आवाज द वाॅयस / नई दिल्ली / कुरुक्षेत्र
हरियाणा के ऐतिहासिक शहर कुरुक्षेत्र में इस वर्ष का अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव (आईजीएम) 2024 गुरुवार को एक भव्य उद्घाटन समारोह के साथ आरंभ हुआ. ब्रह्म सरोवर के तट पर आयोजित इस विशेष कार्यक्रम का उद्घाटन हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने किया.
उन्होंने पवित्र ग्रंथ श्रीमद्भगवद्गीता की पूजा अर्चना की और भगवान श्रीकृष्ण के रथ की प्रतिमा के पास मंत्रोच्चार और यज्ञ के साथ समारोह का शुभारंभ किया.इस उद्घाटन समारोह में कई विशिष्ट अतिथियों ने भाग लिया, जिनमें केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान, तंजानिया के सूचना, युवा, संस्कृति और खेल मंत्री ताबिया मौलिद म्विता, गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद महाराज और पूर्व मंत्री सुभाष सुधा शामिल थे.
गीता महोत्सव: एक अंतर्राष्ट्रीय पहचान
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने इस अवसर पर कहा कि हरियाणा सरकार के प्रयासों ने गीता महोत्सव को राष्ट्रीय से अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहुंचा दिया है. यह महोत्सव 28 नवंबर से शुरू हुआ है और 15 दिसंबर, 2024 तक चलेगा. इस दौरान गीता के शाश्वत और सार्वभौमिक संदेश को मानवता के साथ साझा किया जाएगा.
इस वर्ष तंजानिया, अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव का भागीदार देश है, जबकि ओडिशा को भागीदार राज्य के रूप में चुना गया है. तंजानिया के मंडप का उद्घाटन समारोह भी कार्यक्रम का एक मुख्य आकर्षण रहा. इस मंडप में तंजानिया की जीवनशैली, भोजन और परिधानों को प्रदर्शित करने वाले विभिन्न स्टॉल लगाए गए हैं.बता दें कि तंजानिया एक ईसाई-मुस्लिम देश है.
महत्वपूर्ण स्थानों से सीधा प्रसारण
आईजीएम 2024 का सीधा प्रसारण भारत के प्रमुख धार्मिक स्थलों से किया जा रहा है, जिनमें शामिल हैं:
श्री जगन्नाथ मंदिर, पुरी, ओडिशा
श्री बांके बिहारी मंदिर, वृंदावन, उत्तर प्रदेश
श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर, मथुरा
द्वारकाधीश मंदिर, गुजरात
श्री महाकालेश्वर मंदिर, उज्जैन
ठिकाना मंदिर श्री गोविंद देव जी, जयपुर
इस लाइव प्रसारण के जरिए देश-विदेश में लाखों लोग इस महोत्सव के दिव्य वातावरण से जुड़ पा रहे हैं.
गीता महोत्सव का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व
श्रीमद्भगवद्गीता हिंदू धर्म का एक प्रमुख धार्मिक ग्रंथ है, जिसे भगवान कृष्ण ने महाभारत के युद्ध के दौरान अर्जुन को सुनाया था. कुरुक्षेत्र की यह भूमि भारतीय धार्मिक और दार्शनिक इतिहास का केंद्र रही है. यह वह स्थान है, जहां ऋषि मनु ने मनुस्मृति की रचना की थी और ऋग्वेद और सामवेद की शुरुआत हुई थी.
गीता महोत्सव, गीता जयंती के अवसर पर मनाया जाता है, जो श्रीमद्भगवद्गीता के जन्म का प्रतीक है। यह त्योहार हिंदुओं के लिए अत्यंत पवित्र माना जाता है और इसे पूरे देश में बड़े धार्मिक उत्साह के साथ मनाया जाता है.
उत्सव के प्रमुख आकर्षण
सप्ताह भर चलने वाले इस उत्सव में विभिन्न सांस्कृतिक और धार्मिक गतिविधियों का आयोजन किया जाता है, जो इस महोत्सव को अद्वितीय बनाते हैं. इनमें शामिल हैं:
गीता के श्लोकों का गायन
नृत्य और नाट्य प्रस्तुतियां
भगवद कथा वाचन
भजन संध्या
पुस्तक प्रदर्शनी
निःशुल्क चिकित्सा जांच शिविर
इन गतिविधियों के माध्यम से पूरा वातावरण दिव्य और आध्यात्मिक हो जाता है.
आयोजन का प्रबंधन और भागीदारी
इस महोत्सव का आयोजन हरियाणा सरकार के विभिन्न विभागों द्वारा किया जाता है, जिनमें कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड, हरियाणा पर्यटन, जिला प्रशासन, उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र (पटियाला) और सूचना एवं जनसंपर्क विभाग शामिल हैं.
गीता का सार्वभौमिक संदेश
श्रीमद्भगवद्गीता न केवल धार्मिक बल्कि दार्शनिक और आध्यात्मिक दृष्टिकोण से भी अत्यंत महत्वपूर्ण ग्रंथ है. इसमें भगवान कृष्ण द्वारा दिए गए जीवन के आदर्श और समस्याओं का समाधान आज भी प्रासंगिक हैं.
महोत्सव की सफलता और वैश्विक जुड़ाव
2016 से शुरू हुए इस अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव ने अब तक अपार लोकप्रियता और सफलता हासिल की है. हर साल लाखों लोग इस महोत्सव में भाग लेते हैं और इसे दुनिया भर में एक विशेष धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम के रूप में मान्यता मिली है.
अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव 2024 न केवल भारत की सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहर को प्रदर्शित करता है, बल्कि वैश्विक स्तर पर शांति, समर्पण और धर्म के शाश्वत संदेश को भी फैलाता है. यह महोत्सव न केवल कुरुक्षेत्र बल्कि पूरे भारत और विश्व के लिए गौरव का विषय