मलिक असगर हाशमी / नई दिल्ली
जिम्बाब्वे के मजलिसुल उलेमा के सदर डॉ.इस्माइल मूसा मेनक का हिंदुओं को गाय का मांस परोसे जाने को लेकर आया एक बयान सुर्खियों में है. उनका यह बयान खास उन मुसलमानों के लिए जो अपने हिंदू दोस्त को गाय का मांस परोसते हैं.ऐसे मुसलमानों को लताड़ते हुए इसे ‘ईशनिंदा’ की संज्ञा दी है.
उन्होंने ऐसे मुसलमानों को नसीहत देते हुए कहा कि यदि आपका कोई हिंदू दोस्त सुअर के मांस वाला बर्गर पेष करे तो आपको कैसा लगेगा ?‘‘ उन्होंने कहा, ‘‘ यह सदमा पहुंचाने वाला है.’’जिम्बाब्वे के मजलिसुल उलेमा के सदर डॉ.इस्माइल मूसा मेनक
यहीं नहीं रूके. उन्होंने दोनों कौमों को नसीहत देते हुए कहा, ‘‘ ऐसी हरकतें करने की जगह अपने देश को समृद्ध बनाने को आगे आएं. बिल्ड द नेशन टूगेदर.’’
हालांकि पांच पहले इस्लामिक इंफ्लूऐंसर मुफ्ती मूसा मेनक के प्रवेष पर सिंगापुर सरकार नेयह कहते हुए प्रतिबंध लगा दिया था कि उनके बयान दो धर्मों के बीच वैमान्य बढ़ाने वाले होते हैं. सिंगापुर सरकार मेनक के इस बयान पर सहमत नहीं कि इस्लाम में किसी अन्य धर्म के त्योहर पर बधाई देने की इजाजत नहीं देता.
दूसरी ओर मुफ्ती मूसा मेनक के सौहार्द बढ़ाने वाले बयानों को हमेष चर्चा मिली है. उनके ताजा बयान को इंस्टाग्राम पर साझा करते हुए एक ने लिखा है, ‘‘ मुफ्ती मेंक की गहन अंतर्दृष्टि आहार प्रतिबंधों का सम्मान करने के सार पर प्रकाश डालती है.’ इसमें आगे कहा गया है, ‘ विविध आहार आवश्यकताओं का सम्मान करने, समावेशिता को बढ़ावा देने और सांस्कृतिक संवेदनशीलता का जश्न मनाने पर चर्चा में शामिल हों. आइए करुणा और समझ के साथ मतभेदों को स्वीकार करें.’
एक नजर में मुफ्ती इस्माइल मूसा मेनक
डॉ. इस्माइल मेनक मजलिसुल उलमा जिम्बाब्वे के मुफ्ती हैं. मजलिस जिम्बाब्वे का एक इस्लामी शैक्षिक और कल्याण संगठन है जो अपने देश के मुसलमानों की जरूरतों को पूरा करता है. मुफ्ती मेनक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध हैं . उन्हें अक्सर व्याख्यान देने के लिए आमंत्रित किया जाता है.
धार्मिक सिद्धांतों को समसामयिक परिवेश से जोड़ने की उनकी क्षमता ने उन्हें मुस्लिम युवाओं के बीच विशेष रूप से प्रभावशाली बना दिया है. उनकी वाक्पटुता और हास्य से गैर-मुस्लिम भी प्रभावित हुए बिना नहीं रहते.
सोशल मीडिया इनफ्लुएंसर हैं मुफ्ती मूसा मेनक
मुफ्ती मूसा मेनक के यूट्यूब वीडियो करीब लगभग आधे अरब लोग देखते हैं. इंस्टाग्राम पर उनके 7.7 मिलियन फॉलोवर्स हैं. वह दुनिया के 500 प्रभावशाली मुस्लिमों की सूची में भी शामिल हैं.मुफ्ती मेनक ने अपनी प्रारंभिक पढ़ाई जिम्बाब्वे के हरारे में की. उन्होंने अल-मदीना अल-मुनव्वरा विश्वविद्यालय से इस्लामी कानून में डिग्री प्राप्त की है. वह भारत के गुजरात में न्यायशास्त्र में विशेषज्ञता हासिल कर चुके हैं.
मुफ्ती मेनक जिम्बाब्वे के इस्लामिक विद्वानों की परिषद के फतवा विभाग के प्रमुख हैं जिन्हें मजलिसुल उलमा जिम्बाब्वे के नाम से जाना जाता है. वह हरारे में मस्जिद अल फलाह में इमामत भी करते हैं.