आवाज द वाॅयस /प्रयागराज / नई दिल्ली
आस्था और अध्यात्म का सबसे बड़ा पर्व महाकुंभ इस बार एक दुखद हादसे का गवाह बना. इस भयानक दुर्घटना में कई श्रद्धालुओं की जान चली गई और सैकड़ों लोग घायल हो गए. यह न केवल एक हादसा बल्कि एक राष्ट्रीय त्रासदी बन गई है, जिसने पूरे देश को गहरे शोक में डाल दिया है.
इस घातक घटना को लेकर मुस्लिम राष्ट्रीय मंच (MRM) ने गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए प्रार्थना की और पीड़ित परिवारों के प्रति अपनी सहानुभूति जाहिर की. मंच ने प्रशासन को इस मुश्किल समय में हरसंभव सहयोग देने का संकल्प लिया है और राहत कार्यों में सक्रिय भूमिका निभाने की घोषणा की है.
हादसा: एक राष्ट्रीय क्षति
मंच के राष्ट्रीय संयोजक और मीडिया प्रभारी शाहिद सईद ने इस घटना को राष्ट्रीय क्षति करार देते हुए कहा कि, “महाकुंभ केवल भारतीय संस्कृति और गौरव का प्रतीक नहीं है, बल्कि यह देशवासियों की आस्था और भक्ति का संगम है. इस प्रकार की त्रासदियाँ न केवल एक समुदाय को, बल्कि सम्पूर्ण देश की आत्मा को आहत करती हैं.”
उन्होंने यह भी कहा कि मुस्लिम राष्ट्रीय मंच पीड़ित परिवारों के साथ खड़ा है और इस दुखद घड़ी में हरसंभव मदद प्रदान करेगा.
राहत कार्यों में जुटी मुस्लिम राष्ट्रीय मंच
मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने इस संकटपूर्ण समय में राहत और बचाव कार्यों में सक्रिय रूप से भाग लिया है. मंच के कार्यकर्ता प्रशासन के साथ मिलकर पीड़ितों को तत्काल सहायता प्रदान कर रहे हैं. राहत शिविरों में घायलों के लिए भोजन, पानी और आवश्यक दवाइयाँ पहुंचाई जा रही हैं.
मंच ने विशेष रूप से प्रभावित परिवारों से संपर्क साधा है और उन्हें हर संभव मदद देने का आश्वासन दिया है. प्रयागराज के रौजा दरगाह चौक पर स्थित रौजा गाजी मियां की दरगाह में भी श्रद्धालुओं के लिए व्यवस्था की गई है.
मंच की ओर से भावनात्मक पत्र
महाकुंभ हादसे के बाद मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने शुक्रवार को एक आपात बैठक बुलाई, जिसमें मंच के 200 से अधिक कार्यकर्ताओं ने भाग लिया. इस बैठक में निर्णय लिया गया कि मंच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को एक भावनात्मक पत्र भेजेगा.
इस पत्र में मंच गहरे दुख का इज़हार करेगा और सरकार के राहत कार्यों में पूरा समर्थन देने की पेशकश करेगा. मंच ने यह भी कहा कि इस समय राजनीतिक मतभेदों को दरकिनार करके सभी को एकजुट होकर पीड़ितों की मदद करनी चाहिए. पत्र में सरकार से यह भी मांग की जाएगी कि इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं और सुरक्षा उपायों को सुदृढ़ किया जाए.
मुस्लिम समुदाय का भाईचारे का संदेश
महाकुंभ हादसे के बाद, 29 जनवरी को प्रयागराज में मुस्लिम समुदाय ने भाईचारे और इंसानियत की एक अनूठी मिसाल पेश की. शहर के दस से अधिक इलाकों में मुस्लिम समुदाय ने 25 से 26 हजार श्रद्धालुओं के लिए अपने घरों, मस्जिदों, मजारों और दरगाहों के दरवाजे खोल दिए.
इस पहल का उद्देश्य था कि कोई भी श्रद्धालु ठंड में खुले आसमान के नीचे न रहे. इसके साथ ही, जरूरतमंदों के लिए भोजन, पानी और दवाइयों की व्यवस्था भी की गई, और सैकड़ों कंबल बांटे गए। यह पहल समाज में सांप्रदायिक सौहार्द और एकता का संदेश देती है, जिसमें सभी धर्मों के लोग एक दूसरे की मदद करते हैं.
महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा पर विशेष ध्यान
मंच की राष्ट्रीय संयोजक डॉ. शालिनी अली ने इस हादसे पर दुख जताते हुए कहा, “महाकुंभ में भाग लेने वाली महिलाओं, बुजुर्गों और बच्चों की सुरक्षा सर्वोपरि होनी चाहिए. इस तरह की घटनाएं केवल प्रशासन की नहीं, बल्कि पूरे समाज की जिम्मेदारी हैं.” उन्होंने प्रशासन से यह भी मांग की कि विशेष रूप से महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाए जाएं, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो.
मंच की सरकार से मांग
मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने सरकार से निम्नलिखित कदम उठाने की मांग की है:
1. हादसे की निष्पक्ष और गहरी जांच कराई जाए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके.
2. पीड़ित परिवारों को उचित मुआवजा और घायलों का मुफ्त इलाज सुनिश्चित किया जाए.
3. कुंभ जैसे आयोजनों में आपदा प्रबंधन टीमों की संख्या बढ़ाई जाए और तकनीकी सहायता का अधिकतम उपयोग किया जाए.
4. सुरक्षा उपायों के लिए दीर्घकालिक रणनीति बनाई जाए, जिसमें आधुनिक तकनीक का उपयोग करके भीड़ नियंत्रण किया जाए.
सुरक्षा और आपदा प्रबंधन में सुधार की आवश्यकता
महाकुंभ हादसे ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि सुरक्षा, आपदा प्रबंधन और प्रशासनिक सतर्कता को और अधिक उन्नत बनाने की आवश्यकता है. मुस्लिम राष्ट्रीय मंच इस कठिन घड़ी में पीड़ितों के साथ खड़ा है और सरकार से अपेक्षा करता है कि इस घटना की गहराई से जांच की जाए. मंच ने देशभर के लोगों से अपील की है कि वे पीड़ितों के लिए प्रार्थना करें और उनकी मदद के लिए आगे आएं.
मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने यह भी कहा कि इस हादसे के बाद ईश्वर से प्रार्थना है कि वह मृतकों को मोक्ष प्रदान करें और उनके परिवारों को इस अपार दुख को सहने की शक्ति दे. मंच आगे भी राहत कार्यों में अपना योगदान देता रहेगा और पीड़ित परिवारों की हरसंभव सहायता करेगा.
समाज और सरकार को मिलकर उठाने होंगे कदम
महाकुंभ हादसे ने यह सिद्ध कर दिया कि जब बात मानवता की आती है, तो धर्म और समुदाय की सीमाएँ मिट जाती हैं. सभी को मिलकर इस संकट की घड़ी में पीड़ितों की मदद करनी चाहिए और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कदम उठाने चाहिए.