निजार-अजहरुद्दीन ने केरल को सेमीफाइनल में पहुंचाया

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 12-02-2025
Nizar-Azharuddin take Kerala to semi-finals
Nizar-Azharuddin take Kerala to semi-finals

 

पुणे. सलमान निज़ार और मोहम्मद अज़हरूद्दीन ने संघर्ष दिखाते हुए केरल को सिर्फ़ दूसरी बार रणजी ट्रॉफ़ी के सेमीफ़ाइनल में पहुंचा दिया है. उन्होंने मैच के पांचवें दिन बुधवार को क्रीज़ पर खूंटा डाल लिया और सातवें विकेट के लिए 42.4 ओवर में 115 रनों की साझेदारी करते हुए मैच को ड्रॉ करा दिया. चूंकि केरल को पहली पारी में सिर्फ़ एक रन की महत्वपूर्ण बढ़त मिली थी, इसलिए वे अब रणजी ट्रॉफ़ी के सेमीफ़ाइनल में पहुंच गए, जहां उनका मुक़ाबला गुजरात से होगा.

जहां मैच के आख़िरी महत्वपूर्ण क्षणों में जम्मू और कश्मीर को चार विकेटों की ज़रूरत थी, वहीं केरल के बल्लेबाज़ों को विकेट पर टिकना था. निज़ार 162 गेंदों में 44 रनों पर नाबाद रहे, वहीं मोहम्मद अज़हरूद्दीन 118 गेंदों में 67 रनों के साथ पवेलियन लौटे.

इससे पहले निज़ार ने पहली पारी में भी 112 रनों की महत्वपूर्ण पारी खेली थी और केरल को मैच में वापसी कराई थी. उन्होंने नंबर 11 के बल्लेबाज़ बासिल थंपी के साथ पहली पारी में 81 रन जोड़े थे और केरल को 200 पर नौ विकेट से उबार 281 के स्कोर तक पहुंचाया था और एक रन की निर्णायक बढ़त दिलाई थी.

पहली पारी में जलज सक्सेना ने भी 67 रनों की महत्वपूर्ण पारी खेली थी और 11 रनों पर तीन विकेट के स्कोर से अपनी टीम को उबारा था. सक्सेना की इस पारी में ड्राइव, कट और पुल सभी शुमार थे और उन्होंने विकेट के चारों तरफ़ कुछ शानदार स्ट्रोक खेले.

अंतिम दिन केरल ने 100 रन पर दो विकेट के स्कोर के साथ शुरुआत की और उन्हें जीत के लिए 299 रनों की ज़रूरत थी. हालांकि दिन की शुरुआत में ही यह तय हो गया था कि वे रनों के पीछे नहीं हैं और ड्रॉ के लिए देख रहे हैं. कप्तान सचिन बेबी और अक्षय चंद्रन ने तीसरे विकेट के लिए 43 ओवर बल्लेबाज़ी करते हुए सिर्फ़ 58 रन जोड़े.

हालांकि ऑफ़ स्पिनर साहिल लूथरा ने दोनों को आउट कर जम्मू और कश्मीर को वापसी कराने की कोशिश की. अगले ओवर में बाएं हाथ के स्पिनर आबिद मुश्ताक़ ने सक्सेना को भी आउट कर जम्मू और कश्मीर के लिए मैच के द्वार खोल दिए. इसके बाद मुश्ताक़ ने आदित्य सरवटे को भी पवेलियन भेजा और केरल की हार निश्चित दिखने लगी थी.

लेकिन निज़ार और अज़हरूद्दीन कुछ और ही सोच कर आए थे. जम्मू और कश्मीर इस सीज़न एक भी मैच नहीं हारा है, इसलिए उनका बाहर होना और भी निराशाजनक है.