आवाज़ द वॉयस / नई दिल्ली/पहलगाम
— जम्मू-कश्मीर के पर्यटन क्षेत्र को 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद बड़ा झटका लगा है. इस हमले में हथियारबंद आतंकियों ने एक रिसॉर्ट पर अंधाधुंध गोलीबारी की, जिसमें कई निर्दोष पर्यटक मारे गए. इसके बाद से पर्यटकों ने बड़ी संख्या में होटल और यात्रा बुकिंग रद्द करना शुरू कर दिया है, जिससे क्षेत्र की पर्यटन-आधारित अर्थव्यवस्था पर गहरा प्रभाव पड़ा है.
पर्यटन बुकिंग में गिरावट
चलो घूमने टूर्स एंड ट्रैवल्स की ऑपरेशन्स प्रमुख कीर्ति अग्रवाल ने बताया, "हमले के बाद हमें अगले 4-5 महीनों की लगभग सभी बुकिंग रद्द करनी पड़ी हैं. इससे हमें भारी नुकसान होगा। लोग अब अपनी सुरक्षा को प्राथमिकता दे रहे हैं."
ले ट्रैवलवर्ल्ड के प्रबंध निदेशक संजय डांग ने बताया कि एक ग्राहक ने अपनी माँ के 75वें जन्मदिन के लिए कश्मीर में परिवार के साथ छुट्टियां मनाने की योजना बनाई थी, लेकिन हमले की खबर के बाद उन्होंने 14 कमरों की बुकिंग रद्द कर दी.
देश-विदेश से रद्दीकरण की लहर
टीएएआई (ट्रैवल एजेंट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया) की पूर्व अध्यक्ष और टूरिज्म एंड हॉस्पिटैलिटी स्किल काउंसिल (THSC) की चेयरपर्सन ज्योति मायाल ने कहा, "हमले के बाद पहलगाम और कश्मीर के अन्य इलाकों में बुकिंग रद्द होने लगी हैं. पर्यटक अब इस क्षेत्र को असुरक्षित मानने लगे हैं। स्थानीय होटल मालिक और व्यवसायी अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं."
उन्होंने आगे कहा कि विदेशी पर्यटक भी अब कश्मीर यात्रा को लेकर असमंजस में हैं, क्योंकि कई देशों ने ट्रैवल एडवाइजरी जारी कर दी है और आगे और भी देश ऐसा कर सकते हैं. उन्होंने कहा, "यह हमला एक गलत संदेश देता है कि पर्यटक अब सुरक्षित नहीं हैं."
पर्यटन का मौसमी असर और आर्थिक नुकसान
संजय डांग ने कहा कि "यह समय कश्मीर पर्यटन के चरम का होता है. पिछले साल अप्रैल से जुलाई तक रिकॉर्ड पर्यटक पहुंचे थे. अब जबकि बुकिंग की भरमार होनी चाहिए थी, पर्यटक अपनी योजनाओं पर पुनर्विचार कर रहे हैं."
उन्होंने यह भी जोड़ा कि गर्मियों में आमतौर पर विदेशी पर्यटकों की संख्या कम होती है, लेकिन इस हमले के बाद वैश्विक स्तर पर नकारात्मक भावना बनी है.
2024 में अब तक के आंकड़े
2024 में अब तक 2.3 करोड़ पर्यटक जम्मू-कश्मीर आए हैं (2023 में यह संख्या 2.1 करोड़ थी).
इनमें से 65,452 विदेशी पर्यटक, 5.12 लाख अमरनाथ यात्री और 94.56 लाख वैष्णो देवी यात्री शामिल हैं.
मायाल ने कहा, "कोविड के बाद कश्मीर ने पर्यटन में जबरदस्त वापसी की थी, लेकिन अब यह हमला घरेलू पर्यटन को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकता है."
सुरक्षा उपाय और आगे की चुनौती
इस हमले के बाद गुलमर्ग, श्रीनगर और अन्य पर्यटन स्थलों पर भी सुरक्षा बढ़ा दी गई है. सुरक्षाबलों को हाई अलर्ट पर रखा गया है और प्रमुख चौराहों पर अतिरिक्त नाके लगाए गए हैं.ज्योति मायाल ने कहा, "यह पहली बार है कि पर्यटकों को सीधे निशाना बनाया गया है.
यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है और कश्मीर की ‘सुरक्षित पर्यटन स्थल’ की छवि को नुकसान पहुंचा सकता है।.अब हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है कि हम इस घटना की निंदा करें और मिलकर कश्मीर को फिर से मजबूत और आकर्षक पर्यटन स्थल बनाएं."