आवाज द वाॅयस /नई दिल्ली
मुस्लिम राष्ट्रीय मंच (एमआरएम) ने नई दिल्ली के उर्दू घर में एक अहम बैठक का आयोजन किया. यह बैठक मंच के 23वें स्थापना दिवस (24 दिसंबर) के उपलक्ष्य में हुई. बैठक के दौरान राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत के हालिया बयान का समर्थन किया गया. मंच ने सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित करते हुए कहा कि मंदिर-मस्जिद विवादों में उलझने के बजाय देश को विकास और समरसता पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए.
भागवत के बयान, जिसमें उन्होंने मंदिरों के नीचे मस्जिद खोजने की गतिविधियों को अनावश्यक बताया था, की सराहना करते हुए मंच ने कहा कि यह विचार 142 करोड़ भारतीयों के बीच भाईचारे और एकजुटता को मजबूत करता है. मंच ने राजनीतिक दलों से अपील की कि वे इन मुद्दों को राजनीतिक लाभ के लिए न भुनाएं और समाज में शांति बनाए रखने में सहयोग करें.
संभल और बांग्लादेश के मुसलमानों को संदेश
मंच ने संभल और बांग्लादेश के मुसलमानों को मोहन भागवत के विचारों पर गंभीरता से विचार करने की अपील की. मंच ने कहा कि भागवत के विचार किसी समुदाय के खिलाफ नहीं, बल्कि समाज को जोड़ने और भारत को मजबूत बनाने के लिए हैं.
बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचारों पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए मंच ने बांग्लादेश सरकार से हिंदू, बौद्ध और अन्य अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा सुनिश्चित करने की अपील की.संभल जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में मुस्लिम समुदाय को संबोधित करते हुए मंच ने कहा कि उन्हें राजनीतिक दलों के षड्यंत्रों से बचना चाहिए और सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखना चाहिए.
कार्यक्रम की अध्यक्षता मंच के मार्गदर्शक इंद्रेश कुमार ने की. बैठक में मंच के सभी प्रमुख पदाधिकारी, राष्ट्रीय संयोजक और सह संयोजक शामिल हुए. बैठक का उद्देश्य आगामी रणनीतियों पर विचार करना और राष्ट्रीय महत्व के विषयों पर चर्चा करना था.
बैठक में मंच के वरिष्ठ सदस्यों में मोहम्मद अफजाल, डॉ. शाहिद अख्तर, अबु बकर नकवी, विराग पाचपोर, डॉ. माजिद तालिकोटी, डॉ. शालिनी अली, शाहिद सईद, सैयद रजा हुसैन रिजवी, हाफिज साबरीन, इमरान चौधरी, फैज खान और शाकिर हुसैन जैसे नाम प्रमुख रहे.
वक्फ बोर्ड संशोधन विधेयक का समर्थन
बैठक में केंद्र सरकार द्वारा पेश किए गए वक्फ बोर्ड संशोधन विधेयक का समर्थन किया गया. मंच ने इसे मुसलमानों और देश के विकास के लिए आवश्यक बताया. मंच ने वक्फ संपत्तियों के दुरुपयोग को रोकने और इनका सही प्रबंधन सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर जोर दिया. मंच ने सुझाव दिया कि इन संपत्तियों का उपयोग विधवाओं, अनाथों और जरूरतमंदों की मदद के लिए किया जाना चाहिए.
राष्ट्रीय एकता और समरसता का आह्वान
मंच ने बैठक में कहा कि भारत की एकता और सांप्रदायिक सौहार्द को एक उत्सव की तरह मनाया जाना चाहिए. अल्पसंख्यकों से अपील की गई कि वे सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाते हुए राष्ट्र निर्माण में सक्रिय योगदान दें. मंच ने कहा कि "सबका साथ, सबका विकास" की नीति अपनाकर भारतीय मुसलमान देश के विकास में महत्वपूर्ण भागीदार बन सकते हैं.
आगामी योजनाओं पर मंथन
बैठक का समापन मंच के आगामी कार्यक्रमों और योजनाओं पर चर्चा के साथ हुआ. मंच ने यह संकल्प लिया कि वह राष्ट्रीय और सामाजिक मुद्दों पर जागरूकता फैलाने के लिए पूरे देश में सक्रिय रहेगा. इसके साथ ही, भारतीय मुसलमानों को राष्ट्र निर्माण में सहभागी बनाने के लिए निरंतर प्रयास करता रहेगा.