आवाज द वाॅयस/ नई दिल्ली
भारत और कतर के बीच आर्थिक सहयोग को मजबूत करने के उद्देश्य से 18 फरवरी को नई दिल्ली में भारत-कतर संयुक्त व्यापार मंच का आयोजन किया गया. यह आयोजन भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) और उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (DPIIT) की साझेदारी में किया गया, जिसमें कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद बिन खलीफा अल थानी की भारत यात्रा के दौरान उच्च स्तरीय चर्चा हुई.
इस संयुक्त व्यापार मंच में भारत के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल और कतर के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री शेख फैसल बिन थानी बिन फैसल अल थानी ने मुख्य भाषण दिया. दोनों देशों के वरिष्ठ अधिकारियों, उद्योगपतियों और व्यापारिक नेताओं ने भी इस आयोजन में भाग लिया.
अपने उद्घाटन भाषण में पीयूष गोयल ने भारत की 2047 तक 30-35 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की महत्वाकांक्षा को दोहराया. उन्होंने बताया कि भारत और कतर के बीच ऊर्जा व्यापार का लंबा इतिहास रहा है, लेकिन अब यह साझेदारी हाइड्रोकार्बन से आगे बढ़कर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), क्वांटम कंप्यूटिंग, इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) और सेमीकंडक्टर जैसे अत्याधुनिक क्षेत्रों तक फैल रही है.
श्री गोयल ने कहा कि जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों, बदलती भू-राजनीतिक परिस्थितियों और साइबर सुरक्षा के बढ़ते खतरों के बीच आत्मनिर्भरता भारत की प्राथमिकता बन गई है.
उन्होंने यह भी बताया कि भारत में कारोबार करने की लागत कम करने और व्यापार करने में आसानी (Ease of Doing Business - EoDB) को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण सुधार किए गए हैं, जिससे वैश्विक निवेशकों के लिए भारत एक आकर्षक गंतव्य बना है.
कतर के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री शेख फैसल बिन थानी बिन फैसल अल थानी ने भारत-कतर संबंधों को महज एक लेन-देन नहीं, बल्कि आपसी सम्मान, साझा हितों और आर्थिक सहयोग पर आधारित एक परंपरा बताया. उन्होंने कहा कि भारत, कतर का तीसरा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार बन गया है और दोनों देशों के बीच व्यापार लगातार बढ़ रहा है.
उन्होंने भारतीय निवेशकों को कतर में निवेश के लिए आमंत्रित किया और कहा कि कतर एक विविध, गतिशील और निवेशक-अनुकूल स्थान है. उन्होंने यह भी कहा कि कतर की सरकार ने वैश्विक निवेशकों की सहायता के लिए कतर वित्तीय केंद्र (QFC) की स्थापना की है, जो व्यवसायों को आकर्षित करने और निजी इक्विटी निवेश को सुविधाजनक बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है.
भारत सरकार के वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री जितिन प्रसाद ने भारत की आर्थिक वृद्धि और नवाचार-संचालित प्रणाली पर जोर दिया. उन्होंने बताया कि भारत ने पिछले दशक में 40,000 अनुपालन सुधारों के माध्यम से 709 अरब अमेरिकी डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) आकर्षित किया है.
उन्होंने यह भी कहा कि भारत की डिजिटल क्रांति ने व्यापार और निवेश के नए अवसर खोले हैं. कतर नेशनल बैंक (QNB) और नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) के बीच साझेदारी डिजिटल भुगतान को और बढ़ाएगी.
उन्होंने कतर को भारत के स्टार्टअप महाकुंभ 2025 में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया, जिससे दोनों देशों के बीच स्टार्टअप और नवाचार प्रणाली में सहयोग को बढ़ावा मिलेगा।
कतर के विदेश व्यापार मामलों के राज्य मंत्री डॉ. अहमद अल-सईद ने भारत-कतर व्यापारिक संबंधों में विविधता की आवश्यकता पर बल दिया. उन्होंने कहा कि भारत और कतर को पारंपरिक ऊर्जा क्षेत्र से आगे बढ़कर इलेक्ट्रिक वाहन (EV), विनिर्माण और अन्य गैर-तेल और गैस क्षेत्रों में निवेश की संभावनाएं तलाशनी चाहिए.
इस मंच के दौरान व्यापार और निवेश सहयोग को बढ़ाने के लिए दो प्रमुख समझौता ज्ञापनों (MoUs) पर हस्ताक्षर किए गए:
भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) और कतर व्यापार संघ के बीच सहयोग.
इन्वेस्ट इंडिया और इन्वेस्ट कतर के बीच व्यापारिक अवसरों को बढ़ाने के लिए साझेदारी.
इन समझौतों का उद्देश्य व्यापार सहयोग को सुगम बनाना, निवेश प्रवाह को बढ़ाना और रणनीतिक क्षेत्रों में दीर्घकालिक सहयोग स्थापित करना है.
कार्यक्रम के दौरान तीन प्रमुख पैनल चर्चाएं आयोजित की गईं, जिनमें निम्नलिखित विषयों पर विचार-विमर्श किया गया:
नवाचार और कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) - भारत और कतर के बीच तकनीकी सहयोग को बढ़ावा देना.
सौर ऊर्जा और नवीकरणीय ऊर्जा - स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्र में निवेश और सहयोग.
लॉजिस्टिक्स और उन्नत विनिर्माण - व्यापारिक सुगमता और औद्योगिक विकास में सहयोग.
भारत और कतर के बीच द्विपक्षीय व्यापार वित्त वर्ष 2023-24 में 15 अरब अमेरिकी डॉलर को पार कर गया है. इस साझेदारी को और मजबूत करने के लिए व्यापार मंच में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। DPIIT के संयुक्त सचिव संजीव ने 3-5 अप्रैल 2025 तक आयोजित होने वाले स्टार्टअप इंडिया महाकुंभ में कतर की भागीदारी का स्वागत किया और इसे भारत में तकनीकी और नवाचार निवेश के लिए एक ऐतिहासिक अवसर बताया.
सीआईआई के अध्यक्ष श्री संजीव पुरी ने ऊर्जा सुरक्षा, कृषि, स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र और कौशल विकास जैसे प्रमुख क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ाने पर जोर दिया. उन्होंने कतर को भारत की उभरती अर्थव्यवस्था में निवेश करने का आमंत्रण दिया और कहा कि दोनों देशों के बीच ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग अक्षय ऊर्जा लक्ष्यों को प्राप्त करने में सहायक होगा.
भारत-कतर व्यापार मंच ने दोनों देशों की व्यापारिक संभावनाओं को बढ़ाने और निवेश के नए रास्ते खोलने की प्रतिबद्धता को मजबूत किया है. भारत और कतर आर्थिक विकास, नवाचार और सतत विकास के नए अवसरों का लाभ उठाते हुए अपनी ऐतिहासिक साझेदारी को और आगे बढ़ाने के लिए तैयार हैं.
इस आयोजन से द्विपक्षीय व्यापार और निवेश सहयोग में एक नया अध्याय जुड़ने की उम्मीद है, जो दोनों देशों के आर्थिक और रणनीतिक हितों को मजबूती प्रदान करेगा.