हरियाणा के गुरुग्राम से रिश्ता रखने वाले पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति जिमी कार्टर का 100 वर्ष की उम्र में निधन

Story by  मलिक असगर हाशमी | Published by  [email protected] | Date 31-12-2024
Former US President Jimmy Carter, who belonged to Gurugram, Haryana, died at the age of 100
Former US President Jimmy Carter, who belonged to Gurugram, Haryana, died at the age of 100

 

मलिक असगर हाशमी / गुरूग्राम / वाॅशिंगटन

हरियाणा के गुरुग्राम जिले के कार्टरपुरी गांव से संबंध रखने वाले अमेरिका के 39वें राष्ट्रपति जिमी कार्टर का 100 वर्ष की उम्र में निधन हो गया. जिमी कार्टर, जो 1977 से 1981 तक अमेरिका के राष्ट्रपति रहे, का देहांत जॉर्जिया स्थित उनके घर पर हुआ.

जिमी कार्टर ने अपने जीवन के अंतिम वर्षों में कई स्वास्थ्य समस्याओं का सामना किया, जिनमें मेलेनोमा भी शामिल था, जो उनके लीवर और मस्तिष्क तक फैल गया था. 2023 में उन्होंने हॉस्पिस केयर प्राप्त करने का निर्णय लिया और अतिरिक्त चिकित्सा हस्तक्षेप न करने का विकल्प चुना.

राष्ट्रपति के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान, जिमी कार्टर ने इजरायल और मिस्र के बीच शांति स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिसके लिए उन्हें 2002 में नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया. उन्होंने अपने कार्यकाल के बाद दशकों तक मानवाधिकारों और शांति के लिए काम किया.
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कार्टरपुरी गांव और जिमी कार्टर का विशेष नाता

गुरुग्राम के कार्टरपुरी गांव का नाम जिमी कार्टर के नाम पर रखा गया था. यह नाम तब बदला गया जब 3 जनवरी 1978 को जिमी कार्टर अपनी मां लिटियन कार्टर और पत्नी रोजलीन कार्टर के साथ गांव दौलतपुर नसीराबाद (खेड़ा चौमा) पहुंचे थे. ग्रामीणों ने उनका जोरदार स्वागत किया और रोजलीन को हरियाणवी पोशाक भेंट की, जिसे पहनकर उन्होंने गांव का भ्रमण किया.

तत्कालीन प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई के सुझाव पर गांव का नाम बदलकर कार्टरपुरी रखा गया. हालांकि, मॉडल विलेज बनाने का वादा पूरा नहीं हुआ.ग्रामीण आज भी जिमी कार्टर को अपना बेटा मानते हैं. यहां के बुजुर्ग करतार सिंह बताते हैं कि कार्टर की मां लिटियन कार्टर एक नर्स थीं, जो जेलदार सरफराज की हवेली में रहती थीं. जिमी कार्टर की इस गांव से खास नाता था और उनके राष्ट्रपति बनने पर गांव में खुशी का माहौल था.

विश्व मंच पर कार्टर की पहचान

जिमी कार्टर को उनके कार्यकाल के दौरान आर्थिक मंदी और ईरान बंधक संकट जैसी चुनौतियों का सामना करना पड़ा. 1980 के चुनाव में उन्हें रोनाल्ड रीगन से हार का सामना करना पड़ा. लेकिन, राष्ट्रपति पद से हटने के बाद उन्होंने अपने मानवीय कार्यों से दुनिया में अलग पहचान बनाई.

अमेरिकी नेताओं का शोक संदेश

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन और प्रथम महिला जिल बिडेन ने जिमी कार्टर के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए उन्हें "असाधारण नेता, राजनेता और मानवतावादी" कहा. वहीं, पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि जिमी कार्टर ने अमेरिका और दुनिया के लिए अमूल्य योगदान दिया.
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ट्रंप ग्राम की कहानी

हरियाणा में जिमी कार्टर के नाम पर कार्टरपुरी गांव ही नहीं, बल्कि मेवात जिले में ट्रंप ग्राम भी है.

मरोड़ा गांव को एक सामाजिक संस्था द्वारा डोनाल्ड ट्रंप के नाम पर ट्रंप ग्राम पुकारा गया, जब यहां शौचालय निर्माण कार्य किया गया था. हालांकि, प्रशासन ने इस नाम को औपचारिक रूप से मंजूरी नहीं दी.

जिमी कार्टर ने न केवल अमेरिका बल्कि दुनिया भर में शांति और मानवाधिकारों के लिए अद्वितीय योगदान दिया. हरियाणा के कार्टरपुरी गांव के साथ उनका संबंध आज भी भारतीयों के दिलों में जिंदा है। उनका जीवन प्रेरणा का स्रोत रहेगा.