महाकुंभ होटल फुल: काशी में एक मुस्लिम परिवार ने 40 हिन्दुओं को अपने घर में जगह दी

Story by  ओनिका माहेश्वरी | Published by  onikamaheshwari | Date 15-02-2025
In Kashi, a Muslim family gave space in his house to 40 Hindus.
In Kashi, a Muslim family gave space in his house to 40 Hindus.

 

ओनिका माहेश्वरी/ नई दिल्ली

किसी जमाने में बशीर बद्र साहब ने कहा था कि सात संदूको में बंद करके रख दो नफ़रतें, आज इंसान को मोहब्बत की जरूरत है बहुत.
 
ताजा खबर बनारस से आई है. जहां पर एक मुस्लिम व्यक्ति ने 40 हिंदुओं को अपने घर में जगा दी. उनके रहने, खाने का इंतजाम किया और उनको किसी प्रकार की कोई परेशानी का सामना ना करना पड़े इस बात की पूरी व्यवस्था की.
 
 
जैसा कि हम सभी जानते हैं कि इस वक्त प्रयागराज में महाकुंभ जारी है. जहां श्रद्धालुओं का ताता दिन प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है. साथ ही जो लोग महाकुंभ में आस्था की डुबकी लगा रहे हैं. वह काशी की ओर भी रुख कर रहे हैं और बनारस के घाटों पर भी जा रहे हैं. 
 
ऐसे में सलीम मर्चेंट साहब जो काशी के निवासी हैं और जब उन्होंने देखा कि यहां पर होटल में लोगों के रुकने की कोई व्यवस्था नहीं है तब उन्होंने अपने घर में हिंदू भाइयों को पनाह दी. उनके परिवार का ख्याल रखा और उनके वहां ठहरने की पूरी व्यवस्था की.
 
 
इनके मकान में हरियाणा और राजस्थान से आए हुए हिंदू परिवारों ने अच्छा समय व्यतीत किया और हिंदू मुस्लिम एकता की मिसाल पेश की. 
 
ऐसे समय में जहां हर तरफ नफरत का माहौल हो. ऐसी घटनाएं हमें याद दिलाती हैं कि हम हिंदुस्तानी हैं, जहां हम सब मिलकर एक साथ रहते हैं और सबसे बड़ा धर्म मानवता को मानते हैं.
 
 
हिसार से आए एक गायक कलाकार ने बताया कि वे काशी में काफी परेशान हुए जब उन्हें किसी भी होटल में रुकने की जगह नहीं मिली इसके बाद उन्हें सलीम मर्चेंट के घर में जगह मिली. हमारी सेवा और आदर सम्मान करने में उन्होंने कोई कोर कसर नहीं छोड़ी इस बात से मेरा मन बहुत खुश है और यही हिंदुस्तान की एकता की असली तस्वीर है.
 
हिसार से आए अन्य लोगों ने बताया कि जब हम अपनी गाड़ी से उतरे तो यहां पर हमें सलीम भाई की पत्नी मिली जिन्हें हमने अपनी परेशानी के बारे में बताया इसके बाद तुरंत सलीम भाई के परिवार ने हमारी मदद की हमें अपने घर में पनाह दी.
 
 
तब तक हमें यह मालूम नहीं था कि यह लोग मुसलमान है.जब हमें इस बात की जानकारी मिली तो एक बार हमारा दिल थोड़ा घबराया लेकिन जब हमने इनका आदर सत्कार देखा तो हमें इस बात का यकीन हो गया की मानवता सर्वोपरि है और हिंदुस्तान में मोहब्बत के लिए अभी भी जगह है. ऐसे समय में जब राजनीति और नफरत का बाजार लगा है. ऐसा सौहार्दपूर्ण नजारा देखकर मेरा मन प्रसन्न है हमें यहां किसी प्रकार की कोई परेशानी नहीं हुई.
 
 
राजस्थान से आए लोगों ने भी कहा कि जैसे ही हमारी परेशानी के बारे में सलीम भाई के परिवार को पता चला तो इनका बेटा, उनकी बेटी और उनकी पत्नी ने हमारी आओ भगत में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी हमारा नहाना खाना रुकना हर चीज की यहां व्यवस्था की गई साथ ही हमने काशी के मंदिरों के दर्शन किए.
 
 
अगर सलीम भाई हमें अपने घर में जगह नहीं देते तो हमारी यात्रा सफल नहीं होती सलीम भाई के कारण ही हमें किसी प्रकार की कोई परेशानी नहीं हुई सलीम भाई ने एक अनजान शहर में मसीहा बनकर हमारी मदद की. हमारे साथ बच्चे और औरतें भी थी हमने जैसे ही इन्हें बताया कि हम 40 लोग हैं इन्होंने सिर्फ एक शब्द कहा मोस्ट वेलकम.
 
काशी के लोकल यूट्यूब चैनल से हमे एकता, भाईचारे से परिपूर्ण की घटना देखने को मिली. जिसका वीडियो नीचे दिया गया है. आवाज द वॉयस हिंदू मुस्लिम एकता, गंगा जमुना तहजीब से परिपूर्ण खबरें आप तक पहुंचाने के लिए हमेशा प्रयासरत है.