नागपुर में वक्फ संशोधन पर ऐतिहासिक बैठक, गैर मुस्लिम बुद्धिजीवियों ने जाना सच

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 20-04-2025
Historic meeting on Waqf amendment in Nagpur, non-Muslim intellectuals learned the truth
Historic meeting on Waqf amendment in Nagpur, non-Muslim intellectuals learned the truth

 

ग़ुलाम क़ादिर | नागपुर

नागपुर शहर में वक्फ अधिनियम संशोधन (Waqf Amendment) और उससे जुड़ी भ्रांतियों को लेकर कल एक अत्यंत महत्वपूर्ण और विचारोत्तेजक बैठक का आयोजन किया गया. इस संवाद कार्यक्रम का आयोजन गैर मुस्लिम बुद्धिजीवियों की प्रतिष्ठित संस्था "मी शिवाजी फाउंडेशन" द्वारा शहर के प्रमुख सामाजिक संस्था CSRE (Centre for Socio Religious Empowerment) के सहयोग से किया गया.

यह बैठक शहर के प्रतिष्ठित गोंडवाना क्लब में संपन्न हुई, जिसमें नागपुर के प्रसिद्ध आर्किटेक्ट्स, संरचनात्मक अभियंता, वकील, मीडिया से जुड़ी हस्तियां और व्यापारियों सहित कई विचारशील लोग शामिल हुए.

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उद्देश्य: भ्रांतियों का समाधान

"मी शिवाजी फाउंडेशन" ने इस बैठक का आयोजन इस उद्देश्य से किया कि वक्फ संशोधन को लेकर गैर मुस्लिम समुदाय में जो गलतफहमियाँ और अफवाहें फैलाई जा रही हैं, उनका तथ्यात्मक और पारदर्शी ढंग से समाधान किया जा सके.

कार्यक्रम की शुरुआत में एडवोकेट क़ुतुब ज़फ़र ने CSRE संस्था और मुख्य वक्ता का संक्षिप्त परिचय दिया. इसके बाद CSRE के अध्यक्ष जनाब अब्दुर रऊफ़ शेख ने लगभग 50 मिनट का वक्तव्य मराठी भाषा में दिया.

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विषय वस्तु: वक्फ, संशोधन और सच्चाई

अपने विचारों में  रऊफ़ शेख ने वक्फ की बुनियादी अवधारणा, वक्फ अधिनियम के मुख्य संशोधन बिंदु, इन संशोधनों के संभावित दुष्परिणाम और इनका वास्तविक उद्देश्य विस्तार से समझाया.

उन्होंने यह भी बताया कि किस तरह योजनाबद्ध ढंग से सोशल मीडिया के ज़रिए गैर मुस्लिम समाज में झूठ और भ्रम फैलाया जा रहा है, जबकि सच्चाई इससे बिल्कुल विपरीत है.

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श्रोताओं की प्रतिक्रिया

वक्तव्य के दौरान पूरा सभागार एकाग्रता से श्रोता बना रहा. अधिकांश प्रश्नों के उत्तर वक्तव्य में ही समाहित होने के कारण सभा के अंत में बहुत ही कम प्रश्न पूछे गए. सभा में उपस्थित सभी लोगों ने विषय की गहराई को समझने के बाद आश्चर्य और संतोष दोनों व्यक्त किए.

उन्होंने इस बात को स्वीकार किया कि वक्फ को लेकर सोशल मीडिया पर जो झूठी और भ्रामक बातें फैलाई जा रही हैं, वे पूरी तरह से तथ्यहीन हैं और समाज में गलतफहमियाँ उत्पन्न कर रही हैं.सभा का संचालन  कमलेश वानखेडे (लोकमत) ने अत्यंत प्रभावशाली तरीके से किया.

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आयोजकों की भूमिका

इस सफल आयोजन में एडवोकेट क़ुतुब ज़फ़र, इम्तियाज़ भाई और इशाक़ भाई की महत्वपूर्ण भूमिका रही. कार्यक्रम की संकल्पना और मुख्य रूप से इसे संभव बनाने का श्रेय  एन. जिचकार , प्रमुख – मी शिवाजी फाउंडेशन को जाता है, जिनके सौजन्य से यह संवाद सत्र आयोजित हो सका.

यह बैठक न केवल वक्फ अधिनियम की सही जानकारी देने में सफल रही, बल्कि समाज के दो प्रमुख वर्गों के बीच संवाद और समझ की नई दिशा भी तय की. उम्मीद की जाती है कि ऐसे कार्यक्रम भविष्य में भी होते रहेंगे, जिससे सच्चाई समाज के सामने आ सके और झूठ तथा अफवाहों पर लगाम लगे.