मंजीत ठाकुर/ नई दिल्ली
बात 1970 की है जब इंग्लैंड की क्रिकेट टीम ने ऑस्ट्रेलिया का दौरा किया था. उस दौरे में किसी वनडे मैच का कोई प्लान नहीं था. सीरीज में दो टेस्ट मैच ड्रॉ हो चुके थे और सीरीज बोरिंग खात्मे की तरफ बढ़ रही थी.
मेलबर्न में सीरीज का तीसरा टेस्ट मैच खेला जाना था. लेकिन मैदान में दोनों टीमों के इकट्ठा होने से पहले ही बारिश शुरू हो गई थी. पहले तीन दिनों का खेल बारिश की वजह से धुल गया. मेलबर्न ग्राउंड को खेल न होने की वजह से 80,000 पाउंड का तक के नुक्सान की आशंका सताने लगी. अब दोनों बोर्ड सीरीज के आखिर में एक एक्स्ट्रा टेस्ट मैच की व्यवस्था के लिए तैयार हो गए लेकिन यह दौरे का सातवां मैच हो जाता.
लेकिन इससे इंग्लैंड के खिलाड़ी गुस्से में आ गए और उन्होंने अतिरिक्त पैसे की मांग की. हालांकि आज जिस हिसाब से क्रिकेट खेला जाता है उसके लिहाज से इंग्लैंड के खिलाड़ियों का लॉजिक सुनकर आपको हंसी आ जाएगी क्योंकि प्लेयर्स का कहना था कि उनसे 40 दिनों में चार टेस्ट खेलने की उम्मीद करना गलत है.
ऐसे में दर्शक खाली हाथ घर न जाएं इसलिए टेस्ट के पांचवें दिन एक मैच खेलने पर सहमति हुई. तम्बाकू कंपनी रोथमैन्स ने मैच के स्पॉन्सर के तौर पर 5000 पाउंड दिए और मैन ऑफ द मैच को मिलने वाले थे 90 पाउंड. यानी स्पॉन्सरशिप की रकम आज के हिसाब से थी करीब 5 लाख रुपए और मैन ऑफ द मैच की रकम थी कोई 9 हजार रुपए.
मैच को लेकर ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड की मीडिया में बहुत शको-शुबहा था और मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड ने स्टाफ से 20 हजार लोगों के आने का इंतजाम करने को कहा था. हालांकि, मैच के दिन 46 हजार लोग आए.
बारिश की वजह से विकेट पहले ही धीमा हो चुका था और सबसे नजदीक की बाउंड्री भी 85 गज दूर थी. इंग्लैंड के कप्तान थे रे इलिंगवर्थ और वो टॉस हार गए. ऑस्ट्रेलिया ने टॉस जीतकर बॉलिंग की. बल्लेबाजी करने उतरी इंग्लैंड टीम की शुरुआत अच्छी नहीं रहीं. मेहमान टीम का पहला विकेट 21 रन पर गिर गया.
मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड पर खेले गए पहले वनडे में पारी का आगाज करने आए ज्योफ बॉयकॉट 8 रन बनाकर आउट हुए. सलामी बल्लेबाज जॉन एड्रिच को अगर छोड़ दिया जाए तो इंग्लैंड का कोई भी बल्लेबाज इस मैच में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सका. एड्रिच ने 82 रन बनाए थे. इंग्लैंड के स्कोरकार्ड पर नजर डाली जाए तो कीथ प्लेचर 24, एलन नॉट 24 और बासिल डि ओलिवेरिया 17 रन बनाकर टॉप स्कोर रहे.
इंग्लैंड की पूरी टीम 39.4 ओवर में 190 रन पर ऑलआउट हो गई. ऑस्ट्रेलिया के लिए एश्ले मैलट और कीथ स्टाकपोल ने 3-3 विकेट लिए. जबकि 2 विकेट ग्राहम मैकेंजी को मिले.
जीत के लिए 191 रन का लक्ष्य हासिल करने उतरी ऑस्ट्रेलियाई टीम की भी शुरुआत अच्छी नहीं रही. कंगारू टीम का पहला विकेट 19 रन पर गिर गया. पारी की शुरुआत करने आए ओपनर कीथ स्टाकपोल 13 रन बनाकर आउट हुए.
इसके बाद तीसरे नंबर पर बैटिंग करने आए इयान चैपल ने 60 रन की पारी खेली. उनके अलावा डग वाल्टर्स ने 41 रन बनाए. ग्रेग चैपल 22 और रोडने मार्श 10 रन बनाकर नाबाद रहे. इस तरह ऑस्ट्रेलिया ने इतिहास का पहला वनडे मैच 5 विकेट से जीत लिया.
इंग्लैंड के लिए रे इलिंगवर्थ ने सबसे ज्यादा 3 विकेट लिए. मुकाबले में 82 रन की पारी खेलने वाले इंग्लैंड के बैटर जॉन एड्रिच को प्लेयर ऑफ द मैच के खिताब से नवाजा गए. इस तरह वनडे इतिहास में एड्रिच मैन ऑफ द मैच पुरस्कार पाने वाले दुनिया के पहले क्रिकेटर बने.
पहले वनडे के क्या थे नियम?
पहले वनडे मैच में दोनों टीमों के लिए 40-40 ओवर तय किए गए. उस वक्त एक ओवर में 8 गेंद होते थे. दोनों टीमों को एक-एक पारी खेलनी थी जैसा आज भी होता है और तय किया गया कि जो टीम सबसे ज्यादा रन बनाएगी उसे विजेता घोषित किया जाएगा. भले दूसरी टीम ऑल आउट हुई या नहीं. इस दौरान गेंदबाजों के लिए भी नियम बनाए गए और कहा गया कि कोई भी बॉलर मैच में 5 ओवर से ज्यादा नहीं फेंकेगा.
कुल मिलाकर नियम ऐसे बनाए गए थे कि मैच का परिणाम हर हाल में निकले. तो यहां से शुरू हुआ वनडे क्रिकेट और 5 जनवरी 1971 को खेले गए इस मैच ने क्रिकेट के इतिहास का रुख बदल दिया और यह फॉरमेट इतना अधिक पॉप्युलर हुआ कि पहले वनडे मैच के चार साल में ही दुनिया का पहला वनडे क्रिकेट विश्व कप आयोजित करना पड़ा. क्रिकेट की कहानियां में आज इतना ही फिर मिलेंगे एक दिलचस्प किस्से के साथ.