आवाज द वाॅयस / नई दिल्ली
दिल्ली प्रांत के जमीयत उलेमा की एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन मदरसा आलिया अरबिया, मस्जिद फतेहपुरी, चांदनी चौक में किया गया. बैठक की अध्यक्षता जमीयत उलेमा दिल्ली के अध्यक्ष मौलाना मुहम्मद मुस्लिम कासमी ने की. बैठक की शुरुआत जमीयत के संचालक कारी मुहम्मद साजिद फैजी द्वारा पवित्र कुरान की तिलावत से हुई, जिसने सभा में धार्मिक अनुशासन और आध्यात्मिकता का माहौल बनाया.
बैठक के मुख्य उद्देश्यों और लक्ष्यों पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए जमीयत उलमा दिल्ली के प्रमुख संचालक, मुफ्ती अब्दुल रज़ीक मज़ाहेरी ने मौजूदा सामाजिक और राजनीतिक हालात पर गंभीर चिंता व्यक्त की. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि किस प्रकार मुसलमानों पर फिरकापरस्त ताकतें अत्याचार और भेदभाव कर रही हैं, जिससे समुदाय में असुरक्षा का माहौल पैदा हो गया है.
उन्होंने सरकार और प्रशासन से अपील की कि वे इन फिरकापरस्त तत्वों का समर्थन न करें, बल्कि न्याय के पक्ष में खड़े हों और सभी नागरिकों के साथ समान व्यवहार करें.मुफ्ती अब्दुल रज़ीक ने इस बात पर भी चिंता जताई कि समाज में अनैतिकता और बुराइयाँ तेजी से बढ़ रही हैं, जो न केवल समुदाय को प्रभावित कर रही हैं बल्कि पूरी समाजिक व्यवस्था को कमजोर कर रही हैं.
उन्होंने कहा कि इन समस्याओं से निपटने के लिए व्यापक सुधार की आवश्यकता है. इसके लिए समाज में जागरूकता फैलाने और सुधार कार्यों को अंजाम देने हेतु एक नौ-सदस्यीय समिति का गठन किया गया.
इस समिति में कारी असरारुल हक कासमी, मुफ्ती गुलज़ार कासमी, मौलाना हसरत निज़ामुद्दीन कासिम, मौलाना मुहम्मद सलीम कासिम, मौलाना मुहम्मद उमर कासमी (उपाध्यक्ष), कारी दिलशाद अहमद कमर मजाहिरी (उपाध्यक्ष), जमील अहमद कासिम, मुहम्मद अयूब, कारी अब्दुल रज्जाक, मौलाना मुहम्मद शौकत, मुफ्ती तौहीद आलम कासिम, मुमताज अहमद कासिम, हाफिज मुहम्मद यामीन, अल-हज सलीम रहमानी, कारी फजलुर रहमान और डॉ. रजाउद्दीन शम्स जैसी प्रमुख हस्तियाँ शामिल हैं.
यह समिति न केवल समाज सुधार के लिए काम करेगी, बल्कि वह इस बात की भी देखरेख करेगी कि कैसे समाज में नैतिकता और धार्मिक मूल्यों को प्रोत्साहित किया जा सके.
बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि दिल्ली के सभी जिलों के जमीयत उलेमा के अधिकारियों को निर्देश जारी किए जाएं, ताकि वे अपने-अपने क्षेत्रों में अधिक सक्रिय होकर समाज सुधार के कार्यों को अंजाम दें. इसके तहत समाज में फैल रही बुराइयों, अनैतिकता और फिरकापरस्त गतिविधियों के खिलाफ आवाज उठाई जाएगी.
समाज सुधार के उद्देश्य
समाज सुधार के लिए गठित इस समिति का मुख्य उद्देश्य समाज में बढ़ती अनैतिकता, अशांति और फिरकापरस्ती के खिलाफ प्रभावी कदम उठाना है. बैठक में इस बात पर जोर दिया गया कि मुस्लिम समाज को वर्तमान चुनौतियों का सामना करते हुए अपनी नैतिक और धार्मिक जिम्मेदारियों को निभाना चाहिए. इसके लिए इस नौ-सदस्यीय समिति को व्यापक योजनाएँ बनाने और समाज के हर वर्ग को जागरूक करने का कार्य सौंपा गया है.
बैठक में उपस्थित प्रमुख उलेमा और जमीयत के अधिकारियों ने इस बात पर एकमत से सहमति व्यक्त की कि यह वक्त एकजुट होकर समाज में फैली समस्याओं का समाधान निकालने का है. इस संदर्भ में जमीयत उलेमा दिल्ली ने यह निर्णय लिया कि वे सभी धार्मिक और सामाजिक संगठनों के साथ मिलकर एक समर्पित योजना बनाएंगे, जिससे समाज में शांति और सद्भावना को पुनः स्थापित किया जा सके.
भविष्य की राह
जमीयत उलेमा दिल्ली की यह बैठक केवल एक औपचारिक सभा नहीं थी, बल्कि यह वर्तमान समय की ज्वलंत समस्याओं पर गंभीर विचार-विमर्श और उनके समाधान की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम थी। जमीयत के नेतृत्व ने यह सुनिश्चित किया है कि समाज में सुधार कार्यों को ठोस रूप से लागू किया जाए, ताकि आने वाली पीढ़ियाँ एक सुरक्षित और समृद्ध समाज में जीवन व्यतीत कर सकें.
इस बैठक में लिए गए निर्णयों से यह उम्मीद जागी है कि जमीयत उलेमा का यह प्रयास समाज में नैतिकता, सद्भावना और न्याय की बहाली के लिए मील का पत्थर साबित होगा.