आवाज़ द वॉयस /नई दिल्ली
भारत और मलेशिया ने द्विपक्षीय सुरक्षा सहयोग को नए आयाम तक ले जाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है. दोनों देशों के बीच पहली सुरक्षा वार्ता 7 जनवरी 2025 को नई दिल्ली में आयोजित की गई. इस वार्ता की सह-अध्यक्षता भारत के प्रधानमंत्री के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और मलेशिया की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के महानिदेशक राजा दातो नुशीरवान बिन जैनल आबिदीन ने की.
इस ऐतिहासिक बैठक के दौरान, दोनों देशों ने वैश्विक और क्षेत्रीय सुरक्षा परिदृश्य पर गहन विचार-विमर्श किया. सुरक्षा, रक्षा, और समुद्री क्षेत्रों में चल रहे द्विपक्षीय सहयोग की समीक्षा करते हुए, दोनों पक्षों ने कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर सहमति व्यक्त की:
आतंकवाद और कट्टरपंथ से निपटना: दोनों देशों ने आतंकवाद और उग्रवाद के खतरों से निपटने के लिए आपसी सहयोग को मजबूत करने की प्रतिबद्धता जताई.
साइबर सुरक्षा: डिजिटल युग में साइबर खतरों का मुकाबला करने के लिए द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने पर जोर दिया गया.
रक्षा उद्योग और समुद्री सुरक्षा: रक्षा उद्योग में साझेदारी को गहरा करने और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा को सुदृढ़ बनाने के उपायों पर चर्चा हुई.
महत्वपूर्ण खनिज और दुर्लभ पृथ्वी तत्वों में सहयोग:दोनों देशों ने आर्थिक और तकनीकी क्षेत्र में इस सहयोग को बढ़ाने की संभावनाओं की तलाश की.
वार्षिक वार्ता का निर्णय
इस वार्ता को अधिक संगठित और प्रभावी बनाने के लिए इसे हर वर्ष आयोजित करने का निर्णय लिया गया. इससे भारत और मलेशिया के बीच सुरक्षा सहयोग में निरंतरता और गहराई आने की उम्मीद है.
पृष्ठभूमि और रणनीतिक साझेदारी का विस्तार
यह वार्ता अगस्त 2024 में मलेशिया के प्रधानमंत्री दातो सेरी अनवर इब्राहिम की भारत यात्रा का परिणाम है. यह यात्रा भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निमंत्रण पर हुई थी, जिसमें दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों को व्यापक रणनीतिक साझेदारी के स्तर तक बढ़ाने का फैसला किया. इस दौरान, भारत और मलेशिया ने सुरक्षा सहयोग को प्राथमिकता देने पर सहमति जताई थी.
प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम की यात्रा के दौरान भारत और मलेशिया के बीच रक्षा, व्यापार और सांस्कृतिक सहयोग को बढ़ाने पर भी चर्चा हुई थी. यह वार्ता उसी दिशा में एक ठोस कदम है और दोनों देशों के बीच विश्वास और समझ का एक मजबूत आधार तैयार करती है.
भारत-मलेशिया संबंधों में नया अध्याय
इस सुरक्षा वार्ता ने न केवल भारत और मलेशिया के द्विपक्षीय संबंधों को मजबूती प्रदान की है, बल्कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति और स्थिरता के लिए एक नई साझेदारी की नींव भी रखी है.वार्ता के बाद, दोनों देशों के प्रतिनिधियों ने यह विश्वास व्यक्त किया कि इस पहल से भारत और मलेशिया के बीच आर्थिक, सामाजिक और सुरक्षा संबंध और अधिक सशक्त होंगे.
यह वार्ता वैश्विक सुरक्षा चुनौतियों के बीच दो मित्र देशों के बीच आपसी सहयोग और एकता का उत्कृष्ट उदाहरण है.