पहलगाम आतंकी हमले के खिलाफ फरीदाबाद में मुसलमानों का गुस्सा फूटा, पाकिस्तान का पुतला फूंका और सख्त कार्रवाई की मांग

Story by  दयाराम वशिष्ठ | Published by  [email protected] | Date 25-04-2025
Anger of Muslims erupted in Faridabad against the Pahalgam terrorist attack, effigy of Pakistan burnt and strict action demanded
Anger of Muslims erupted in Faridabad against the Pahalgam terrorist attack, effigy of Pakistan burnt and strict action demanded

 

 

 

याराम वशिष्ठ / फरीदाबाद ( हरियाणा )

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए हालिया आतंकवादी हमले को लेकर पूरे देश में आक्रोश की लहर है. खास बात यह है कि इस कायराना हमले के खिलाफ सिर्फ हिंदू समुदाय ही नहीं, बल्कि मुस्लिम समाज में भी जबरदस्त गुस्सा देखा जा रहा है. शुक्रवार को जुमा की नमाज़ के बाद देश के कई हिस्सों की तरह फरीदाबाद में भी मुस्लिम समुदाय के लोगों ने जोरदार विरोध प्रदर्शन किया.

फरीदाबाद के मुस्लिम वेलफेयर सोसाइटी के युवाओं ने जुमा की नमाज़ के बाद एकजुट होकर आतंकवाद और पाकिस्तान के खिलाफ मोर्चा खोल दिया. प्रदर्शन के दौरान न सिर्फ पाकिस्तान के खिलाफ नारेबाजी की गई, बल्कि आतंकियों के सरपरस्त पाकिस्तान का पुतला भी जलाया गया.

प्रदर्शनकारियों ने जताया आक्रोश, की कड़ी कार्रवाई की मांग

विरोध प्रदर्शन के दौरान प्रदर्शनकारियों ने एकजुट होकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की कि आतंकवाद के खिलाफ सबसे कड़ी कार्रवाई की जाए और इस हमले में शामिल आतंकियों को तुरंत कठोर सज़ा दी जाए. साथ ही पाकिस्तान को भी इस कायराना हरकत के लिए करारा जवाब देने की मांग की गई.

मुस्लिम वेलफेयर सोसाइटी के यूथ अध्यक्ष यासिर यूनुस अहमद ने कहा, “आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता. जो लोग मासूम नागरिकों को निशाना बनाते हैं, वे इंसानियत के दुश्मन हैं और इस्लाम की मूल शिक्षाओं के खिलाफ हैं.हम इस कायराना हमले की कड़ी निंदा करते हैं और सरकार से मांग करते हैं कि दोषियों को सख्त से सख्त सजा दी जाए,”

प्रदर्शन में बड़ी संख्या में युवा हुए शामिल

इस विरोध प्रदर्शन में बड़ी संख्या में मुस्लिम युवा शामिल हुए. प्रदर्शन स्थल पर मौजूद प्रमुख लोगों में मौलाना शहाबुद्दीन, हाजी हनीफ़ अहमद, आमिर खान, आफ़ताब क़ुरैशी, इरशाद क़ुरैशी, जुबैर क़ुरैशी, हाजी रहीस क़ुरैशी, जावेद मलिक, आमिर मलिक, जुनेद कुरेशी, आसिफ़ क़ुरैशी, यामिन मलिक, सद्दाम सिद्दीक़ी सहित कई अन्य समाजसेवी और सामाजिक कार्यकर्ता मौजूद रहे.

'आतंकवाद के खिलाफ एकजुट हो भारत' का संदेश

प्रदर्शनकारियों ने यह भी कहा कि यह समय धर्म या जाति में बंटने का नहीं है, बल्कि देश की अखंडता और सुरक्षा के लिए एकजुट होने का है। प्रदर्शन के दौरान “आतंकवाद मुर्दाबाद”, “पाकिस्तान होश में आओ”, “शांति चाहिए, हिंसा नहीं”, “हम इंसाफ़ चाहते हैं” जैसे नारे गूंजते रहे.

युवाओं का कहना था कि इस्लाम धर्म हमेशा शांति, भाईचारे और इंसानियत की बात करता है, लेकिन कुछ भटके हुए लोग इसे बदनाम करने की साजिश रचते हैं. ऐसे तत्वों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाना चाहिए.

फरीदाबाद में मुस्लिम युवाओं का यह विरोध प्रदर्शन यह साफ़ दर्शाता है कि आतंकवाद को लेकर समाज में एकमत है और हर वर्ग इसकी कड़ी निंदा कर रहा है. यह प्रदर्शन एक संदेश है कि भारत का हर नागरिक, चाहे वह किसी भी धर्म या समुदाय से हो, देश की सुरक्षा और शांति के लिए एकजुट है.

इस तरह के कदम न सिर्फ आतंकी ताकतों के मंसूबों को कमजोर करते हैं, बल्कि देश में आपसी सौहार्द और एकता को भी मज़बूत बनाते हैं.