पेरिस ओलंपिक 2024: इन हिजाबी एथलीट्स पर होगी दुनिया की नजर

Story by  राकेश चौरासिया | Published by  [email protected] | Date 27-07-2024
Tina Rahimi
Tina Rahimi

 

नई दिल्ली. पेरिस ओलंपिक खेलों की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है, और फ्रांस ने एथलीटों के हिजाब पहनने पर प्रतिबंध लगाने का विवादास्पद फैसला लिया है. खेल मंत्री एमेली ओडेया-कास्टेरा की इस घोषणा ने खेल और नागरिक अधिकार संगठनों की तीखी आलोचना का सामना किया है. ह्यूमन राइट्स वॉच और स्पोर्ट एंड राइट्स अलायंस ने इस निर्णय को 'भेदभावपूर्ण पाखंड' करार दिया है. इसका सीधा असर फ्रांसीसी मुस्लिम एथलीटों पर पड़ता है, जिनमें बास्केटबॉल खिलाड़ी सलीमाता सिल्ला और हेलेन बा प्रमुख हैं.

पेरिस ओलंपिक 2024 में हिस्सा लेने वाली कुछ प्रमुख हिजाबी एथलीट्स पर दुनिया की नजरें टिकी होंगी:

टीना रहीमी, ऑस्ट्रेलिया

टीना रहीमी, पेरिस ओलंपिक में ऑस्ट्रेलिया का प्रतिनिधित्व करने वाली पहली महिला मुस्लिम मुक्केबाज होंगी. बर्मिंघम में 2022 राष्ट्रमंडल खेलों में कांस्य पदक जीतने के बाद, वह अब ओलंपिक में स्वर्ण पदक पर नजर गड़ाए हुए हैं. एक हिजाबी महिला के रूप में मुक्केबाजी में अपने अनुभवों को साझा करते हुए, रहीमी ने फ्रांसीसी अधिकारियों के फैसले पर अपनी निराशा भी जाहिर की है.

सफिया अल-सईघ, संयुक्त अरब अमीरात

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महज 22 साल की उम्र में, सफिया अल-सईघ संयुक्त अरब अमीरात की पहली महिला साइकिलिस्ट हैं जो ओलंपिक रोड रेस में भाग लेंगी. उन्होंने 2023 में यूसीआई महिला विश्व टूर में भाग लिया और एशियाई खेलों में प्रतिस्पर्धा की. अल-सईघ ने कहा, ‘‘मैं एक ऐसा रास्ता बनाने की कोशिश कर रही हूं, जो मेरे देश में किसी अन्य महिला ने नहीं बनाया है. मैं मानक ऊंचा रखना चाहती हूं और जो कोई भी अनुसरण करना चाहता है, उसके लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना चाहती हूं.’’

दुन्या अबुतालेब, सऊदी अरब

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आठ साल की उम्र में ताइक्वांडो में शुरुआत करने वाली सऊदी चैंपियन दुन्या अबुतालेब अब ओलंपिक टीम में जगह पाने वाली पहली सऊदी महिला हैं. उनका रिकॉर्ड प्रभावशाली है, जिसमें 2022 विश्व ताइक्वांडो चैंपियनशिप और 2022 एशियाई चैंपियनशिप में कांस्य पदक शामिल हैं. अबुतालेब ने कहा, ‘‘पहली महिला होना मेरे लिए एक बड़ी चुनौती है - जब मैं अपने खेल में कुछ हासिल करती हूँ, तो मैं इसे केवल अपने नाम पर नहीं करती. मैं इसे सऊदी अरब के नाम पर करती हूँ.’’

मारवा बौजायनी, ट्यूनीशिया

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ट्यूनीशियाई 3,000 मीटर स्टीपलचेजर मारवा बौजायनी पेरिस में अपने दूसरे ओलंपिक के लिए तैयार हैं. 2020 के टोक्यो खेलों में छठे स्थान पर आने के बाद, वह इस साल अपने प्रदर्शन में सुधार की उम्मीद कर रही हैं. बौजायनी ने कहा है कि वह मुस्लिम लड़कियों के लिए एक रोल मॉडल बनना चाहती हैं, और उन्हें दिखाना चाहती हैं कि “धार्मिक मूल्यों और मान्यताओं को त्यागे बिना भी उच्च श्रेणी के खेलों में सफलता प्राप्त की जा सकती है.”

खदीजा एल-मर्डी, मोरक्को

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मोरक्को की हेवीवेट खदीजा एल-मर्डी अंतरराष्ट्रीय शौकिया मुक्केबाजी टूर्नामेंट में स्वर्ण जीतने वाली पहली अफ्रीकी और पहली अरब महिला बन गई हैं. उन्होंने 2023 आईबीए महिला विश्व मुक्केबाजी चौंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता. एल-मर्डी ने कहा, “ओलंपिक में पदक जीतना मेरे लिए एक सपने के सच होने जैसा होगा.”

पेरिस ओलंपिक 2024 में ये हिजाबी एथलीट्स न केवल अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करेंगी बल्कि दुनिया को दिखाएंगी कि धार्मिक मान्यताओं और खेल में उत्कृष्टता के बीच कोई विरोधाभास नहीं है.