आवाज़ द वॉयस / नई दिल्ली
दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजों पर आज दोपहर तक तस्वीर साफ हो जाएगी. क्या आम आदमी पार्टी (AAP) लगातार तीसरी बार सत्ता में वापसी करेगी, या भारतीय जनता पार्टी (BJP) इस बार जीत की बाजी मारेगी? कांग्रेस की भूमिका कितनी अहम होगी? ये सभी सवाल आज के नतीजों के साथ स्पष्ट हो जाएंगे.
दिल्ली की 70 सीटों पर हुए चुनाव में मुख्य मुकाबला आम आदमी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी के बीच माना जा रहा है. कांग्रेस ने चुनावी मैदान में जरूर कदम रखा, लेकिन पार्टी के शीर्ष नेताओं की निष्क्रियता और प्रचार की सुस्ती से पार्टी को लेकर ज्यादा उम्मीदें नहीं हैं. अधिकांश एग्जिट पोल कांग्रेस को महज 2-3 सीटें मिलने की भविष्यवाणी कर रहे हैं..
वहीं, BJP ने चुनावी प्रचार में पूरी ताकत झोंकी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर गृह मंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जैसे बड़े नेताओं ने रैलियां कीं. दिल्ली की जनता को अपने पाले में करने की कोशिश की. लोकलुभावन घोषणाओं और हिंदुत्व कार्ड का सहारा लिया गया, लेकिन अब देखना यह होगा कि जनता ने इसे कितना भाव दिया.
AAP के लिए यह चुनाव सिर्फ सत्ता बचाने की लड़ाई नहीं, बल्कि एक बड़ी परीक्षा भी है. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उनके सहयोगी लगातार दावा कर रहे हैं कि AAP दिल्ली में सरकार बनाएगी।. हालांकि, इस बार एग्जिट पोल के आंकड़े उनके पक्ष में नहीं दिख रहे.
नई दिल्ली सीट: प्रतिष्ठा की जंग
नई दिल्ली विधानसभा क्षेत्र इस चुनाव में सबसे चर्चित सीटों में से एक है. यहां से मौजूदा मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल मैदान में हैं, जिनका मुकाबला BJP के प्रवेश वर्मा और कांग्रेस के संदीप दीक्षित से हो रहा है.AAP के रणनीतिकार मान रहे हैं कि इस बार मुकाबला पिछले चुनावों की तुलना में ज्यादा कठिन है. केजरीवाल की फ्री बिजली-पानी और मोहल्ला क्लिनिक योजनाओं पर जनता ने कितना भरोसा जताया है, इसका जवाब आज के नतीजे देंगे.
भाजपा की वापसी की संभावना?
पिछले दो चुनावों में BJP ने अपनी पूरी ताकत झोंकी, लेकिन मुख्यमंत्री पद की कुर्सी हासिल नहीं कर सकी.. इस बार BJP के कई बड़े नेता मान रहे हैं कि पार्टी सत्ता में वापसी कर सकती है.एग्जिट पोल भी भाजपा को मजबूत दिखा रहे हैं.
कई सर्वेक्षणों में भाजपा को बहुमत मिलने की संभावना जताई गई है. अगर यह सच होता है, तो दिल्ली में एक दशक बाद भगवा दल की वापसी होगी. लेकिन AAP का तर्क है कि पहले भी एग्जिट पोल उनकी सीटें कम दिखाते रहे हैं और नतीजों में तस्वीर अलग रही है.
कांग्रेस की स्थिति: हाशिए पर?
कांग्रेस इस चुनाव में कहीं न कहीं खुद को संघर्ष करते हुए देख रही थी. दिल्ली में कांग्रेस संगठन पहले से कमजोर हो चुका है, और बड़े नेता चुनाव प्रचार से दूरी बनाए रहे. पार्टी के उम्मीदवारों ने स्थानीय स्तर पर प्रचार किया, लेकिन पार्टी का असर वोटरों पर कितना पड़ा, यह आज पता चलेगा.
चुनाव आयोग और AAP के बीच विवाद
चुनाव नतीजों से पहले आम आदमी पार्टी और चुनाव आयोग के बीच विवाद भी देखने को मिला. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग बूथ-वार मतदान डेटा जारी नहीं कर रहा है. उन्होंने फॉर्म 17सी के आंकड़ों को सार्वजनिक करने की मांग की. हालांकि, चुनाव आयोग ने इस दावे को खारिज कर दिया . स्पष्ट किया कि नियमों के तहत हर मतदान केंद्र पर आंकड़े साझा किए गए हैं.
सुरक्षा कड़ी, मतगणना शुरू
दिल्ली चुनाव परिणामों को देखते हुए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं. मतगणना केंद्रों के बाहर पुलिस बल तैनात हैं. CCTV से निगरानी की जा रही है..क्या दिल्ली की जनता ने केजरीवाल को फिर से सत्ता सौंपी है, या इस बार भगवा लहर ने जीत दर्ज की है? इसका फैसला कुछ ही घंटों में हो जाएगा. पूरे देश की नजर इस चुनाव परिणाम पर टिकी हुई है..