बांग्लादेश की कमान संभालने वाले डॉ मोहम्मद युनूस हैं बंगाल के दामाद, जीजा के बारे में क्या बोले असफ़ाक हुसैन

Story by  जयनारायण प्रसाद | Published by  [email protected] | Date 09-08-2024
Asfaq Hussain with his brother-in-law Mohammad Yunus
Asfaq Hussain with his brother-in-law Mohammad Yunus

 

जयनारायण प्रसाद/ कोलकाता

बहुत कम लोगों को मालूम है कि आज गुरुवार 8 जुलाई, 2024 की रात आठ बजे के बाद बांग्लादेश की अंतरिम सरकार की कमान संभालने वाले डॉ मोहम्मद युनूस का रिश्ता पश्चिम बंगाल के बर्दवान शहर से भी हैं.वे बंगाल के जमाई यानी दामाद हैं.बंगाल में ऐतिहासिक बर्दवान जिले के रानीगंज बाजार से सटे लस्करदीघी की बेटी अफरोज़ी बेगम से उनकी शादी हुई है.

अफरोज़ी बेगम बर्दवान शहर के रानीगंज बाजार के लस्करदीघी इलाके के अपने अब्बा के घर पली-बढ़ी है.बांग्लादेश के सेना प्रमुख वनाकर-उज़-रहमान के मुताबिक, डॉ मोहम्मद युनूस पेरिस ओलंपिक देखने गए हैं.पेरिस से वे गुरुवार 8जुलाई , 2024को दोपहर बाद बांग्लादेश लौटेंगे.

उसके बाद गुरुवार 08 जुलाई, 2024 की रात को ही आठ बजे के बाद शपथ ग्रहण समारोह शुरू होगा.समाझा जाता है की आज रात बांग्लादेश में जिस अंतरिम सरकार का गठन होगा, उसमें 15 व्यक्ति शामिल हो सकते हैं.

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नियमित संपर्क में रहते हैं मोहम्मद युनूस के साले असफ़ाक हुसैन

वर्ष 2006 में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित बांग्लादेश के डॉ मोहम्मद युनूस बंगाल के बर्दवान जिले में रहने वाले अपने साले असफ़ाक हुसैन से नियमित संपर्क में रहते हैं.असफ़ाक हुसैन ने बताया, 'यह बहुत खुशी की बात है कि डॉ मोहम्मद युनूस जैसे योग्य व्यक्ति को बांग्लादेश की कमान संभालने दी जा रही है.'

उन्होंने आगे कहा, 'डॉ मोहम्मद युनूस की अंतरिम सरकार से गुजारिश है बांग्लादेश का वीजा मिलने में हमें 15 से 20 दिन लग जाता है.वीजा की अवधि अगर कम हो जाए, तो बांग्लादेश जाने वाले बंगाल के लोगों के लिए बहुत बड़ा तोहफा होगा.' असफ़ाक ने यह भी जोड़ा, 'अगर बांग्लादेश के बार्डर पर ही वीजा का इंतजाम हो जाए, तो बंगाल के लोगों के लिए सोने में सुहागा.'

मोहम्मद युनूस को पसंद है ईलिश और सुटकी मछली

डॉ मोहम्मद युनूस के साले असफ़ाक हुसैन का कहना है, 'हमारे बहनोई को ईलिश और सुटकी मछली बेहद पसंद है.वे चावल (भात) के साथ इन दोनों मछलियों को बहुत चाव से खाते हैं.'उनके साले असफ़ाक हुसैन ने बताया कि डॉ मोहम्मद युनूस अनेक दफा बंगाल और उनके रानीगंज बाजार वाले लस्करदीघी इलाके के घर में आ चुके हैं.

व्यस्तता की वजह से अब इधर नहीं आ रहे हैं, लेकिन उन्हें ऐतिहासिक बर्दवान शहर काफी पसंद है.असफ़ाक हुसैन बताते हैं, 'जब भी डॉ मोहम्मद युनूस यहां आते हैं, दो-चार दिन रहकर ही जाते हैं.'

साले की बीवी तनूजा हुसैन भी मानती हैं 'खुशी का दिन है आज'

डॉ मोहम्मद युनूस के साले असफ़ाक हुसैन की बीवी तनूजा हुसैन का कहना है, 'आज बांग्लादेश और बंगाल दोनों के लिए बेहद खुशी का दिन है.बंगाल के बर्दवान शहर से डॉ मोहम्मद युनूस का रिश्ता है.वे यहां आते-जाते रहे हैं.वे हमारे बहनोई हैं.बंगाल का खान-पान उन्हें काफी पसंद है.

 तनूजा हुसैन आगे कहती हैं, 'आज की रात सचमुच खुशी की रात है.आज बांग्लादेश के अवाम की खुशी के साथ हम भी बेहद खुश हैं.'