आवाज द वाॅयस/ हरिद्वार
हरिद्वार में गंगा किनारे कांवड़ यात्रा के दौरान एक महत्वपूर्ण घटना घटी, जब आशिक अली नामक एक युवक ने डूबते कांवड़िए को बचाकर धार्मिक सौहार्द की मिसाल पेश की. यह घटना उस समय की है जब कांवड़ का सीजन शुरू होते ही हिंदू-मुसलमानों के बीच फूट डालने के लिए एक विशेष वर्ग सक्रिय हो जाता है. बावजूद इसके, देश का धार्मिक सद्भावना बरकरार रहता है.
आशिक अली की बहादुरी और उनके कार्य की सोशल मीडिया पर जमकर तारीफ हो रही है. एक्स पर राहुल अमन ने लिखा, "यह असल इंसानियत और भारत है." आजाद समाज पार्टी के सत्यवीर मीना ने कहा, "इंसानियत से बड़ा कोई धर्म नहीं." अब्दुल मजीद शेख्स ने टिप्पणी की, "ये सारी बातें सत्ता में बैठे सत्ता के लोभी समझ नहीं पाएंगे."
आशिक अली का यह कारनामा एर्टिकल19 इंडिया नामक एक्स हैंडल ने सोशल मीडिया पर साझा किया. वीडियो में दिखाया गया कि कैसे आसिफ ने अपनी जान की परवाह किए बिना गंगा की तेज धार में छलांग लगाई और डूबते कांवड़िए को बचाया.
दरअसल, हरिद्वार में एडीआरएफ के दो जवान शुभम और आशिक अली गंगा किनारे ड्यूटी दे रहे थे. अचानक आसिफ ने गंगा की तेज धार में बहते एक कांवड़िए को देखा और तत्तकाल गंगा में छलांग लगाकर उसे सुरक्षित किनारे पर लाया. इस दौरान उसके सहकर्मी शुभम ने भी मदद की.
हालांकि घटना दो दिन पुरानी है, लेकिन सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद अब यह चर्चा का विषय बन गई है. कई लोगों ने आशिक अली की तारीफ की, जबकि कुछ ने इसे उनकी ड्यूटी करार दिया.
— Article19 India (@Article19_India) July 22, 2024
इस वीडियो पर प्रतिक्रिया देते हुए सुमित बत्रा दत्ता ने देश में सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने के लिए एक राजनीतिक दल को दोषी ठहराया.आशिक अली की इस बहादुरी भरे कार्य ने साबित कर दिया कि इंसानियत और सांप्रदायिक सौहार्द अब भी हमारे देश की पहचान हैं.
— Uttarakhand Police (@uttarakhandcops) July 23, 2024
उत्तराखंड पुलिस ने घटना के बारे में जानकारी दी है कि दिल्ली निवासी शिवभक्त हरिद्वार स्थित कांगड़ा घाट पर नहाने के दौरान गंगा के तेज बहाव में बहने लगा. जिस पर जवान आशिक अली ने गंगा में छलांग लगा कर युवक को सुरक्षित बाहर निकाला और जान बचाई.