'पाकिस्तान को लॉलीपॉप थमा दिया', चैंपियंस ट्रॉफी 25 हाइब्रिड मॉडल पर बोले दानिश कनेरिया

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 26-12-2024
'Pakistan given a lollipop', says Danish Kaneria on Champions Trophy 2025 hybrid model
'Pakistan given a lollipop', says Danish Kaneria on Champions Trophy 2025 hybrid model

 

नई दिल्ली. आईसीसी द्वारा चैंपियंस ट्रॉफी 2025 में भारत-पाकिस्तान मैचों के लिए हाइब्रिड मॉडल को मंजूरी दिए जाने के बाद, पाकिस्तान के पूर्व स्पिनर दानिश कनेरिया को लगता है कि यह भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के लिए जीत की स्थिति है, जबकि पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) को 2028 में महिला टी20 विश्व कप की मेजबानी का "लॉलीपॉप" दिया गया है.

आईसीसी कार्यकारी बोर्ड ने पिछले सप्ताह घोषणा की कि 2024-2027 अधिकार चक्र के दौरान आईसीसी इवेंट्स में किसी भी देश द्वारा आयोजित भारत और पाकिस्तान के मैच तटस्थ स्थल पर खेले जाएंगे. साथ ही, पीसीबी को 2028 में आईसीसी महिला टी20 विश्व कप की मेजबानी के अधिकार दिए गए हैं, जहां तटस्थ स्थल व्यवस्था भी लागू होगी.

बाद में, दुबई को चैंपियंस ट्रॉफी के भारत-पाक मैचों के लिए स्थल के रूप में पुष्टि की गई थी, जिसकी मेजबानी पाकिस्तान 19 फरवरी से 9 मार्च तक करेगा. भारत-पाकिस्तान के बीच मुकाबला 23 फरवरी को दुबई इंटरनेशनल स्टेडियम में होना है. अगर भारत फाइनल के लिए क्वालीफाई करता है, तो शिखर मुकाबला भी दुबई में होगा.

कनेरिया ने 'आईएएनएस' से कहा, "बीसीसीआई ने खुद को जीत की स्थिति में पाया है. यहां पाकिस्तान में, मैं लोगों को यह कहते हुए सुन रहा हूं कि 'हमने लड़ाई लड़ी और जीत हासिल की', लेकिन वे अनपढ़ हैं. उन्हें महिला विश्व कप का 'लॉलीपॉप' थमा दिया गया है. शुरू से ही, मुझे लगा कि हाइब्रिड मॉडल ही एकमात्र समाधान होगा, क्योंकि इस स्थिति में, कोई दूसरा विकल्प नहीं है."

तनावपूर्ण राजनीतिक संबंधों के कारण, भारत और पाकिस्तान केवल विश्व कप और एशिया कप जैसे अंतरराष्ट्रीय आयोजनों में ही प्रतिस्पर्धा करते हैं. दोनों देशों के बीच आखिरी बार अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में इस साल जून में पुरुषों के टी20 विश्व कप के दौरान मुकाबला हुआ था.

कनेरिया ने कहा, "पाकिस्तान ने कहा है कि वे खेलने के लिए भारत नहीं जाएंगे, लेकिन यह तो समय ही बताएगा. देश इस समय अस्थिर स्थिति का सामना कर रहा है. अगर दूसरी टीमों के साथ कुछ हुआ, तो क्या होगा? पूरा टूर्नामेंट दुबई में शिफ्ट हो सकता है. हर किसी की पारिवारिक चिंताएं हैं और हमें इसका सम्मान करना चाहिए. मौजूदा स्थिति को देखते हुए, उम्मीद है कि हाइब्रिड मॉडल के तहत टूर्नामेंट सुचारू रूप से चलेगा."

"दिलचस्प बात यह है कि अगर भारत और पाकिस्तान दोनों फाइनल में पहुंचते हैं, तो इसे दुबई में ही खेला जाना चाहिए, है न? इससे एक और मुद्दा उठेगा: अगर आप दुबई में फाइनल खेल सकते हैं, तो भारत में खेल खेलने में क्या समस्या है? परिस्थितियों को देखते हुए, उन्हें यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि पाकिस्तान में स्थिति स्थिर बनी रहे. टीमें यहां आ रही हैं और मैच खेल रही हैं.''

उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं होना चाहिए कि दूसरी टीमें सवाल उठाएं और पूरा टूर्नामेंट दुबई में हो. 2009 की घटना का हवाला देते हुए, जब लाहौर के गद्दाफी स्टेडियम के पास श्रीलंकाई क्रिकेटरों को ले जा रही बस पर बंदूकधारियों ने गोलीबारी की थी, कनेरिया ने आग्रह किया कि चैंपियंस ट्रॉफी को सुचारू रूप से आयोजित करने के लिए हर संभव प्रयास किया जाना चाहिए.

पूर्व स्पिनर ने कहा, "हर किसी को सुरक्षा की चिंता है. जब भी कोई टीम अंतरराष्ट्रीय मैच के लिए पाकिस्तान आती है, तो उन्हें राष्ट्रपति स्तर की सुरक्षा प्रदान की जाती है. यह आवश्यक है क्योंकि अतीत में एक ऐसी घटना हुई थी जिससे पाकिस्तान क्रिकेट और उसके खिलाड़ियों को काफी नुकसान हुआ था. पाकिस्तान में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट रुक गया था. आपको स्थिति की मांग के अनुसार सोचना होगा, अहंकार से काम नहीं लेना चाहिए. अगर आप अच्छा करते हैं, तो लोग आपके बारे में अच्छा बोलेंगे.

44 वर्षीय पूर्व क्रिकेटर ने कहा कि अगर भारत चैंपियंस ट्रॉफी में पाकिस्तान में खेलता तो भारत-पाकिस्तान मैच में अन्य टीमों के बीच मैचों की तुलना में "दस गुना अधिक दर्शक आते". पूरा स्टेडियम और यहां तक कि सड़कें भी लोगों से भरी होतीं.

कनेरिया ने कहा, "क्योंकि लोग रोहित (शर्मा), विराट (कोहली) और (जसप्रीत) बुमराह के प्रशंसक हैं. युवा पीढ़ी इन खिलाड़ियों का अनुकरण कर रही है." उन्होंने आगे कहा कि चैंपियंस ट्रॉफी की सफल मेजबानी से पाकिस्तान क्रिकेट को बढ़ावा मिलेगा, लेकिन इस बात पर जोर दिया कि अभी भी एक लंबा रास्ता तय करना है. उन्होंने कहा, "पाकिस्तान में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट पहले ही पुनर्जीवित हो चुका है. अब पाकिस्तान को अन्य मामलों पर ध्यान देने के बजाय चैंपियंस ट्रॉफी पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए. अगर यह टूर्नामेंट सफल होता है, तो यह पाकिस्तान क्रिकेट और युवाओं के लिए बहुत फायदेमंद होगा. इससे पाकिस्तान क्रिकेट को और भी बढ़ावा मिलेगा, लेकिन अभी भी एक लंबा रास्ता तय करना है."