-फ़िरदौस ख़ान/ कन्नौज
कानपुर के कारोबारी इमरान बिन ज़फ़र उत्तर प्रदेश के कन्नौज लोकसभा क्षेत्र से बहुजन समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार हैं. इससे पहले उन्होंने साल 2014के लोकसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी के चुनाव चिन्ह पर यहां से चुनाव लड़ा था.तब उन्हें कामयाबी नहीं मिल पाई थी. एक बार फिर से वे यहां से चुनाव लड़ रहे हैं. उन्हें उम्मीद है कि अवाम का भरपूर समर्थन हासिल होगा. आवाज़ द वॉयस से एक मुलाक़ात में इमरान बिन ज़फ़र ने बातचीत की.
सवाल : सबसे पहले अपने बारे में कुछ बताएं ?
मैं कानपुर का रहने वाला हूं.र पेशे से कारोबारी हूं. बरसों से समाजसेवा कर रहा हूं. मानता हूं कि अगर आप सच के साथ हैं, तो अल्लाह हमेशा आपके साथ है. यही मेरा यक़ीन है. इसलिए मैं अल्लाह के सिवा किसी से नहीं डरता,मुसलसल आगे बढ़ता रहता हूं.
सवाल: सियासत में आने का मक़सद ?
पिछले कई सालों से सियासत में हूं. बचपन से ही जन साधारण की परेशानियों को देखता आया हूं. एक साधारण आदमी को जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में संघर्ष करना पड़ता है. मैं चाहता था कि मैं संसद में उनकी आवाज़ बनकर पहुंचूं. इसीलिए मैंने सियासत में आने का फ़ैसला किया.
मज़लूम की आवाज़ को संसद तक पहुंचाना चाहता हूं. समझता हूं कि सड़क पर आवाज़ उठाने से बेहतर, संसद में आवाज़ उठाना. मैं हमेशा उनके हक़ के लिए आवाज़ उठाता रहा हूं. जनहित में किए जा रहे संघर्ष को देखते हुए अरविन्द केजरीवाल ने मुझे साल 2014के आम चुनाव में कन्नौज लोकसभा से पार्टी का प्रत्याशी बनाया था.
सवाल : आपके क्षेत्र के स्थानीय मुद्दे क्या हैं ?
कन्नौज लोकसभा क्षेत्र का सबसे बड़ा मुद्दा विकास का है. वीआईपी क्षेत्र होने के बावजूद यहां इतना विकास नहीं हो पाया, जितना होना चाहिए. इस लोकसभा क्षेत्र में पांच विधानसभा क्षेत्र आते हैं, जिनमें कन्नौज, छिबरामऊ, तिर्वा, बिधूना और रसूलाबाद शामिल हैं.
कन्नौज दुनियाभर में इत्र के लिए मशहूर है. यहां की बड़ी आबादी इत्र के काम में लगी है.ज़्यादातर लोग मज़दूर के तौर पर काम करते हैं. बेरोज़गारी यहां का एक बड़ा मुद्दा है. बढ़ती महंगाई की वजह से किसान भी खेती से विमुख हो रहे हैं. इसलिए कृषि को बढ़ावा दिया जाना बहुत ज़रूरी है. खेती से ही हमें अनाज मिलता है.
सवाल : शिक्षा, स्वास्थ्य, महिलाओं और जनसुविधाओं के बारे में आपका क्या कहना है?
शिक्षा बहुत ज़रूरी है .प्रत्येक बच्चे का यह मौलिक अधिकार है कि उसे नि:शुल्क शिक्षा प्राप्त हो. इसी तरह स्वास्थ्य सेवाएं भी बहुत ज़रूरी हैं. शिक्षित और स्वस्थ लोग ही देश की सबसे बड़ी धरोहर हैं. इस मामले में किसी भी तरह का समझौता नहीं होना चाहिए.
महिलाओं की सुरक्षा भी बहुत ज़रूरी है. जिस तरह से अपराध बढ़ रहे हैं उससे महिलाएं ही नहीं, पुरुष भी परेशान हैं. चोरी, डकैती के मामले बढ़े हैं. दलितों ख़ासकर मुसलमानों का उत्पीड़न भी बढ़ा है. इससे माहौल ख़राब होता है. इसलिए सुरक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाना बहुत ज़रूरी है.
सवाल : आप कुछ और कहना चाहते हैं?
मैं सिर्फ़ इतना कहना चाहता हूं कि अवाम अपना उम्मीदवार चुनने से पहले उसके बारे में जाने और उसके मुक़ाबले में खड़े तक़रीबन सभी प्रत्याशियों से उसकी तुलना करे. इसके बाद ही वह अपना उम्मीदवार चुने.क्षेत्र और देश का विकास उनके वोट पर निर्भर करता है. बहुत ही सोच समझकर अपने मताधिकार का इस्तेमाल करें.
ग़ौरतलब है कि बहुजन समाज पार्टी ने पहले कन्नौज से अक़ील अहमद पट्टा को चुनावी मैदान में उतारा था. बाद में उनकी जगह इमरान बिन ज़फ़र को अपना उम्मीदवार बनाया. सियासी गलियारे में चर्चा है कि समाजवादी पार्टी से नज़दीकी और निष्क्रियता की वजह से अक़ील अहमद पट्टा का टिकट कटा. बसपा की तरह ही समाजवादी पार्टी भी इस लोकसभा क्षेत्र से लगातार प्रत्याशी बदल रही है.