डॉ. मनमोहन सिंह के निधन से उद्योग जगत में शोक

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 27-12-2024
Industry world mourns the death of Dr. Manmohan Singh
Industry world mourns the death of Dr. Manmohan Singh

 

आवाज द वाॅयस / नई दिल्ली

भारत के पूर्व प्रधानमंत्री और आर्थिक सुधारों के सूत्रधार डॉ. मनमोहन सिंह के निधन से देश में शोक की लहर है. उन्हें भारतीय अर्थव्यवस्था को 1991 के कठिन दौर से उबारने और आर्थिक उदारीकरण की नींव रखने के लिए हमेशा याद किया जाएगा.

डॉ. सिंह के निधन पर उद्योग जगत, आर्थिक विशेषज्ञों और नेताओं ने भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की. उनकी आर्थिक दूरदर्शिता और विनम्र व्यक्तित्व को याद करते हुए, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, "डॉ. मनमोहन सिंह ने 1991 का ऐतिहासिक बजट पेश किया, जिसने भारतीय अर्थव्यवस्था को एक नई दिशा दी. उनकी मृदुभाषिता और सौम्यता के लिए सभी उनका सम्मान करते थे. उनके परिवार और मित्रों के प्रति मेरी संवेदनाएं."

प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के सदस्य संजीव सान्याल ने डॉ. सिंह की उपलब्धियों को ऐतिहासिक बताते हुए कहा, "भारत के लिए 1991 एक निर्णायक वर्ष था, जिसने आर्थिक स्वतंत्रता का मार्ग प्रशस्त किया. डॉ. मनमोहन सिंह को हमेशा उस महान उदारीकरण के लिए याद किया जाएगा, जिसने भारतीय अर्थव्यवस्था को बदल दिया."

उद्योग जगत ने दी श्रद्धांजलि

जेएसडब्ल्यू ग्रुप के अध्यक्ष सज्जन जिंदल ने कहा, "डॉ. मनमोहन सिंह ने भारतीय अर्थव्यवस्था को उदारीकृत कर वैश्विक मंच पर खड़ा किया. उनकी दूरदर्शिता और नेतृत्व के लिए भारत हमेशा उनका ऋणी रहेगा."
अदानी ग्रुप के अध्यक्ष गौतम अदानी ने कहा, "1991 के आर्थिक सुधार भारत के इतिहास में मील का पत्थर साबित हुए. डॉ. सिंह का शांत और स्थिर नेतृत्व आने वाली पीढ़ियों को प्रेरणा देता रहेगा."

महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन आनंद महिंद्रा ने भावुक होकर कहा, "डॉ. मनमोहन सिंह ने भारत से प्रेम किया और इसे अपने पूरे जीवन की सेवा दी. उनकी विदाई एक युग के अंत का प्रतीक है। ओम शांति."आरपीजी ग्रुप के अध्यक्ष हर्ष गोयनका ने कहा, "डॉ. सिंह एक ऐसे नेता थे, जिन्होंने शब्दों से ज्यादा अपने कार्यों से बात की. उनके शांत स्वभाव ने उनके परिवर्तनकारी योगदान को और प्रभावशाली बनाया."

भारत के आर्थिक सुधारों के शिल्पकार

1991 के आर्थिक संकट के समय, तत्कालीन प्रधानमंत्री पी. वी. नरसिम्हा राव के नेतृत्व में डॉ. सिंह ने वित्त मंत्री के रूप में भारत को आर्थिक उदारीकरण के पथ पर अग्रसर किया. उन्होंने विदेशी निवेश, उद्योगों के निजीकरण, और व्यापार में सुधार के जरिए भारतीय अर्थव्यवस्था को नए आयाम दिए.

डॉ. सिंह का जीवन केवल आर्थिक सुधारों तक सीमित नहीं था। उनकी विनम्रता, ईमानदारी, और शालीनता उनके व्यक्तित्व के मूल तत्व थे. आज, जब भारत एक वैश्विक आर्थिक शक्ति के रूप में उभर रहा है, तो उनके योगदान को अनदेखा नहीं किया जा सकता.

देश ने एक ऐसे नेता को खो दिया है, जिसने न केवल राजनीतिक मंच पर बल्कि आर्थिक क्षेत्र में भी अपनी अमिट छाप छोड़ी. डॉ. मनमोहन सिंह की विरासत हमेशा भारतीय आर्थिक इतिहास में एक प्रेरणास्त्रोत बनी रहेगी.

डॉ. सिंह, आपने न केवल भारत के लिए, बल्कि हर भारतीय के लिए एक बेहतर भविष्य का सपना देखा और उसे साकार करने का प्रयास किया। भारत आपकी सेवाओं को कभी नहीं भूलेगा."