भारतीय संविधान, सामाजिक समरसता और न्याय का आधार : डॉ. फैज़ान मुस्तफा

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 19-12-2024
Indian Constitution: The Foundation of Social Harmony and Justice: Dr. Faizan Mustafa
Indian Constitution: The Foundation of Social Harmony and Justice: Dr. Faizan Mustafa

 

आवाज द वाॅयस /नई दिल्ली

चाणक्य लॉ यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ. फैज़ान मुस्तफा ने कहा कि भारतीय संविधान के जरिए सामाजिक सामंजस्य और अल्पसंख्यक अधिकारों की रक्षा जरूरी है. मुस्तफा राष्ट्रीय अल्पसंख्यक शैक्षिक संस्थानों आयोग (NCMEI) द्वारा  बुधवार को नई दिल्ली में  आयोजित 20वें स्थापना दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे.

उन्होंने कहा कि भारत का कानूनी ढांचा समानता और न्याय के सिद्धांतों पर आधारित है, जो सभी नागरिकों के लिए समावेशी प्रगति को सुनिश्चित करता है. यह आयोजन शिक्षा, सामाजिक समावेशन और राष्ट्रीय एकता के मुद्दों पर गहन विचार-विमर्श का साक्षी बना.

इसमें केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, मुस्लिम राष्ट्रीय मंच (MRM) के मुख्य संरक्षक इंद्रेश कुमार, NCMEI के कार्यवाहक अध्यक्ष डॉ. शाहिद अख्तर, राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष इकबाल सिंह ललपुरा, और चाणक्य लॉ यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ. फैज़ान मुस्तफा सहित कई विशिष्ट हस्तियां शामिल हुईं.


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धर्मेंद्र प्रधान: शिक्षा और संविधान को मजबूत बनाने पर जोर

केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने अल्पसंख्यकों के लिए शिक्षा में सुधार और संवैधानिक अधिकारों के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा,"प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि हर नागरिक, विशेष रूप से वंचित वर्ग, देश की प्रगति में भागीदार बने."

प्रधान ने अल्पसंख्यक संस्थानों से राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 को अपनाने और लागू करने का आह्वान किया. उन्होंने इसे भारत की शिक्षा प्रणाली को कौशल विकास और समावेशी शिक्षा के नए युग में ले जाने वाला कदम बताया.


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इंद्रेश कुमार: विविधता में एकता का संदेश

मुस्लिम राष्ट्रीय मंच (MRM) के मुख्य संरक्षक इंद्रेश कुमार ने भारत की सांस्कृतिक विविधता और धर्मों के बीच साझा धरोहर को रेखांकित किया. उन्होंने कहा कि हिंदू और मुसलमान शांति और सह-अस्तित्व के साथ रहते हैं.

उन्होंने कहा,"जो लोग समाज में विभाजन की कोशिश करते हैं, उन्हें पहचानकर उनका विरोध करना चाहिए,"  कुमार ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की स्थिति पर भी चिंता जताई और इसे सुधारने के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता पर बल दिया.

डॉ. शाहिद अख्तर: दो दशकों की प्रेरक यात्रा

NCMEI के कार्यवाहक अध्यक्ष डॉ. शाहिद अख्तर ने आयोग की 20 वर्षों की यात्रा और उसकी उपलब्धियों पर प्रकाश डाला. उन्होंने कहा कि आयोग ने अल्पसंख्यक-प्रबंधित शैक्षिक संस्थानों को सशक्त बनाकर उन्हें गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने में सक्षम बनाया है.डॉ. अख्तर ने कहा,"ये संस्थान आज अपने बहुसंख्यक समकक्षों के बराबर खड़े हैं और युवाओं को राष्ट्र निर्माण में योगदान देने के लिए सशक्त बना रहे हैं." 

इक़बाल सिंह ललपुरा: राष्ट्रीय एकता में सामंजस्य का महत्व

राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष इक़बाल सिंह ललपुरा ने धार्मिक भेदभाव से परे एकजुट भारत के निर्माण का संदेश दिया. उन्होंने कहा कि विविधता में एकता ही भारत की प्रगति की कुंजी है.ललपुरा ने कहा,"हम सभी भाई हैं - हिंदू, मुसलमान, सिख, और ईसाई। हमें मिलकर भारत को समृद्ध और मजबूत बनाना है." 


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वीडियो संदेश 

दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना और अभिनेता बोमन ईरानी ने वीडियो संदेश के जरिए अल्पसंख्यक और बहुसंख्यक समुदायों के बीच आपसी सम्मान और सहयोग बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया.

सामूहिक एकता का आह्वान

इस आयोजन ने न केवल NCMEI की दो दशकों की सेवा का जश्न मनाया, बल्कि भारत को एक समावेशी, प्रगतिशील और एकजुट राष्ट्र बनाने की दिशा में ठोस प्रयासों की आवश्यकता को भी रेखांकित किया.कार्यक्रम के समापन पर यह स्पष्ट हुआ कि भारत का भविष्य उसकी विविधता को स्वीकार करने और एकजुटता के साथ राष्ट्रीय समृद्धि के मार्ग पर चलने में है.