आवाज द वॉयस/ लखनऊ
वैज्ञानिक जिज्ञासा और समावेशिता को बढ़ावा देने की दिशा में उत्तर प्रदेश के मदरसों में पढ़ने वाले लड़के और लड़कियां भी बुधवार को चंद्रयान-3 को चंद्रमा पर उतरते देखेंगे.अल्पसंख्यक, मुस्लिम वक्फ एवं हज राज्य मंत्री दानिश आजाद अंसारी ने अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के निदेशक को चंद्रयान-3 के चंद्रमा पर उतरने के ऐतिहासिक क्षण का सीधा प्रसारण प्रदेश के सभी मदरसों में कराने का निर्देश दिया है.
न केवल शैक्षिक बल्कि वैज्ञानिक उन्नति पर जोर देने के साथ, अंसारी का लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि इन संस्थानों के छात्र और शिक्षक भारत की अंतरिक्ष यात्रा में इस उल्लेखनीय उपलब्धि से अच्छी तरह परिचित हों.
उन्होंने कहा, ''मदरसों के छात्रों और शिक्षकों को भी भारत की इस अविस्मरणीय उपलब्धि के बारे में पता होना चाहिए. मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में उत्तर प्रदेश के मदरसे विकास की ओर तेजी से आगे बढ़ रहे हैं.
मदरसों के छात्रों में विज्ञान के प्रति रुचि बढ़ी है. भारत के चंद्रयान-3 की चंद्रमा की सतह पर लैंडिंग एक यादगार पल है. इसलिए राज्य के सभी मदरसों के छात्रों और शिक्षकों को भारत की इस ऐतिहासिक उपलब्धि से परिचित कराना जरूरी है.
इससे पहले, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घोषणा की थी कि 'चंद्रयान-3' द्वारा चंद्रमा पर लैंडिंग का उत्तर प्रदेश के सभी सरकारी स्कूलों में सीधा प्रसारण किया जाएगा.दर्शनार्थ स्कूल शाम को विशेष रूप से एक घंटे के लिए खुलेंगे.
उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य सरकार के शिक्षा मंत्रालय के निर्देशों का हवाला देते हुए कहा है कि “23 अगस्त को शाम 5.27 बजे चंद्रयान-3 की चंद्रमा पर लैंडिंग प्रक्रिया का सीधा प्रसारण इसरो की वेबसाइट, यूट्यूब चैनल और डीडी नेशनल पर किया जाएगा. ऐसे में शाम 5.15 बजे से 6.15 बजे तक स्कूलों और शिक्षण संस्थानों में विशेष बैठकें आयोजित कर लाइव प्रसारण की व्यवस्था की जानी चाहिए.”
बुधवार शाम को, चंद्रयान -3का विक्रम लैंडर अपने पेट में प्रज्ञान रोवर के साथ चंद्रमा की सतह पर नरम लैंडिंग का प्रयास करेगा.इस बीच रूस के लूना-25मिशन के फेल होने के बाद सबकी नजरें भारत के चंद्रयान-3पर होंगी.
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने 14जुलाई को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से चंद्रयान-3मिशन लॉन्च किया था.भारत के तीसरे चंद्र मिशन चंद्रयान-3के घोषित उद्देश्य सुरक्षित और सॉफ्ट लैंडिंग, चंद्रमा की सतह पर रोवर का घूमना और यथास्थान वैज्ञानिक प्रयोग हैं.
चंद्रयान-3 की स्वीकृत लागत 250करोड़ रुपये (प्रक्षेपण वाहन लागत को छोड़कर) है.संयुक्त राज्य अमेरिका, रूस और चीन के बाद यह उपलब्धि हासिल करने वाला भारत दुनिया का चौथा देश होगा, लेकिन चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने वाला भारत दुनिया का एकमात्र देश होगा.