आवाज द वाॅयस / नई दिल्ली
चुनाव प्रचार समाप्त होने के साथ जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के अंतिम दौर के मतदान की तैयारी शुरू हो गई है.आखिरी चरण में कुपवाड़ा, बारामुल्ला, बांदीपोरा, उधमपुर, सांबा, कठुआ और जम्मू के सात जिलों में 5060 मतदान केंद्र पर वोट डाले जाएंगे.
मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) पांडुरंग के पोल ने कहा कि जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के अंतिम चरण, 1 अक्टूबर को जम्मू-कश्मीर के सात जिलों के 40 विधानसभा क्षेत्रों में 39.18 लाख से अधिक मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे.
इन जिलों में मतदान
कश्मीर संभाग में 16 विधानसभा क्षेत्र हैं, जिनमें करनाह, त्रेघम, कुपवाड़ा, लोलाब, हंदवाड़ा, लंगेट, सोपोर, रफियाबाद, उरी, बारामूला, गुलमर्ग, वागूरा-क्रीरी, पट्टन, सोनावारी, बांदीपोरा और गुरेज (एसटी) शामिल हैं, जब कि जम्मू संभाग में 24 विधानसभा क्षेत्र हैं जिनमें उधमपुर पश्चिम, उधमपुर पूर्व, चेनी, रामनगर (एससी), बानी, बिलावर, बसोहली, जसरोटा, कठुआ (एससी), हीरानगर, रामगढ़ शामिल हैं.
इसके अलावा सांबा, विजयपुर, बिश्नाह (एससी), सुचेतगढ़ (एससी), आरएस पुरा, जम्मू दक्षिण, बाहु, जम्मू पूर्व, नगरोटा, जम्मू पश्चिम, जम्मू उत्तर, अखनूर (एससी), और छंब में भी अंतिम चरण में वोट डाले जाएंगे.
जम्मू-कश्मीर में तीसरे चरण के लिए चुनाव प्रचार समाप्त
इधर, जम्मू एवं कश्मीर विधानसभा चुनाव के तीसरे और अंतिम चरण के लिए रविवार को प्रचार शांतिपूर्ण ढंग से समाप्त हो गया. अनुच्छेद 370 खत्म करने और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने के बाद जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव पहली बार हो रहा है, इसलिए उम्मीदवारों के बीच चुनाव प्रचार का मुख्य मुद्दा अनुच्छेद 370 और राज्य का दर्जा रहा.
विकास, स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा, बेहतर सड़कें, सुरक्षित पेयजल, सस्ती बिजली और नागरिक सुविधाएं हर राजनीतिक दल के चुनावी घोषणापत्र का हिस्सा हैं, लेकिन आखिरकार लड़ाई उन लोगों के बीच हो गई जो अनुच्छेद 370 की बहाली और जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा देना चाहते हैं.
अनुच्छेद 370 में अटका चुनाव प्रचार
दिलचस्प बात यह है कि अनुच्छेद 370 की बहाली नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) जैसी क्षेत्रीय पार्टियों के लिए सबसे महत्वपूर्ण रही, लेकिन राज्य का दर्जा हर राजनीतिक दल द्वारा किए गए घोषणा पत्र में से एक वादा था.
विधानसभा चुनाव में एनसी के साथ पूर्व गठबंधन के बावजूद कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में या राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे, सचिन पायलट और प्रियंका गांधी सहित अपने शीर्ष नेताओं के भाषणों में अनुच्छेद 370 के बारे में बात नहीं की.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और अन्य सभी वरिष्ठ भाजपा नेताओं ने मतदाताओं से कहा कि केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा अस्थायी है और जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा बहाल किया जाएगा.
राज्य का दर्जा पर जंग
चुनाव प्रचार के दौरान भाजपा के शीर्ष नेतृत्व द्वारा उठाया गया एक मुद्दा यह था कि संसद में बहुमत वाली केंद्र की सरकार ही जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा बहाल कर सकती है.इसके बावजूद, कांग्रेस, एनसी और पीडीपी ने इस मुद्दे को नहीं छोड़ा. पूरे चुनाव प्रचार में एनसी अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला, उनके बेटे और एनसी उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती सहित पीडीपी नेतृत्व ने राज्य के मुद्दे का उल्लेख किए बिना एक भी भाषण नहीं दिया.
बता दें कि जम्मू-कश्मीर में आखिरी चरण के 40 सीटों के लिए एक अक्टूबर को मतदान होना है, चुनावी नतीजे आठ अक्टूबर को आएंगे.