभ अवसर पर प्रयागराज में महाकुंभ की शुरूआत हो गई है. शाही स्नान पर यहां श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ है, बीते दो दिनों से भक्त यहां जुटे हैं. देखिए 144 साल बाद आयोजित किए गए इस खास कुंभ की झलकियां.
ये हैं रुद्राक्ष धारी बाबा, जो अपने सिर पर 45 किलो वजनी रुद्राक्ष की माला पहनते हैं.
ये है डिजिटल महाकुंभ एक्सपीरियंस सेंटर, जहां आपको अद्भुत संगम देखने को मिलेगा.
AR/VR ज़ोन और रोबोटिक होलोग्राम जैसी नवाचारी विशेषताओं के माध्यम से महाकुंभ की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक धरोहर का आनंद आप ले सकते हैं.
यह सेंटर प्राचीन परंपराओं के साथ आधुनिक प्रगति को जोड़ने का अनूठा अवसर प्रदान करता है.
फ्रांस, अमेरिका, दक्षिण अफ्रीका, रूस, यूक्रेन, ब्राजील, स्पेन और अन्य देशों से आए पुरुष और महिला श्रद्धालुओं ने भी ‘पौष पूर्णिमा’ के अवसर पर संगम के पवित्र जल में डुबकी लगाई.
प्रयागराज में सोमवार को महाकुंभ 2025 के दौरान पौष पूर्णिमा के अवसर पर त्रिवेणी संगम पर डुबकी लगाने पहुंचे एक साधु.
प्रयागराज महाकुम्भ के प्रथम स्नान के अवसर पर श्रद्धालुओं पर हेलिकॉप्टर द्वारा पुष्पवर्षा की गई. सनातन संस्कृति और आस्था के प्रति यह सम्मान का प्रतीक है.
महाकुम्भ 2025 के दौरान यात्रियों एवं श्रद्धालुओं के भव्य स्वागत में झूसी रेलवे स्टेशन को धार्मिक और सांस्कृतिक कलाकृतियों से सजाया गया है.
महाकुम्भ मेले में 10 एकड़ में बना है 'कलाग्राम'. यहां विभिन्न राज्यों के पारंपरिक भोजन स्टॉल्स, 14,630 से अधिक सांस्कृतिक कलाकारों की रंगारंग प्रस्तुतियां और प्रतियोगिताओं में सहभागिता का अवसर मिलेगा.
'एम्बेसडर बाबा' और 'चाय वाले बाबा' सहित कई अनोखे और प्रसिद्ध संत महाकुंभ में आए हैं.
दिव्य, भव्य व नव्य प्रयागराज महाकुम्भ के लिए पावन संगम की रेती पर तंबुओं का स्थायी शहर सज गया है.
श्रद्धालुओं की भीड़ में नागा साधु भी शामिल हैं, जिन्होंने दुनिया के सबसे बड़े और सबसे प्रतिष्ठित धार्मिक समागम में सबसे पहले स्नान किया. जहाँ ज़्यादातर ध्यान उनके पुरुष समकक्षों पर है, वहीं महिला नागा साधुओं या नागा साध्वियों का कम चर्चित समुदाय भी अपनी मौजूदगी दर्ज करा रहा है.
इस बार महाकुंभ खास माना जा रहा है क्योंकि 144 साल बाद एक दुर्लभ संयोग बनने जा रहा है जिसका संबंध समुद्र मंथन से माना जाता है, जिसके दौरान देवताओं और राक्षसों ने अमृत के लिए संघर्ष किया था.
इस दिन सूर्य, चंद्रमा और बृहस्पति ग्रहों की शुभ स्थिति बन रही है जो कि उस समय समुद्र मंथन के दौरान भी बनी थी. साथ ही, महाकुंभ पर रवि योग का निर्माण होने जा रहा है.
प्रयागराज कुंभ मेले में छह शाही स्नान होंगे. महाकुंभ मेला का पहला शाही स्नान 13 जनवरी यानी कल होगा.
दूसरा शाही स्नान 14 जनवरी 2025 को मकर संक्रांति पर होगा, तीसरा स्नान 29 जनवरी 2025 को मौनी अमावस्या पर होगा.
चौथा शाही स्नान 2 फरवरी 2025 को बसंत पंचमी पर होगा.
पांचवां शाही स्नान 12 फरवरी 2025 को माघ पूर्णिमा पर होगा और आखिरी शाही स्नान 26 फरवरी 2025 को महाशिवरात्रि पर होगा.