यूनुस अलवी / नूंह (मेवात)
मेवात के नूंह जिला के गांव जयसिंहपुर निवासी मोहम्मद खालिद खान को नक्सलियों के खिलाफ अभियान चलाने पर होम मिनिस्टर स्पेशल ऑपरेशन मेडल के लिए चयनित किया गया है. सीआरपीएफ में कमांडेंट मोहम्मद खालिद की टीम और अन्य 8 टीमों को भी इस सम्मान के लिए चयनित किया गया है.
जल्दी सभी टीमों को भारत सरकार की और मेडल से सम्मानित किया जाएगा. इससे पहले मोहम्मद खालिद खान को वर्ष 2022 में भारत के राष्ट्रपति द्वारा पीएमजी मेडल द्वारा सम्मानित किया जा चुका है. वहीं, सीआरपीएफ की ओर से भी खालिद को 2022 और 2023 ने बेस्ट ऐडम बटालियन ट्रॉफी से सम्मानित किया जा चुका है.
मोहम्मद खालिद खान की इस कामयाबी से मेवात और उनके गांव में खुशी की लहर है.
सीआरपीएफ कमांडेंट मोहम्मद खालिद खान
सीआरपीएफ कमांडेंट मोहम्मद खालिद खान ने बताया कि बूढ़ा पहाड़े करीब 55 वर्ग किलोमीटर के एरिया में फैला है, जहां पिछले 32 सालों से नक्सलियों का दावा था कि झारखंड-छत्तीसगढ़ के जंगलों से घिरा इलाका उनका (नक्सलियों) का अमेघदुर्ग है. लेकिन उनकी और अन्य 9 टीमों ने मिलकर इस अमेघदुर्ग को तोड़ दिया. एक स्पेशल ऑपरेशन के दीवान जहां पर भरी मात्रा में हथियार और गोला बारूद बरामद करके कई इनामी नक्सलियों को गिरफ्तार करने में कामयाबी हासिल की है.
उन्होंने बताया कि बूढ़ा पहाड़ पर आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र छतीसगढ़, पश्चिम बंगाल, बिहार और झारखंड के टॉप लीडर और रणनीतिकार पनाह लिया करते थे. माओवादियों के पोलित ब्यूरो और सेंट्रल कमेटी के देवकुमार सिंह, सुधाकरण मिले सहित विवेक आर्या, मृत्युंजय खरवार, नवीन यादव, प्रमोद मिश्रा, विमल यादव सहित कई बड़े लीडरों का गढ़ माना जाता था.
बूढ़ा पहाड़ पर नक्सलियों द्वारा शस्त्रागार किया गया था और नक्सलियों द्वारा ट्रेनिंग कंप भी चलाए जाते थे, जिसे सिविल पुलिस और सुरक्षा बलों को बूढ़ा पहाड़ पर नक्सल ऑपरेशन अंजाम देने में हमेशा नुकसान होने की संभावना बनी रहती थी.
पहाड़ी इलाके को नक्सलियों से मुक्त कराने के लिए सबसे बड़ा अभियान वर्ष 2018 में चलाया गया था, लेकिन नक्सलियों ने बारूदी सुरंगों से बूढ़ा पहाड़ पर सुरक्षा बलों की बढ़त रोक दी और 06 जवानों को शहीद कर दिया था. साथ ही पहाड़ तक पहुंचने एवं निकलने वाले हर रास्ते पर आईईडी बम रखे गए थे.
18 अगस्त, 2022 से मोहमद खालीद खान के नेतृत्व में बूढ़ा पहाड़ के एरिया में संयुक्त ऑपरेशन शुरू किया गया, जिसमें 62/112/172/218 वाहिनी सीआरपीएफ एवं 203/205 कोबरा बटालियन, जगुआर एसॉल्ट ग्रुप के जवान एवं अधिकारी शामिल रहे और खराब मौसम के बावजूद भी ऑपरेशन सफल रहा.
मोहम्मद खालिद को सीआरपीएफ के आईजी बेस्ट ऐडम बटालियन ट्रॉफी से सम्मानित करते हुए
07 सितंबर2022 को पुनः मोहम्मद खालिद खान के नेतृत्व मे बूढ़ा पहाड एरीया में संयुक्त ऑपरेशन ऑक्टोपस शुरू किया गया, जिसमें झारखंड और छत्तीसगढ़ पुलिस, सीजारपीएफ, जगुआर एसॉल्ट ग्रुप, आईआरबी और कोबरा बटालियन के जवान शामिल रहे.
भारी वर्षा होने के बावजूद भी एफओबी कैम्प तिसिया, नावादोली एवं पुनदाग में स्थापित किए गये एवं बूढ़ा नदी पर जवानों एवं साजो-समान के आवागमन हेतु सीआरपीएफ एवं लातेहार पुलिस द्वारा अस्थाई पुल का निर्माण रातो-रात किया गया.
इसी क्रम मे बूढ़ा पहाड़ इलाके में लगातार अभियान जारी रखा गया और 2617 किलो आईईडी, 06 रायफल, 42 नग ग्रेनेड़ के अलावा विस्फोटक सामग्री, नक्सली साहित्य, संचार के उपकरण, नक्सलियों की यूनिफॉर्म भी भारी मात्रा में बरामद की गई.
नक्सलियों से बरामद किए गए हथियार और गोला बारूद
उन्होंने बताया कि वर्तमान में बूढ़ा पहाड़ इलाके लगातार चल रहे ऑपरेशन के कारण आखिरकार कमजोर पड़ते नक्सली पहाड़ की चोटी से भाग निकले है और फरार नक्सलियों को पकड़ने के लिए सिविल पुलिस सुरक्षा बलो के संयुक्त ऑपरेशन प्रतिदिन जारी है.
इसके अतिरिक्त तिसिया, नवादोली एवं बूढ़ा पहाड़ के इलाके में सीआरपीएफ द्वारा सिविक एक्शन प्रोग्राम भी चलाया जा रहा है, जिससे वहां की स्थानीय एवं गरीब जनता को लाभ भी मिल रहा है तथा पुलिस-पब्लिक रिलेशन एवं तालमेल भी निरन्तर अच्छा हो रहा है तथा लोगों को मुख्यधारा से जोड़ने का पूरा प्रयास किया जा रहा है.
आपको बता दें कि इन सफल अभियान एवं कुशल नेतृत्व के लिए मोहम्मद खालिद खान, कमांडेंट 218 को केंद्रीय गृहमंत्री विशेष ऑपरेशन पदक, डीजी डीस्क (गोल्ड), डीजी डीस्क (सिल्वर), आईजी कमंडेशन पत्र, डीआईजी कमंडेशन पत्र प्रदान किया गया.
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