तंजानिया की राष्ट्रपति डॉ. सामिया हसन ने भारत में की है आईटीईसी की पढ़ाई, जानिए इस कोर्स के बारे में

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 11-10-2023
Do you know, Tanzanian President Dr. Samia Hassan has studied ITEC in India? Know about this course
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अंदलीब अख्तर / नई दिल्ली

बहुत कम लोग जानते हैं कि तंजानिया की पहली महिला राष्ट्रपति डॉ. सामिया सुलुहु हसन ने भारत में एक खास विषय की पढ़ाई की है. उन्हांेने हाल में अपनी भारत यात्रा के दौरान इसका खुलासा किया. उन्होंने अपनी पढ़ाई का श्रेय राष्ट्रीय ग्रामीण विकास और पंचायती राज संस्थान (एनआईआरडी एंड पीआर) हैदराबाद में भारतीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग कार्यक्रम, आईटीईसी में अपनी पढ़ाई को दिया है.

डॉ सामिया सुलुहु हसन ने इसका खुलासा मजबूत भारत-तंजानिया संबंधों, आर्थिक कूटनीति को बढ़ावा देने और क्षेत्रीय एकीकरण और बहुपक्षवाद में सफलता हासिल करने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका के लिए जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय द्वारा मानद डॉक्टरेट (मानद उपाधि) से सम्मानित किए जाने के बाद एक समारोह में किया.
 
वह उन्हें दी गई गहन मान्यता से अभिभूत थी.ं यह किसी विदेशी विश्वविद्यालय द्वारा उन्हें सम्मानित किया जाने वाला पहला सम्मान था. उन्होंने कहा कि  तंजानियावासियों के लिए, भारत विस्तारित परिवार, एक रणनीतिक सहयोगी और सबसे बड़े द्विपक्षीय व्यापार भागीदारों में से एक है.
 
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उन्होंने कौन सा कोर्स किस संस्थान से किया ?

डॉ. सामिया ने भारतीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग कार्यक्रम, आईटीईसी नामक कोर्स किया है, जो भारत सरकार के विदेश मंत्रालय का अग्रणी क्षमता निर्माण मंच है.
 
1964 में स्थापित, संस्थान अंतरराष्ट्रीय क्षमता निर्माण के लिए सबसे पुरानी संस्थागत व्यवस्थाओं में से एक है, जिसमें नागरिक और रक्षा दोनों क्षेत्रों में 160 से अधिक देशों के 200,000 से अधिक अधिकारियों को प्रशिक्षित किया गया है.
 
भारत के शासन के विशाल और समृद्ध नेटवर्क- और उच्च शैक्षणिक संस्थानों और प्रशिक्षण सुविधाओं में उपलब्ध विकास-संबंधी विशेषज्ञता के आधार पर, आईटीईसी हर साल भारत में 100़ प्रतिष्ठित संस्थानों में पेश किए गए लगभग 400 पाठ्यक्रमों के माध्यम से लगभग 10,000 पूर्ण-वित्त पोषित व्यक्तिगत प्रशिक्षण अवसर प्रदान करता है.
 
2014 के बाद से भारत ने देश के प्रमुख संस्थानों में लगभग 100,000 विश्व स्तरीय क्षमता निर्माण प्रशिक्षण और छात्रवृत्ति की पेशकश की है. साथ ही भारत की संस्कृति और आतिथ्य का अनुभव करने का मौका भी दिया है.
 
यहां तक ​​कि कोविड महामारी से उत्पन्न व्यवधानों के दौरान भी, आईटीईसी कार्यक्रम ने भारत के विकास के अनुभव को दुनिया के साथ साझा करने की अपनी प्रतिबद्धता जारी रखी. डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से लगभग 10,000 पेशेवरों को ऑनलाइन स्वास्थ्य देखभाल और शासन संबंधी प्रशिक्षण प्रदान किया.
 
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एनआईआरडी क्या है?

जिस संस्थान से उन्होंने कोर्स किया, वह राष्ट्रीय ग्रामीण विकास और पंचायती राज संस्थान (एनआईआरडी एंड पीआर) है, जो केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय के तहत एक स्वायत्त संगठन है.
 
यह ग्रामीण विकास और पंचायती राज में उत्कृष्टता का एक प्रमुख राष्ट्रीय केंद्र है. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर यूएन-ईएससीएपी उत्कृष्टता केंद्रों में से एक के रूप में मान्यता प्राप्त, यह प्रशिक्षण, अनुसंधान और परामर्श की अंतर-संबंधित गतिविधियों के माध्यम से ग्रामीण विकास अधिकारियों, पीआरआई के निर्वाचित प्रतिनिधियों, बैंकरों, गैर सरकारी संगठनों और अन्य हितधारकों की क्षमता का निर्माण करता है.
 
यह संस्थान तेलंगाना राज्य के ऐतिहासिक शहर हैदराबाद में स्थित है. एनआईआरडी एंड पीआर ने 2008 में अपनी स्थापना का स्वर्ण जयंती वर्ष मनाया. हैदराबाद में मुख्य परिसर के अलावा, इस संस्थान के पास पूर्वोत्तर-क्षेत्रीय जरूरतों को पूरा करने के लिए गुवाहाटी, असम में उत्तर-पूर्वी क्षेत्रीय केंद्र भी है.
 
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कार्यक्रम में बोलते हुए डॉ. जयशंकर ने एच.ई. को शैक्षिक सम्मान प्रदान करने का उल्लेख किया. डॉ सामिया सुलुहु हसन भारत के साथ अपने लंबे जुड़ाव और दोस्ती को पहचानती हैं.
 
उन्होंने कहा कि शिक्षा और क्षमता निर्माण दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों के महत्वपूर्ण पहलू हैं. उन्होंने यह भी बताया कि आईटीईसी कार्यक्रम के तहत 5000 से अधिक तंजानिया नागरिकों को पहले ही भारतीय शैक्षणिक संस्थानों में प्रशिक्षित किया जा चुका है.उन्होंने आगे कहा कि जांजीबार में पहला विदेशी आईआईटी स्थापित करने के लिए तंजानिया पसंदीदा स्थान है.