फरहान इसराइली /जयपुर
गुलाबी नगर के दिल में बसे डिग्गी पैलेस में कला जगत ने उस्ताद जाकिर हुसैन को भारत रत्न दिलाने के लिए एकजुटता दिखाई. स्वागत जयपुर फाउंडेशन की ओर से आयोजित इस विशेष श्रद्धांजलि सभा ने जयपुर के गायन, वादन और नृत्य से जुड़े कलाकारों को एक मंच पर लाकर खड़ा कर दिया. सभी ने एक स्वर में उस्ताद जाकिर हुसैन को भारत रत्न से सम्मानित करने की मांग की. उनके कला क्षेत्र में दिए योगदान को याद किया.
कार्यक्रम में उस्ताद जाकिर हुसैन के जीवन और कृतित्व पर चर्चा करते हुए कलाकारों ने कहा कि वे केवल भारत के नहीं, बल्कि पूरे विश्व के सांस्कृतिक रत्न थे. उन्होंने तबले को एक नई पहचान दी. इसे भारतीय शास्त्रीय संगीत के साथ-साथ अंतर्राष्ट्रीय मंच पर भी प्रतिष्ठित किया. कलाकारों ने सरकार से मरणोपरांत भारत रत्न देकर उनके योगदान को मान्यता देने की अपील की.
कलाकारों ने बताया कि उस्ताद जाकिर हुसैन ने न केवल संगीत को नई ऊंचाई दी, अपनी विनम्रता से भी हर किसी का दिल जीत लिया. जयपुर के प्रति उनके विशेष प्रेम को याद करते हुए कहा गया कि जब भी वे जयपुर आते थे, यहां के कला प्रेमी घंटों तक उनका तबला सुनने के लिए इंतजार करते थे.
ध्रुपद आलाप से दी गई श्रद्धांजलि
कार्यक्रम की शुरुआत ध्रुपद गायक उस्ताद एफ. वासिफउद्दीन खां डागर ने आलाप प्रस्तुत करके की. उन्होंने उस्ताद जाकिर हुसैन को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि जितना प्यार उन्हें भारत में मिला, उससे कहीं अधिक वे विदेशों में पूजे जाते थे. उनके तबले की थाप ने संगीत की सीमाओं को तोड़कर इसे एक वैश्विक भाषा बना दिया.
श्रद्धांजलि सभा में शहर के अनेक दिग्गज कलाकार शामिल हुए. पद्मश्री ग़ज़ल गायक उस्ताद अहमद हुसैन और उस्ताद मोहम्मद हुसैन, सारंगी वादक उस्ताद मोइनउद्दीन खां, तबला वादक उस्ताद निसार हुसैन, शास्त्रीय गायक पं. हनुमान सहाय, वरिष्ठ पखावज वादक पं. प्रवीण आर्य, ध्रुपद गायक नफीसउद्दीन खां और अनीसउद्दीन खां डागर, रंगकर्मी ईश्वरदत्त माथुर और अनंत व्यास समेत अन्य कलाकारों ने जाकिर हुसैन के साथ अपने अनुभव साझा किए.
वार्षिक श्रद्धांजलि कार्यक्रम का निर्णय
सभा में कलाकारों और कला प्रेमियों ने निर्णय लिया कि उस्ताद जाकिर हुसैन की याद में हर साल 15 दिसंबर को एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा. यह आयोजन उनकी कला और व्यक्तित्व को सम्मानित करने और अगली पीढ़ी तक उनकी विरासत को पहुंचाने का माध्यम बनेगा.
भारत रत्न की मांग
कार्यक्रम के अंत में सभी कलाकारों और कला प्रेमियों ने एक सुर में उस्ताद जाकिर हुसैन को भारत रत्न से सम्मानित करने की मांग की. उन्होंने सरकार से अपील की कि उस्ताद जाकिर हुसैन के अप्रतिम योगदान को राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता दी जाए.
इस कार्यक्रम ने न केवल उस्ताद जाकिर हुसैन की कला को श्रद्धांजलि दी, बल्कि यह दिखाया कि जयपुर का कला जगत उनकी विरासत को जीवित रखने के लिए कितना समर्पित है.