अमन और सद्भावना की दुआओं साथ हजरत निजामुद्दीन औलिया का 721 वां उर्स खत्म

Story by  मोहम्मद अकरम | Published by  [email protected] | Date 25-10-2024
Hazrat Nizamuddin Auliya's 721st Urs ends with prayers for peace and harmony
Hazrat Nizamuddin Auliya's 721st Urs ends with prayers for peace and harmony

 

मोहम्मद अकरम/ नई दिल्ली

हजरत निजामुद्दीन औलिया का 721वां उर्स गुरुवार को दुआओं के साथ खत्म हो गया. पांच दिन तक चले उर्स में लाखों जायरीन ने हजरत निजामुद्दीन औलिया के दरगाह में हाजिरी लगाई. इसमें पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान, भूटान व ईरान समेत अन्य देशों के भी जायरीन शामिल रहे. इसके अलावा राजस्थान, उत्तर प्रदेश, बिहार व हरियाणा समेत कई राज्यों के जायरीन इस खास मौके पर निजामुद्दीन दरगाह पहुंचे.

उर्स में धर्म का बंधन टूटा. हिन्दू और सिखों ने भी दरगाह पर मत्था टेका और चादर पेश की.इस वर्ष उर्स का माहौल विशेष रूप से मंत्रमुग्ध करने वाला था क्योंकि प्रसिद्ध साबरी बंधुओं ने अपनी भावपूर्ण कव्वाली प्रस्तुतियों से इस अवसर की शोभा बढ़ाई.

हजरत निजामुद्दीन औलिया की शान में कव्वाली पेश की गई

आखरी रोज की शुरुआत कुरान शरीफ और नाथ शरीफ पढ़ने के साथ कव्वाली की महफिल सजी. रात को विशेष दुआ का आयोजन किया गया, दरगाह के इमाम मिन्हाज निजामी ने भारत की अमन, शांति और सद्भावना के लिए दुआ कराई. इसके बाद लंगर हुआ. इसके बाद कव्वालों ने हजरत निजामुद्दीन औलिया की शान में कव्वाली पेश की. जिसका लोगों ने आनंद लिया.

 

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पूरी दुनिया में शांति का संदेश जाता है

इस अवसर पर सैयद अफसर निजामी ने कहा कि हजरत के 721वें उर्स के मौके पर देश व विदेश से बड़ी संख्या में जायरीन पहुंचे और दरगाह पर चादर चढ़ाई. हजरत निजामुद्दीन औलिया के दरगाह पर सिर्फ एक धर्म के लोग नहीं, बल्कि सामाजिक व धार्मिक नेता पहुंचे थे. यहां से न सिर्फ हिन्दुस्तान बलकि पूरी दुनिया में अमन व शांति का संदेश जाता है.

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लाखों लोगों ने लिया लंगर का आनंद

पीरजादा अल्तमश निजामी ने बताया कि दरगाह पर प्रतिदिन हजारों लोगों के लिए लंगर की व्यवस्था की जाती है, जिसमें जो भी शख्स दरगाह पर आता है उसे दिया जाता है. हर साल उर्स के मौके पर विशेष लंगर की व्यवस्था की जाती हैं. इस बार भी लाखों लोगों ने लंगर का आनंद लिया.

उन्होंने बताया कि जो भी शख्स दरगाह पर चादर चढ़ाने पहुंचे हैं, उसका धर्म कुछ भी हो, अगर वह लंगर बांटना चाहता हैं, अपने हाथ से लोगों को खिलाना चाहता हैं तो वे खीलाते है. उनके मुताबिक प्रतिदिन हजारों जायरीन लंगर लेते हैं.मालूम हो कि, इस बार हज़रत निज़ामुद्दीन औलिया के 721वें उर्स में 75 पाकिस्तानी जायरीन शामिल हुए, पाकिस्तान उच्चायोग, नई दिल्ली के प्रबंधक साद अहमद वाराइच ने पाकिस्तान सरकार की तरफ से दरगाह पर पारंपरिक चादर चढ़ाई.