मलिक असगर हाशमी/ नई दिल्ली / सिंगापुर
भारत का इनदिनों समय अच्छा चल रहा है. इसके हिस्से एक के बाद एक कामयाब आ रही है. चंद्रयान 3 के चंद्रमा पर लैंडिंग के बाद आज से सूरज पर चढ़ाई के लिए स्पेस अभियान शुरू होगा. इसी तरह जब भारत के सर्वाधिक 7.8 जीडीपी वाला देश होने की खबर आई तो भारतीयों को एक और सूचना ने चैंका दिया. भारतीय मूल के थरमन शनमुगरत्नम ने शुक्रवार को सिंगापुर के राष्ट्रपति पद का चुनाव जीत लिया.
शनमुगरत्नम ने 70.4 प्रतिशत वोट के साथ देश के राष्ट्रपति पद की दौड़ में जीत हासिल की है. नौवें राष्ट्रपति चुनाव के लिए शुक्रवार को मतदान हुए.इस चुनाव में त्रिकोणीय मुकाबला बताया जा रहा था. 2.7 मिलियन से अधिक सिंगापुर के लोगों ने 66 वर्षीय नेता शनमुगरत्नम को चुनने के लिए मतदान किया. उन्होंने देश की संस्कृति को विकसित करके इसे दुनिया में चमकदार स्थान बनाए रखने की प्रतिज्ञा के साथ औपचारिक रूप से अपना राष्ट्रपति अभियान शुरू किया था.
चुनाव आयोग ने बताया कि रात 10.40 बजे तक थर्मन 70 प्रतिशत वोटों के साथ आगे चल रहे थे, जबकि प्रतिद्वंद्वी उम्मीदवार एनजी कोक सोंग 16 प्रतिशत और टैन किन लियान 14 प्रतिशत वोटों से पीछे चल रहे थे.
हालांकि, शनमुगरत्नम ने सिंगापुर के राष्ट्रपति पद का चुनाव जीत लिया है.
इसके बाद थर्मन ने मीडिया को संबोधित करते हुए सिंगापुरवासियों को धन्यवाद दिया. उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि मेरे लिए वोट और मैं जिसके लिए खड़ा हूं वह सिंगापुर में विश्वास का वोट है. यह आशावाद का वोट है. हम एक साथ प्रगति कर सकते हैं.
1991 में निर्वाचित राष्ट्रपति पद की शुरुआत के बाद से यह तीसरी बार है कि सिंगापुरवासियों ने अपने राष्ट्रपति के लिए मतदान किया. इस तरह का पहला चुनाव 1993 में लड़ा गया था, उसके बाद 2011 में दूसरा चुनाव लड़ा गया था.
चुनाव विभाग सिंगापुर (ईएलडी) के अनुसार, दोपहर तक करीब 1,406,182 सिंगापुरवासी शहर-राज्य के 1,264 मतदान केंद्रों पर वोट डालने आए. सुबह-सुबह मतदान केंद्रों पर पहुंचने वालों में निवर्तमान राष्ट्रपति हलीमा और प्रधानमंत्री ली सीन लूंग भी शामिल थे.
भारतीय मूल के सिंगापुर में जन्मे अर्थशास्त्री थर्मन शनमुगरत्नम साल 2001 में राजनीति में आए. दो दशक से अधिक समय तक उन्होंने सत्तारूढ़ पीपुल्स एक्शन पार्टी (पीएपी) के साथ कार्य किया. इस दौरान उन्होंने सार्वजनिक क्षेत्र और मंत्री पदों पर कार्य किया.निवर्तमान राष्ट्रपति हलीमा याकूब का छह साल का कार्यकाल 13 सितंबर को समाप्त होगा.
कौन हैं थरमन शन्मुगरत्नम
थरमन शनमुगरत्नम का जन्म 25 फरवरी 1957 को हुआ था. अभी वह उम्र 66 साल के हैं.शिक्षा लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स (बीएससी) कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय (एमफिल) और हार्वर्ड विश्वविद्यालय (एमपीए) से हुई. पेशे से राजनीतिज्ञ अर्थशास्त्री हैं.
उन्होंने पहले 2019 और 2023 के बीच सिंगापुर के वरिष्ठ मंत्री और 2015 और 2023 के बीच सामाजिक नीतियों के समन्वय मंत्री और 2011 और 2023 के बीच सिंगापुर के मौद्रिक प्राधिकरण के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया है.
वह 2001 और 2023 के बीच जुरोंग जीआरसी के तमन जुरोंग डिवीजन के प्रतिनिधित्व करने वाले संसद सदस्य हैं. उन्होंने 2011 और 2019 के बीच उप प्रधानमंत्री, वित्त मंत्री के रूप में भी कार्य किया है. 2007 और 2015, 2003 और 2008 के बीच शिक्षा मंत्री रहे.
थरमन ने अपना पूरा कामकाजी जीवन सार्वजनिक सेवा में बिताया है. मुख्य रूप से आर्थिक और सामाजिक नीतियों से संबंधित भूमिकाएं निभाते रहे हैं. उन्होंने विभिन्न उच्च-स्तरीय अंतरराष्ट्रीय परिषदों और पैनलों का भी नेतृत्व किया है.
थरमन वर्तमान में सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों और शिक्षा जगत के आर्थिक और वित्तीय नेताओं की एक वैश्विक परिषद, ग्रुप ऑफ थर्टी के न्यासी बोर्ड के अध्यक्ष हैं. वह न्गोजी ओवोन्जो-इवेला, मारियाना माजुकाटो और जोहान रॉकस्ट्रॉम के साथ जल के अर्थशास्त्र पर वैश्विक आयोग के सह-अध्यक्ष भी हैं.
उनकी प्रारंभिक सिफारिशों ने मार्च 2023 में संयुक्त राष्ट्र जल सम्मेलन के परिणामों को आकार देने में मदद की थी. थरमन 2021 से नगोजी ओकोन्जो-इवेला और लॉरेंस समर्स के साथ महामारी की तैयारी और प्रतिक्रिया के लिए वैश्विक वित्तपोषण पर जी20 उच्च स्तरीय स्वतंत्र पैनल की सह-अध्यक्षता भी कर रहे हैं. 2017 में थर्मन को वैश्विक वित्तीय प्रशासन पर जी20 प्रतिष्ठित व्यक्ति समूह की अध्यक्षता के लिए नियुक्त किया गया था.
थरमन विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) के न्यासी बोर्ड के सदस्य भी हैं. इसके वह प्रभावी बहुपक्षवाद पर संयुक्त राष्ट्र महासचिव के उच्च-स्तरीय सलाहकार बोर्ड के सदस्य हैं, जो 2024 में भविष्य के संयुक्त राष्ट्र शिखर सम्मेलन के लिए प्रभावी बहुपक्षवाद पर सिफारिशें करेगा.
उन्होंने 2011 से 2014 तक अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की नीति सलाहकार समिति, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा और वित्तीय समिति (आईएमएफसी) की भी अध्यक्षता की और पहले एशियाई अध्यक्ष बने. इसके अलावा, उन्होंने 2019 से 2022 तक संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) के मानव विकास रिपोर्ट (एचडीआर) के सलाहकार बोर्ड की सह-अध्यक्षता की.
थरमन ने 2001 के आम चुनाव में अपनी राजनीतिक शुरुआत की, और 2006, 2011, 2015 और 2020 के बाद के आम चुनावों में चार बार संसद के लिए फिर से चुने गए. 8 जून 2023 को, थरमन ने 2023 के राष्ट्रपति चुनाव में भाग लेने के अपने इरादे की घोषणा की.इसके बाद, उन्होंने 7 जुलाई 2023 को सरकार में अपने सभी पदों और पीएपी के सदस्य के रूप में अपने निर्धारित इस्तीफे की घोषणा की, क्योंकि राष्ट्रपति पद एक गैर-पक्षपातपूर्ण कार्यालय है.
तमिल पिता और चीनी मांके बेटे हैं थरमन
थरमन के जीवन की कहानी खास है. उनका जन्म सिंगापुर में एक तमिल पिता और एक चीनी मां के यहां हुआ. उनके पिता, कनगरत्नम शनमुगरत्नम, एक प्रसिद्ध रोगविज्ञानी और कैंसर शोधकर्ता थे, जबकि उनकी मां गृहिणी थीं. थरमन एक विविध और समृद्ध सांस्कृतिक वातावरण में पले-बढ़. उन्हें चार भाषाओं अंग्रेजी, तमिल, मलय और मंदारिन में महारथ हासिल है.