दिल्ली: वोट प्रतिशत बढ़ाने को ‘ वतन की राह में ’ का आयोजन, पद्मश्री सैयदा हमीद बोलीं, देश की विविधता रंग-बिरंगी है

Story by  मोहम्मद अकरम | Published by  [email protected] | Date 21-05-2024
दिल्ली: वोट प्रतिशत बढ़ाने को ‘ वतन की राह में ’ का आयोजन, पद्मश्री  सैयदा हमीद बोलीं, देश की विविधता रंग-बिरंगी है
दिल्ली: वोट प्रतिशत बढ़ाने को ‘ वतन की राह में ’ का आयोजन, पद्मश्री सैयदा हमीद बोलीं, देश की विविधता रंग-बिरंगी है

 

मोहम्मद अकरम / नई दिल्ली
 
हमारे देश में विविधता रंग-बिरंगी है. एक तरफ देश भर में आम चुनाव हो रहे हैं, नेता लोगों के बीच पहुंच कर वोट मांग रहे हैं.दूसरी तरफ दिल्ली में वतन की राह में लोग सुबह से निकल कर आवाज बुलंद कर रहे हैं. यहीं हमारे देश की विशेषता है, जिस पर हमें नाज़ है. ये बातें पद्मश्री से सम्मानित, सामाजिक और महिला अधिकार कार्यकर्ता, मुस्लिम महिला मंच और सद्भाव सोसायटी की अध्यक्ष सैयदा हमीद ने नेहरु भवन ऑडिटोरियम में आयोजित “वतन की राह में” कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहीं.
 
लेखिका सैयदा हमीद ने कहा कि आज देश के अंदर नफरत का माहौल  है. इसमें बहुत हद तक लोग कामयाब भी हुए हैं. महात्मा गांधी ने देश के सभी धर्मों के लोगों को साथ लेकर अंग्रेजों से आजादी दिलाई.इस अवसर पर उन्होंने राहत इंदौरी के नज्म की लाईन पढ़ी.
 
जो आज साहिबे मसनद हैं कल नहीं होंगे
किराएदार हैं ज़ाती मकान थोड़ी है
 
सभी का ख़ून है शामिल यहाँ की मिट्टी में
किसी के बाप का हिन्दोस्तान थोड़ी है.


hashmi 

सामाजिक कार्यकर्ता शबनम हाशमी ने कहा कि इस वक्त देश भर में लोकसभा चुनाव हो रहे हैं. इसलिए वतन की राह में निकल कर वोट जरूर करें. ईमानदार, देश को आगे ले जाने वाले, नफरत खत्म करने और मोहब्बत फैलाने वाले के लिए वोट करें. इसके लिए हमारी टीम दिल्ली के कोने कोने में पहुंच कर लोगों को जागरूक रही हैं. जिससे वोट प्रतिशत में इजाफा हो.उन्होंने फैज़ अहमद फैज़ की ये लाइन पेश की.
 
हम मेहनत कश जग वालों से जब अपना हिस्सा मांगेंगे
एक खेत नहीं एक देश नहीं हम सारी दुनिया मांगेंगे
 

उर्दू कवि और फिल्म निर्माता गौहर रजा ने साहिर लुधियानवी की रचना “वो सुबह कभी तो आएगी” से कुछ अंश पेश किए.
 
वो सुबह कभी तो आएगी
इन काली सदियों के सर से जब रात का आंचल ढलकेगा
जब दुख के बादल पिघलेंगे जब सुख का सागर झलकेगा
जब अम्बर झूम के नाचेगा जब धरती नगमे गाएगी
वो सुबह कभी तो आएगी........


sangeet 
लोकेश जैन ने भारत के स्वतंत्रता सेनानी और प्रथम शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद के अंश को पेश किया.वहीं “दादी पोती का खत” की शॉट वीडियो दिखाया गया. जिसमें रत्ना पाठक शान ने दादी और सारह हाशमी ने पोती का किरदार पेश किया. जिसे साहिर रज़ा ने डायरेक्ट किया था.

वीडियो में दादी और पोती के बीच पत्राचार प्रस्तुत किया गया. जिसमें दादी पोती को अपने गुजरे वक्त और देश की मौजूदा हालात और पोती की नौकरी के लिए परेशान, देश की मौजूदा राजनीतिक हालत को दिखाया गया.इसके अलावा शुभेन्दू घौस, रेणे सिंह, युशरा नकवी और पाखी जैन ने हबीब जालिब, कैफ़ी आज़मी, साहिर लुधियानवी, फैज अहमद फैज की गीत पेश किया. मंच संचालक प्रो अरविंद अंसारी ने की.