शाह ताज खान/ पुणे
ईद मिलाद-उल-नबी और गणेश विसर्जन 28 सितंबर को एक साथ आने से कहीं कोई गड़बड़ी न हो इसके लिए महाराष्ट्र के मुस्लिम समुदाय ने बड़ी मिसाल कायम की है. पुणे से मुंबई तक इस मसले को सुलझा लिया गया. सीरत कमेटी ने एक ऐसा फैसला और ऐलान किया कि हर कोई वाह-वाह कर रहा है. गणेश विसर्जन को देखते हुए पुणे की सीरत कमेटी ने 1 अक्टूबर और मुंबई में 29 सितंबर को ईद मिलाद-उन-नबी मनाने का ऐलान किया गया है. इससे धार्मिक सहिष्णुता की मिसाल कायम हुई है.
सीरत कमेटी पुणे की ओर से मौलाना गुलाम अहमद खान कादरी ने आवाज द वॉयस को बताया कि गणेश उत्सव, हिंदू भाइयों का बड़ा त्योहार, पूरे दस दिनों तक चलता है. दसवें दिन गणेश विसर्जन मरवानोक (जुलूस) निकलता है. इसे देखते हुए सीरत का जुलूस 28 सितंबर की जगह अब 1 अक्टूबर को निकालेगा.
बता दें कि महाराष्ट्र में गणेश उत्सव बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है. इस साल यह त्योहार 19 सितंबर से 28 सितंबर तक चलेगा. 28 सितंबर को गणेश वसर्जन के मौके पर जुलूस निकलता है, जिसमें बड़ी संख्या में लोग शामिल होते हैं. वहीं, ईद मिलाद-उन-नबी भी 28 सितंबर को है. मुसलमान भी इसपर जुलूस निकालते हैं. ईद मिलाद-उन-नबी और गणेश वसर्जन एक ही दिन होने से पुणे की सीरत कमेटी ने जुलूस की तारीख आगे बढ़ा दी है.
सीरत कमेटी ने पुणे शहर के अधिकारियों से परामर्श करने के लिए एक बैठक की, जिसमें विद्वानों, विभिन्न संगठनों के पदाधिकारियों ने भाग लिया. सर्वसम्मति से फैसला हुआ कि इस बार ईद मिलाद-उल-नबी जुलूस 28 सितंबर की जगह 1 अक्टूबर को पारंपरिक रीति-रिवाज और धूमधाम से निकाला जाएगा.सीरत कमेटी के इस ऐलान के बाद मौजूदा हालात और वक्त की नजाकत को इस कदम की सराहना हो रही है.
धन्यवाद मुस्लिम भाइयों
साखळीपीर तालीम राष्ट्रीय मारुति मंदिर मंडल के अध्यक्ष रवींद्र अन्ना मालवाल्डकर ने सीरत कमेटी के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि शिवाजी महाराज, बाबा साहब अंबेडकर, महात्मा ज्योतिबा फले, अन्ना भाऊ साठे, मौलाना अबुल कलाम आजाद जैसे लोगों के दिए गए संदेश के कारण, पुणे एक ऐसा शहर है जो सभी धर्मों का सम्मान करता है.
मैं सीरत कमेटी के इस फैसले का स्वागत करता हूं. गणेश विसर्जन के दिन लाखों लोग जुलूस में शामिल होते हैं और ईद मिलाद-उन-नबी के जुलूस में भी बड़ी संख्या में मुस्लिम भाई शामिल होते हैं. दोनों का रास्ता एक ही है. इसलिए मैं अपने मुस्लिम भाइयों को धन्यवाद देता हूं और सीरत कमेटी को बधाई देता हूं.
क्या होगा कार्यक्रम?
सीरत कमेटी के महासचिव रफीउद्दीन शेख ने बताया कि मौलाना हाफिज गुलाम अहमद खान साहब कादरी की अध्यक्षता में रविवार को दोपहर की नमाज के बाद ढाई बजे मनुशाह मस्जिद नाना पेठ पुणे से जुलूस शुरू होगा.
इस जुलूस का रूट संत कबीर चैक है. डी कैंप चैक, भारत सिनेमा, निशात टॉकीज, भगवान दास चल मार्ग चोदमन तालीम, पंजाब बेकरी, बाबाजन चैक दरगाह, चारबावी पुलिस चैक, लश्कर शिवाजी मार्केट, सेंटर स्ट्रीट, कोरेश मस्जिद, महावीर चैक, जुलूस जी रोड, शरबतवाला चैक, सच्चा पीर स्ट्रीट, क्वार्टर गेट, नाना चावड़ी चैक, अल्पना सिनेमा, हमजे खान चैक, गोविंद हलवाई चैक और सुवंशा दरगाह चैक (जामा पथ) पर जलसा के बाद समाप्त होगा’
मुंबई में भी सकारात्मक पहल
पुणे में जो हुआ उसने एक मिसाल कायम की. जिसके बाद मुंबई से भी ऐसी ही खबर मिली है. अंधेरी में भी गणेश विसर्जन और मिलाद-उन-नबी की एक तारीख की समस्या को इसी तरह सुलझा लिया गया है. ईद मिलाद-उन-नबी समानी टीम जुलूस कमेटी अंधेरी मुंबई के अध्यक्ष सलीम आप खान शाह ने इसकी घोषणा की.
उन्होंने कहा कि ईद मिलाद-उन-नबी सल्लम नामद सलीम जुलूस कमेटी अंधेरी की बैठक, जो आप खान नगर मारुल से शुरू होकर सहर रोड से गुजरते हुए चांद शाह वली दरगाह पर समाप्त होती है, रविवार 27 अगस्त 2023 को हुई. जिसमें कमेटी के पदाधिकारी और इमाम शामिल हैं.
मस्जिदों की सलाह से कमेटी के अध्यक्ष सलीम आप खान शाह ने निर्णय लिया है कि इस साल ईद मिलाद-उल-नबी का जुलूस 29 सितंबर 2023 शुक्रवार को निकाला जाएगा.अतः इस संबंध में डीसीपी जोन क्रमांक 10 दत्ता तलावड़े ने 30 अगस्त 2023 को पुलिस विभाग एवं नगर निगम के साथ एक संयुक्त बैठक आयोजित की, जिसमें ईद मिलाद-उन-नबी सैन सिस्टम जुलूस समिति के अध्यक्ष सलीम आप खान एवं अन्य सदस्य शामिल हुए. अन्य क्षेत्रीय संगठनों के अधिकारियों के साथ क्षेत्र की कनिष्क उत्सव समिति के अधिकारी भी इस दौरान मौजूद रहे.
उक्त बैठक में, पुलिस, नगर निगम कर्मचारियों और गणेश उत्सव समिति के पदाधिकारियों की उपस्थिति में, अंधेरी ईद मिलाद-उन-नबी (पीबीयूएच) जुलूस समिति के अध्यक्ष सलीम आप खान ने घोषणा की कि हमारी समिति ने ईद मिलाद-जुलूस 29 सितंबर 2023 को निकालने का फैसला किया है.
28 सितंबर 2023 को गणेश की प्रतिमा के विसर्जन होंगे. उन्होंने कहा कि हमारे पैगंबर के वर्ष में इस महत्वपूर्ण व्यक्ति की शिक्षाएं हमें आपसी प्रेम के साथ रहने और राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा देने की सीख देती हैं, हमने यह निर्णय लिया है, जिस पर उपस्थित डीसीपी और अन्य लोगों ने निर्णय की सराहना की.