आवाज द वाॅयस / नई दिल्ली
सोमवार, 17 जून को पड़ने वाले प्रमुख इस्लामी त्यौहार ईद-उल-अज़हा से पहले, प्रसिद्ध मुस्लिम विद्वान और जमीयत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने मुसलमानों से कुर्बानी के पशुओं के संबंध में सरकार द्वारा निर्धारित दिशा-निर्देशों का पालन करने का आग्रह किया है.
एक बयान में मौलाना मदनी ने लोगों से भारतीय कानूनों के अनुसार प्रतिबंधित पशुओं की कुर्बानी न देने की अपील की.“इस्लाम में कुर्बानी का कोई विकल्प नहीं है.यह एक धार्मिक कर्तव्य है, जिसे अदा करना हर मुसलमान पर अनिवार्य है.बयान में कहा गया है, "मुसलमानों को कुर्बानी के लिए सरकारी दिशा-निर्देशों का सख्ती से पालन करना चाहिए और चूंकि धर्म में ‘ काले जानवर’की कुर्बानी को मान्यता दी गई है, इसलिए किसी भी तरह की परेशानी से बचने के लिए ऐसा करना बेहतर है."
तीन दिवसीय ईद-उल-अज़हा के त्यौहार के दौरान, दुनिया भर में मुसलमान अपने धार्मिक दायित्व का पालन करने के लिए जानवरों की कुर्बानी देते हैं.
उन्होंने X पर क्या करें और क्या न करें की सूची पोस्ट की:
— Arshad Madani (@ArshadMadani007) June 13, 2024
मौलाना मदनी ने मुसलमानों से कहा कि वे सोशल मीडिया पर कुर्बान किए गए पशुओं की तस्वीरें साझा न करें.उन्होंने कहा, "अगर किसी भी जगह पर शरारती तत्व काले जानवर की कुर्बानी करने से रोकते हैं, तो कुछ समझदार और प्रभावशाली लोगों को प्रशासन को विश्वास में लेना चाहिए और फिर कुर्बानी करनी चाहिए."
मौलाना मदनी ने कहा कि अगर मुसलमानों को कुर्बानी के लिए सही माहौल और जगह नहीं मिलती है, तो कुर्बानी किसी ऐसे नज़दीकी स्थान पर की जानी चाहिए जहाँ बिना किसी परेशानी के नियमित रूप से कुर्बानी की जाती हो.उन्होंने कहा, "कम से कम वहां बकरे की कुर्बानी तो दी ही जानी चाहिए और भविष्य में ऐसी समस्या से बचने के लिए प्रशासन के कार्यालय में पंजीकरण भी कराया जाना चाहिए.देश के मुसलमानों को इस अवसर पर साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए."
उन्होंने मुसलमानों से यह भी आग्रह किया कि वे पशुओं का मल सड़कों, गलियों और नालियों पर न फेंकें.मल को इस तरह से दफनाया जाना चाहिए कि उससे बदबू न फैले.उन्होंने कहा कि हर संभव प्रयास किया जाए ताकि हमारे कार्यों से किसी को चोट न पहुंचे.मदनी ने समुदाय से मौजूदा स्थिति में सतर्क रहने को भी कहा.
उन्होंने कहा कि मौजूदा हालात में जरूरी है कि मुसलमान खुद सावधानी से काम लें. कुर्बानी करते समय सरकारी आदेशों का सख्ती से पालन करना चाहिए.मौलाना मदनी ने यह भी कहा कि किसी भी तरह की परेशानी होने पर संयम और संयम से काम लें