कैसे बनें Umpire, International Cricket Umpire Anil Chaudhary से जानें

Story by  ओनिका माहेश्वरी | Published by  onikamaheshwari | Date 02-06-2024
International Cricket Umpire Anil Chaudhary
International Cricket Umpire Anil Chaudhary

 

ओनिका माहेश्वरी/ नई दिल्ली 
 
भारत में क्रिकेट सिर्फ़ एक खेल नहीं है. क्रिकेट का आयोजन भारत में किसी त्यौहार से कम नहीं है. इस लेख में आप नामी अंपायर अनिल चौधरी से जानेंगें भारत में क्रिकेट अंपायर कैसे बनें? एक क्रिकेट अंपायर की भूमिकाएँ, ज़िम्मेदारियाँ और सबसे महत्वपूर्ण बात, क्रिकेट अंपायर बनने के लिए क्या ज़रूरी कोर्स और गुण हैं.
 
 
क्रिकेट अंपायर बनने के लिए कोई अहम qualification की जरुरत नहीं
अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट अंपायर अनिल चौधरी ने बताया कि एक अंपायर बनने के लिए 45 साल की समय सीमा है. अंपायर कोर्स में लेवल्स होते हैं जिसके टेस्ट में theory, practical & viva शामिल है. क्रिकेट अंपायर बनने के लिए कोई अहम qualification की जरुरत नहीं है लेकिन इसके सारे टेस्ट अंग्रेजी में होते है तो आपको basic knowledge और भाषा का ज्ञान होना जरूरी है.
 
 
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट अंपायर अनिल चौधरी ने बताया कि दिल्ली में कोई अंपायर अकादमी नहीं है, डार्लिंग क्रिकेट क्लब नेट पर अभ्यास किया जाता है. उन दिनों अकादमी संस्कृति नहीं थी. सभी क्लबों के पास अपने-अपने नेट थे. व्यक्तिगत तौर पर अनिल को मुंबई का वानखेड़े क्रिकेट स्टेडियम काफी पसंद हैं. शायद इसीलिए भी क्योंकि में वहां के सौंन्दर्य में चार चाँद मरीन ड्राइव लगा देता है. 
 
अंपायर को अच्छी अंग्रेजी आना जरूरी 
अंपायर बनने के लिए लेवल 1 को पार करने के बाद यानी स्टेट खेलने के बाद आपका  लेवल 2 में बीसीसीआई अंपायर का टेस्ट लेती है इसमें आपको कहीं बाहर गेम्स के लिए भेजा गया तो आपको अच्छी अंग्रेजी आना जरूरी है ताकि आप अपनी बात दूसरों को समझा सके और बाकी अंपायर ट्रेनिंग साथ-साथ चलती है.
 
 
क्रिकेट अंपायर का वेतन
अंपायरों को निश्चित भुगतान नहीं मिलता है, बल्कि घरेलू और राष्ट्रीय दोनों ही तरह के मैचों में अंपायरिंग के दिनों की संख्या के आधार पर भुगतान मिलता है. भारतीय अंपायरों को उनकी आयु, प्रमाणन, अनुभव आदि के आधार पर विभिन्न समूहों में वर्गीकृत किया जाता है. ए+ और ए श्रेणी के अंपायरों को घरेलू मैचों के लिए प्रतिदिन 40,000 रुपये और बी तथा सी श्रेणी के अंपायरों को प्रतिदिन 30,000 रुपये का भुगतान किया जाता है. 
 
अंपायर नेम-फेम और भर्मण 
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट अंपायर अनिल चौधरी ने बताया कि वेतन के साथ-साथ इस क्षेत्र में नेम-फेम भी है. मेने 1991 वर्ष में थाईलैंड में 10 साल क्रिकेट अंपायरिंग की. इसके बाद वर्ष 1998 में बीसीसीआई ज्वाइन किया और इस दौरान मैं साउथ अफ्रीका, अमेरिका, यूएई, श्रीलंका, नामीबिया आदि विदेशों में भी गेम्स के लिए गया. इस दौरान मेने डोमेस्टिक, इंटरनेशनल, आईपीएल, टी-20, बीसीसीआई के लगभग 600 से ज्यादा मैचेस की क्रिकेट अंपायरिंग की.
 
 
क्रिकेट अंपायरिंग के लिए सबसे जरूरी फिटनेस
58 वर्षीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट अंपायर अनिल चौधरी ने बताया कि वे जिला शामली से हैं और वे और उनका परिवार आज भी गांव के खान-पान का सेवन करते हैं. यहीं मेरी तंदरुस्ती का राज है. इससे आपको मेंटल और फिजिकल फिटनेस मेंटेन करने में मदद होती है.  
 
 
क्रिकेट अंपायरिंग प्रशिक्षण  
क्रिकेट अंपायरिंग को सिद्धांत कम और प्रशिक्षण अधिक कहा जा सकता है क्योंकि सैद्धांतिक कक्षाएं लघु अवधि की होती हैं, जो लंदन स्थित मैरीलेबोन क्रिकेट क्लब (एमसीसी) द्वारा क्रिकेट खेल के लिए निर्धारित नियमों पर आधारित होती हैं. वहीँ  इच्छुक उम्मीदवारों को राज्य क्रिकेट संघ का सदस्य बनना होता है और बीसीसीआई अंपायर अकादमी में दाखिला लेना होता है.
 
क्रिकेट अंपायर को खेलना जरूरी या नहीं 
अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट अंपायर अनिल चौधरी ने बताया कि क्रिकेट अंपायरिंग के लिए खेलना जरूरी तो नहीं लेकिन अगर अपने पहले खेल खेला हुआ है और आप उसके शौकीन है तो आपको उसकी जजमेंट के वक़्त नेहतर समझ होगी आपको पता होगा क्या नियम हैं, क्या समय सीमा है आदी. 
 
क्रिकेट अंपायर में कैसा है करियर 
अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट अंपायर अनिल चौधरी ने बताया कि क्रिकेट अंपायरिंग में आज के वक़्त में फ्यूचर ब्राइट है. एक अंपायर कोर्पोर्टेट वर्ल्ड से कई गुना बेहतर है. डोमेस्टिक क्रिकेट मैच के दौरान आपको प्रति दिन 40000 का भुगतान किया जाता है. बस आपको फोकस रखना है, अच्छी जजमेंट देनी है और आप औसतन सालाना 15 लाख कमा सकते हैं (इसकी न्यूनतम सीमा 15 लाख है). अगर आप आईपीएल आदि जैसे सभी प्रमुख इवेंट करते हैं तो आप 60 से 70 लाख तक पहुंच जाते हैं.
 
अंपायर अनिल चौधरी ने दी टिप्स 
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट अंपायर अनिल चौधरी ने बताया कि क्रिकेट अंपायरिंग एक अलग अनुभव है जिसमें आपके जीवन में दिलचस्प किस्से भी जुड़ते हैं कभी लोग आपसे उम्मीद करते हैं, कभी कोई निराश भी होता हैं, कभी फील्ड पर कोई हेलीकॉप्टर आकर अचानक उतर जाएगा तो आपको हंसी आएगी, कभी लगान फिल्म की तरह नो बॉल की स्थिति बन जायगी, आपको बीएस हर एक मोमेंट को एन्जॉय करना है लेकिन खेल के प्रति आपको अपने निर्णय में कोई भी पक्षपात नहीं करना चाहिए और फोकस के साथ जजमेंट देनी चाहिए. 
 
 
अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट अंपायर अनिल चौधरी को क्रिकेट के अलावा फिल्म्स देखना भी काफी प्रिय है जिसमें उनकी पसंदीदा फिल्म्स हैं लगान, चश्मे बद्दूर, शोले, लापता लेडीज़ आदी. वे कहते हैं इस मनोरंजन से भी अंपायर का दिमाग फ्रेश रहता है और उसकी निर्णय लेने की शक्ति (decision making power) और मजबूत होती है. साथ ही अनिल चौधरी को लोगों से मिलना जुलना काफी पसंद है वे कई पोलिटिकल लीडर्स से मुलाकात कर चुके हैं इसमें मोदी, योगी आदि शामिल हैं.
 
भारत में अंपायर कैसे बनें? 
चरण 1 – राज्य क्रिकेट संघ का सदस्य बनें
 
चरण 2 - राज्य संघ से प्रायोजन प्राप्त करें और अंपायर प्रमाणन कार्यक्रम के लिए बीसीसीआई अंपायर अकादमी में नामांकन कराएं
 
चरण 3 – अकादमी द्वारा आयोजित अंपायर प्रमाणन परीक्षा उत्तीर्ण करें
 
चरण 4 – अपने राज्य क्रिकेट संघ द्वारा आयोजित मैचों में भाग लें और अंपायरिंग करें
 
चरण 5 - राज्य स्तर पर 2-3 साल तक अंपायरिंग का अनुभव प्राप्त करें और बीसीसीआई लेवल 1 परीक्षा के लिए आवेदन करें और उसे पास करें
 
चरण 6 - लेवल 1 परीक्षा पास करने के बाद, लेवल 2 प्रमाणन के लिए आवेदन करें और राष्ट्रीय स्तर पर मैचों में अंपायरिंग करने के लिए उसे पास करें
 
चरण 7 – यह आपका घरेलू प्रदर्शन है. जो आपको अंतरराष्ट्रीय और आईपीएल मैचों में ले जाता है. बीसीसीआई आपके प्रदर्शन में निरंतरता को देखते हुए आपको बढ़ावा देता है. 
 
 
क्रिकेट अंपायर प्रमाणन
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल), रणजी जैसे घरेलू और राष्ट्रीय टूर्नामेंटों को संभालने के लिए क्रिकेट अंपायरों को प्रमाणित करता है. ट्रॉफी, सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी, ईरानी ट्रॉफी, आदि. आईसीसी अंतर्राष्ट्रीय टूर्नामेंट और विश्व कप, द्विपक्षीय श्रृंखला, त्रिकोणीय श्रृंखला आदि जैसे आयोजनों के लिए अंपायरों को प्रमाणित करता है.
 
अंपायर बनने के लिए आवश्यक कौशल
सहज निर्णय लेने की क्षमता
मजबूत संचार कौशल
शारीरिक फिटनेस और सहनशक्ति
खेल के नियमों का ज्ञान
मैदान और दर्शकों के दबाव को संभालना
अपने निर्णय लेने का साहस
 
 
अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट अंपायर अनिल चौधरी ने बताया कि आजकल व्हीलचेयर और ब्लाइंड क्रिकेट काफी चलन में हैं उन खिलाड़ियों  के मैच में भी मेने कई बार अंपायरिंग की इससे भी मुझे एक नयी ऊर्जा मिलती है. अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट अंपायर अनिल चौधरी सोशल गतिविधीयों में भी भाग लेते हैं और एक सामाजिक व्यक्ति हैं साथ ही उन्होनें बताया कि उनके दो क्रिकेट क्लब्स हैं. 
 
डार्लिंग क्रिकेट क्लब और जाट हीरो क्रिकेट क्लब में वे अक्सर खेल करते हैं साथ ही वे क्रिकेट में रुचि रखने वाले बच्चों को भी मुफ्त गाइड करना पसंद करते हैं अगर उनसे कोई परामर्श चाहे तो भी देते हैं. अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट अंपायर अनिल चौधरी के पिता भी एक वॉलीबॉल प्लेयर रहे उन्होनें ही अनिल को एक सॉफ्ट कार्नर के तहत खेल में रुचि लेने की आजादी दी साथ ही उनकी पत्नी एक टीचर हैं.
 
वहीँ उनका एक बेटा आर्यन हिंदू कॉलेज में क्रिकेट खेलता है. दिल्ली के लिए 23 साल तक खेला और दूसरा बेटा अक्षत दिल्ली में बिजनेस कोर्स की पढ़ाई करता है. साथ ही उनका छोटा भाई सहवाग और नेहरा, विजय दहिया, शिखर आदि के साथ दिल्ली के लिए रणजी खेलता है. वह अब ब्रिटिश (प्रवासित) है.