आवाज द वाॅयस / नई दिल्ली
पाकिस्तान अपनी नीतियों और आतंरिक अस्थिरता के कारण गंभीर संकट में घिरता जा रहा है. हालिया घटनाओं से स्पष्ट है कि पाकिस्तान न केवल राजनीतिक बल्कि सामाजिक विघटन की ओर भी बढ़ रहा है. इसके विपरीत, भारत अपनी सांस्कृतिक विविधता और धार्मिक सहिष्णुता के चलते एक मजबूत राष्ट्र के रूप में उभर रहा है.
मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के मार्गदर्शक डॉ. इंद्रेश कुमार ने इस संदर्भ में कहा कि पाकिस्तान की क्रूरता और आतंरिक अस्थिरता उसकी पहचान की राजनीति को खतरे में डाल रही है. उन्होंने यहां आयोजित एक इफ्तार समारोह में यह विचार साझा किए.
पाकिस्तान का राजनीतिक और सामाजिक विघटन
डॉ. इंद्रेश कुमार ने पाकिस्तान की मौजूदा स्थिति को उसकी नीतियों का परिणाम बताया. उन्होंने कहा, "जो जन्म लेता है, उसे मौत आती है. यह पाकिस्तान के साथ भी होगा, मगर भारत अजन्मा है, अमर है."
उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत शांति और विकास के मार्ग पर चलते हुए विश्वशक्ति बन गया है, जबकि पाकिस्तान ने आतंकवाद और विभाजन को अपनाकर खुद को अलगाववाद और विद्रोह के दलदल में धकेल दिया है.
बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (BLA) द्वारा जाफर एक्सप्रेस हाईजैक की घटना ने पाकिस्तान की आंतरिक सुरक्षा की पोल खोल दी है. इस ऑपरेशन में 214 बंधकों की हत्या का दावा किया गया, जबकि पाकिस्तानी सेना ने भीषण संघर्ष में 33 BLA लड़ाकों को मारने का दावा किया. यह घटना बताती है कि पाकिस्तान में हालात कितने बिगड़ चुके हैं.
भारत में सांप्रदायिक सौहार्द का संदेश
इसके विपरीत, दिल्ली के निज़ामुद्दीन में आयोजित भव्य इफ्तार में भारत की साझी संस्कृति और गंगा-जमुनी तहज़ीब की झलक देखने को मिली. मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के राष्ट्रीय संयोजक डॉ. शालिनी अली और बिलाल उर रहमान द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में विभिन्न समुदायों के लोगों ने भाग लिया.
इस अवसर पर राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के चेयरमैन इकबाल सिंह लालपुरा, NCMEI के कार्यकारी अध्यक्ष डॉ. शाहिद अख्तर, वरिष्ठ पत्रकार शाहिद सईद, झंडेवालान मंदिर के ट्रस्टी रवींद्र गोयल, हज़रत निजामुद्दीन औलिया दरगाह के अमीन सैयद अफसर अली निजामी,नूंह से पूर्व विधायक और भाजपा नेता जाकिर हुसैन एवं उनकी पत्नी समेत विभिन्न धार्मिक और सामाजिक संगठनों के प्रमुख लोग शामिल हुए.
भारत की ताकत: विविधता में एकता
इफ्तार के दौरान इकबाल सिंह लालपुरा ने कहा, "भारत की ताकत उसकी विविधता में है. हम यहां हर पर्व को एकजुटता के साथ मनाते हैं, चाहे वह रमज़ान हो, होली हो, ईद हो या ईस्टर."
वहीं, डॉ. शाहिद अख्तर ने कहा कि "समाज में शिक्षा और जागरूकता से ही प्रगति और सौहार्द आ सकता है. जब हम ज्ञान और समझ के माध्यम से एक-दूसरे को अपनाएंगे, तभी सच्चा विकास संभव होगा."
भारत की एकता बनाम पाकिस्तान का बिखराव
भारत में जहां सभी धर्मों और जातियों के लोग एक-दूसरे के त्योहारों में शामिल होकर प्रेम और सौहार्द का संदेश दे रहे हैं, वहीं पाकिस्तान कट्टरपंथ और आतंकवाद के अंधकार में डूबा हुआ है. बलूचिस्तान, सिंध, खैबर पख्तूनख्वा और गिलगित- बाल्टिस्तान में बढ़ते असंतोष के चलते पाकिस्तान की अखंडता पर गंभीर संकट मंडरा रहा है.
डॉ. इंद्रेश कुमार ने कहा, "जब भारत में सभी धर्म और समुदाय एक साथ भाईचारे और शांति का संदेश दे रहे हैं, तब पाकिस्तान अपनी स्वाभाविक मौत मर रहा है और चार टुकड़ों में बंटने की कगार पर खड़ा है."
उन्होंने आगे कहा कि पाकिस्तान में आम लोग भी अब खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं. यहां तक कि पाकिस्तान के नागरिकों को लगता है कि चीन उन पर कब्जा कर सकता है. यह डर पाकिस्तानियों को लगातार परेशान कर रहा है.
क्या पाकिस्तान टूटने की कगार पर है?
आज पाकिस्तान का हर प्रांत असंतोष की आग में जल रहा है. वहां की जनता सरकार और सेना दोनों से त्रस्त हो चुकी है. बलूचिस्तान में स्वतंत्रता की मांग तेज हो रही है, सिंध और खैबर पख्तूनख्वा में भी अलगाववादी आंदोलन बढ़ रहे हैं। पाकिस्तान के आर्थिक हालात भी बेहद खराब हैं, जिससे वह वैश्विक कर्ज के दबाव में और अधिक फंसता जा रहा है.
इसके विपरीत, भारत में सभी समुदायों के लोग एक साथ मिलकर देश को आगे बढ़ा रहे हैं. सांप्रदायिक सौहार्द और मेलमिलाप की मिसाल बनकर भारत आगे बढ़ रहा है, जबकि पाकिस्तान अपने ही जाल में फंसकर टूटने की कगार पर खड़ा है.
भारत जहां साझी संस्कृति, गंगा-जमुनी तहज़ीब और सामाजिक सद्भाव के आधार पर अपनी मजबूती को और बढ़ा रहा है, वहीं पाकिस्तान अलगाववाद और आंतरिक विद्रोह के कारण कमजोर होता जा रहा है.
इफ्तार जैसे आयोजनों में सभी धर्मों के लोगों की भागीदारी भारत की सहिष्णुता और भाईचारे का सबसे सशक्त उदाहरण है. दूसरी ओर, पाकिस्तान की स्थिति दिन-ब-दिन गंभीर होती जा रही है. यदि पाकिस्तान अपनी नीतियों में बदलाव नहीं करता, तो उसका विघटन अब तय माना जा सकता है.