अंतरराष्ट्रीय मुशायरा : पटना में सजी दुबई फेम ‘अंदाज-ए-बयां और’ की महफिल

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 18-08-2023
Urdu Poetess Shabina Adeeb performing in Dubai fame 'Andaz-e-Bayan Aur' in Patna
Urdu Poetess Shabina Adeeb performing in Dubai fame 'Andaz-e-Bayan Aur' in Patna

 

सेराज अनवर / पटना

अजीमाबाद अदबी महफिलों के लिए मशहूर रहा है. पहले पटना अजीमाबाद के नाम से जाना जाता था. शाद अजीमाबादी, बिस्मिल अजीमाबादी, कैफ अजीमाबादी से अजीमाबाद की रौनक रही है. मुशायरों से कभी अजीमाबाद गुलजार रहता था.मुशायरे दिलों को जोड़ने का काम करते हैं. यह अजीमाबाद की साझी विरासत रहा है. इस विरासत को अब आगे बढ़ाने का बीड़ा पटना लिट्रेरी फेस्टिवल (पीएलएफ) ने उठाया है.

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जश्न-ए-आजादी की संध्या पर पटना में अंतरराष्ट्रीय मुशायरे की महफिल सजा  कर पीएलएफ ने अजीमाबाद की साहित्यिक रिवायत को जिन्दा कर दिया है. पीएलएफ के सहयोग से पहली बार बिहार में दुबई फेम ‘अंदाज-ए-बयां और’ का मुशायरा हुआ. दुबई के मुशायरे में शिरकत करने वाले अधिक्तर शायरों को पटना में सुनकर श्रोता रात भर झूमते रहे. रात भीगती रही और कलाम की बारिश होती रही.नई नस्ल जो पुराने अजीमाबाद से वाक़िफ नहीं रही, उसे 13अगस्त की रात गर्व हुआ कि वो अजीमाबाद के निवासी हैं. जहां मुहब्बत, एकता, सद्भाव का समावेश है.

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‘अंदाज-ए-बयां और’ के मुशायरे को लेकर जो जूनुन, उत्साह था, उसे देखकर इसके प्रमोटर रेहान सिद्दीक़ी और शाजिया किदवई भी हैरतजदा रह गये. इस मौक़े पर चाणक्य लॉ यूनिवर्सिटी के कुलपति फैजान मुस्तफा सहित दस नामचीन हस्तियों को सम्मानित भी किया गया. क़ाबिल-ए-जिक्र बात यह है कि यह इवेंट, दुबई एवं पटना लिट्रेरी फेस्टिवल (पीएलएफ) के तत्वावधान में होने वाले इस मुशायरे की एंट्री, टिकट से रखी गयी थी. बिहार में पहली बार टिकट पर मुशायरा का आयोजन हुआ. मालूम हो कि ‘अंदाज-ए-बयां और’ का मुशायरा पुरी दुनिया में मशहूर है. इस आलीशान मुशायरा का आगाज रेहान सिद्दीक़ी और शाजिया किदवई के जहन की उपज है. अदाज-ए-बयां और का इवेंट एक ब्रांड नेम है. इसलिए लोग इसके संस्थापक रेहान सिद्दीक़ी और शाजिया किदवई से मिलने के लिए भी बेकरार थे. दुबई में होने वाला मुशायरे में शिरकत करना बड़े-बड़े शायरों, कवियों के लिए फख़्र की बात मानी जाती है. उसी तर्ज का मुशायरा पटना की सरजमीं पर होने की गूंज देर तक सुनाई पड़ेगी. पटना लिटरेरी फेस्टिवल की भी अपनी पहचान रही है. इस बैनर से अब तक छह एडवांटेज रूबरू, तीन मुशायरा का सफल आयोजन किया जा चुका है. पीएलएफ के संस्थापक ख़ुर्शीद अहमद हैं. इस मुशायरा में विश्वविख्यात  सबीना अदीब, नोमान शौक, सर्वेश अस्थाना ने अपनी शायरी से श्रोताओं को महज़ूज़ किया. अदब और तहजीब की ऐतिहासिक जमीन अजीमाबाद एक खूबसूरत और अनोखी शाम का गवाह बना, जिसकी चर्चा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हो रही है.

हाईटेक मुशायरा पटना में पहली बार

पीएलएफ के संस्थापक व सचिव खुर्शीद अहमद के मुताबिक़ पटना की धरती पर इस तरह के कार्यक्रम का आयोजन पहली बार हुआ है. मुशायरा और कवि सम्मेलन शाम 5.00बजे से रात 11.00बजे तक चला. आयोजन स्थल पर आठ सौ लोगों के बैठने की व्यवस्था की गयी थी. अतिथियों और श्रोताओं के लिए अच्छे खाने की व्यवस्था भी की गई. आयोजन स्थल एम्स स्थित होटल द रायल बिहार तक आने-जाने के लिए बसों का इंतेजाम किया गया था. आयोजन स्थल पर पहुंचने के लिए पटना गांधी मैदान गोलघर के पास, कंकड़बाग मेदांता अस्पताल के पास, गायघाट मेदाज अस्पताल के पास, अनिसाबाद गोलम्बर-होटल पाटलिपुत्र कांटिनेंटल के पास, बेली रोड में पारस अस्पताल के पास से टिकट लेने वालों के लिए बसों का फ्री इंतेजाम किया गया.

 


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खुर्शीद अहमद ने बताया कि यह मुशायरा अपने आप में बेमिसाल है. इस मुशायरा और कवि सम्मेलन से एक नयी तारीख रक़म हुई. कार्यक्रम को लेकर लोगों की सकारात्मक प्रतिक्रिया मिल रही है. देश ही नहीं, विदेश में भी लोगों में मुशायरा व कवि सम्मेलन को लेकर जबर्दस्त उत्साह देखने को मिला. क़तर और दुबई से लोग मुशायरा व कवि सम्मेलन सुनने पटना आये. हैदराबाद, दिल्ली, कोलकाता सहित झारखंड, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, पंजाब और हरियाणा के अलावा बिहार के पटना समेत सीवान, गोपालगंज, दरभंगा, समस्तीपुर, सीतामढ़ी, अररिया, खगड़िया, पूर्वी चंपारण, गया, नालंदा, औरंगाबाद, भागलपुर जिलों से बड़ी संख्या में मुशायरा व कवि सम्मेलन सुनने लोग जुटे. उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य है उर्दू और हिंदी का एक दूसरे से मिलन हो.

शायरों और कवियों का जमघट

जो खानदानी रईस हैं वो मिजाज रखते हैं नर्म अपना,

तुम्हारा लहजा बता रहा है, तुम्हारी दौलत नई-नई है

कलाम सुनाकर शोहरत की बुलंदी पर पहुंचने वाली शायरा शबीना अदीब ने इस मुशायरे में सबसे अधिक तालियां बटोरीं। तो सर्वेश अस्थाना ने अपनी व्यंग्यात्मक शायरी से लोगों को लोटपोट किया. जहाज देवबंदी भी महफिल लूटने में पीछे नहीं रहे. इनके अलावा  सपना मूलचंदानी, आलम खुर्शीद, शारिक कैफी, नोमान शौक, मेहशर आफरीदी, अजहर इकबाल, हिना रिजवी हैदर, कुंवर जावेद, सोनू रूपा विशाल और सदफ इकबाल आदि ने भी अपनी गजलों, गीतों, नज्मों और मजाहिया कलाम से श्रोताओं और प्रशंसकों को खूब लुभाया और झुमाया. मुशायरा की नजामत अजहर इक़बाल ने की, जबकि कार्यक्रम का संचालन दिल्ली की प्रसिद्ध एंकर शगुफ्ता यास्मीन ने किया.

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खुर्शीद अहमद ने बताया कि जिस द रॉयल बिहार होटल में इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया, उसकी क्षमता एक हजार लोगों की है.  इसके लिए चार श्रेणी में टिकट रखेंगे गये. मुशायरा और कवि सम्मेलन के विशिष्ट अतिथि भारत सरकार के पूर्व मानव संसाधन विकास मंत्री अली अशरफ फातमी, मुख्य अतिथि सभापति बिहार विधान परिषद देवेश चंद्र ठाकुर रहे. जबकि चाणक्य लॉ यूनिवर्सिटी के कुलपति फैजान मुस्तफा सम्मानित अतिथि थे. इस होटल के मालिक अशफाक़ रहमान ने बेहतरीन मेजबानी से लोगों का दिल जीत लिया. फाइव स्टार इस होटल का उद्घाटन इसी महीने हुआ है. अशफाक़ रहमान का शुमार बिहार के नामचीन शख़्सियतों में होता है.

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कार्यक्रम शुरु होने से पहले देश की मशहूर हस्तियों को सामाजिक, साहित्यिक, सांस्कृतिक और कल्याणकारी कार्यों में उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन के आधार पर पुरस्कारों से सम्मानित किया गया. पुरस्कार प्राप्त करने वालों में शाजिया किदवई प्रमोटर अंदाज-ए-बयां और इवेंट दुबई, रेहान सिद्दीकी प्रमोटर अंदाज-ए-बयां और दुबई, पद्मभूषण आनंद कुमार सुपर 30, असलम हसन बज्म हसन अररिया बिहार, अशरफ फरीद प्रधान संपादक दैनिक कौमी तंजीम पटना, मोहम्मद शहाबुद्दीन अहमद बज्म सदफ इंटरनेशनल दोहा कतर, सुष्मिता सिंहा उदयपुर टेल्स, इम्बेसात शौकत, डायरेक्टर मिथिला माइनॉरिटी डेंटल कॉलेज दरभंगा, डॉ. संजीव कुमार न्यूरोसाइंटिस्ट नई दिल्ली एम्स सचिव, सैयद इसराफील शाह निदेशक मंजू शाह और मौलाना अबुल कलाम आजाद मेमोरियल लाइब्रेरी धनबाद (झारखंड) और अशफाक रहमान एमडी आरईपीएल हॉस्पिटलिटी प्राइवेट लिमिटेड का नाम प्रमुख है.

कौन है रेहान सिद्दीक़ी?

विश्व प्रसिद्ध साहित्यिक संस्था ‘अंदाज-ए-बयां और’ दुबई के प्रोमोटर रेहान सिद्दीकी किसी और देश के नहीं, बल्कि अपने ही देश भारत और उत्तरप्रदेश के रहने वाले हैं. रेहान सिद्दीकी विदेशों में रहकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उर्दू साहित्य का नाम रौशन कर रहे हैं और अपनी संस्था के माध्यम से सामाजिक, सांस्कृतिक और कल्याणकारी कार्यों में सक्रिय हैं. रेहान सिद्दीकी मुशायरा की दुनिया में न सिर्फ लोकप्रिय हैं बल्कि वह लोगों के लिए एक केंद्र बन गए हैं। सोशल मीडिया के अलावा तमाम जगहों पर बस ‘अंदाज ए बयां और’ की ही चर्चा रहती है. वे साहित्य और मुशायरों के माध्यम से दुनिया भर में शांति और भाईचारे का संदेश फैला रहे हैं और दुनिया भर में मुशायरों और सम्मेलनों के माध्यम से आधुनिक पीढ़ी को साहित्य से जोड़ रहे हैं.

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रेहान सिद्दीकी के मुताबिक़ हम हर मुशायरे में एक नया चेहरा रखने की कोशिश करते हैं, खासकर नई पीढ़ी का शायर हो. जो शायरी अच्छी लिख रहे हैं और सार्वजनिक मंच पर नहीं आ पाते हैं, हम हर मुशायरे में दो नए शायरों को जगह देते हैं, ताकि वे भी आगे बढ़कर देश और दुनिया का नाम रोशन कर सकें, अपनी पहचान बना सकें. अंदाज ए बयां और का शुभारम्भ 2009से दुबई में हुआ. इसके अलावा उन्होंने भारत में भी कई कार्यक्रम आयोजित किए हैं. अमेरिका में भी मुशायरा करा चुके हैं. उन्होंने बताया कि  इस साल यूके (इंग्लैंड) में चार कार्यक्रम आयोजित करने की योजना है.

पटना लिट्रेरी फेस्टिवल क्या है?

पटना लिट्रेरी फेस्टिवल (पीएलएफ) के संस्थापक हैं ख़ुर्शीद अहमद. वे मीडिया एडवांटेज से जुड़े हैं. बिहार में हर तरह के कार्यक्रम के प्रोमोटर हैं. कई सफल कार्यक्रम करा चुके हैं. पीएलएफ वह संस्था है, जो कई वर्षों से साहित्यिक सेवाएं दे रही है और सक्रिय रूप से जुड़ी हुई है. अंदाज ए बयां का मुशायरा ख़ुर्शीद अहमद की पहल का नतीजा है. प्रसिद्ध सर्जन डॉ. ए.ए. हई इस संस्था के अध्यक्ष हैं.फरहत हसन उपाध्यक्ष पद पर हैं. फैजान अहमद आयोजन समिति के अध्यक्ष हैं. ओबैदुर रहमान, फहीम अहमद, एजाज हुसैन, शिवजी चतुर्वेदी, फरहा खान, चंद्रकांता खान, राकेश रंजन, बी.के. चौधरी, अनूप शर्मा पीएलएफ टीम में शामिल हैं.

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रेहान सिद्दीकी का कहना है कि खुर्शीद अहमद के अंदर काम करने का जबरदस्त जज्बा है. पीएलएफ द्वारा संचालित प्रत्येक कार्यक्रम सफल एवं लोगों के बीच लोकप्रिय है. हम सब दुआ करते हैं कि भविष्य में भी इन गतिविधियों को पटना में बनाये रखने का प्रयास हो. पीएलएफ की टीम बहुत मजबूत है. टीम के सभी सदस्य बहुत अच्छे हैं और ईमानदारी से काम में लगे रहते हैं.खुर्शीद अहमद ने पिछले कई वर्षों में बड़े-बड़े कार्यक्रम आयोजित किये हैं. उनके कार्यक्रम मानक और अद्वितीय हैं, हर कोई उनके कार्यक्रम का हिस्सा बनना चाहता है.

वक्ताओं ने क्या कहा?

पीएलएफ के अध्यक्ष डॉ. ए.ए. हई ने उद्घाटन भाषण देते हुए कहा कि उर्दू की मीठी भाषा, मुशायरा और कवि सम्मेलन से ही डर के माहौल को दूर किया जा सकता है. बिहार विधान परिषद के सभापति देवेश चंद्र ठाकुर ने कहा कि उर्दू भाषा ऐसी है कि आप समझ सकें या न समझ सकें, लेकिन उर्दू जबान मीठी है और अच्छी लगती है.

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मुशायरा एवं कवि सम्मेलन के दौरान जीएसटी कमिश्नर असलम हसन की पुस्तक संग्रह कलाम दरीचे की धूप का विमोचन भी किया गया. अंदाज-ए-बयां और इवेंट दुबई के प्रोमोटर रेहान सिद्दीकी ने कहा कि यह कार्यक्रम मुशायरा दुनिया में क्रांति लाएगा. उन्होंने कहा कि पटना में यह पहला मुशायरा एवं कवि सम्मेलन टिकट द्वारा बड़े पैमाने पर हुआ, यह खुशी की बात है .टिकट लेकर 600की जगह 800लोग पहुंचे. इस मुशायरे ने एक इतिहास रच दिया और इसके रचयिता पीएलएफ के सचिव खुर्शीद अहमद हैं.

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उन्होंने कहा कि हमारी भी इच्छा थी कि बिहार में पटना आयें, क्योंकि अदब की दुनिया में अजीमाबाद उपजाऊ भूमि रही है. यहां पर बड़े-बड़े मुशायरे हुए हैं और हमारा यह कामयाब मुशायरा एवं कवि सम्मेलन खुर्शीद अहमद के प्रयास से हुआ, जो काबिल तारीफ है. अंदाज-ए-बयां और इवेंट दुबई की प्रोमोटर शाजिया किदवई ने मुशायरा एवं कवि सम्मेलन को सफल बताया और कहा कि यह दोनों संगठन उर्दू और हिंदी साहित्य के प्रचार-प्रसार के साथ-साथ सामाजिक, सांस्कृतिक और कल्याणकारी कार्यों में सक्रिय और जिम्मेदारी से भाग लेता है. भारत गंगा-जमुनी संस्कृति का प्रतीक है और इसे बनाये रखना है. उन्होंने कहा कि हम लोग प्रतिभाशाली और नई पीढ़ी के कवियों को जगह देते हैं. ताकि वह दुनिया तक पहुंच सके. उन्होंने कहा कि विरासत में मिले साहित्यिक संस्कार को नई पीढ़ी तक एक जिम्मेदारी के रूप में पहुंचाने का प्रयास है.

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अंदाज-ए-बयां और के कार्यक्रमों के बारे में उन्होंने कहा कि वह दुबई में रह रही हैं. वहां कई कार्यक्रम हुए हैं, क्योंकि यह पूरी दुनिया के लिए एक बड़ा मंच है.बेहतरीन तरीके से प्रचार-प्रसार करती हूं. भारत में ये नौवां प्रोग्राम है. उन्होंने कहा कि पटना में पहली बार पीएलएफ के साथ मिलकर कार्यक्रम आयोजित करने में बहुत अच्छा लग रहा है. उन्होंने कहा कि प्रोग्राम की सफलता उसके प्रशंसकों और कवियों से है. इस अवसर पर खुर्शीद अहमद ने कहा कि कुछ नया करने के लिए साहस, जुनून जरूरी है और यदि आप किसी भी कार्य को इबादत समझ कर करेंगे तो आपको सफलता अवश्य मिलेगी. हमने प्रयास किया है और अभी भी कर रहे हैं. मुशायरा एवं कवि सम्मेलन के चार पार्टनर्स अंदाज-ए-बयां और इवेंट दुबई, पीएलएफ, द रॉयल बिहार होटल और कौमी तंजीम पटना थे.

 


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