आवाज द वाॅयस / नई दिल्ली
बिना किसी इंटरनेशनल और फर्स्ट क्लास मैच खेले, केरल के एक अनजान आॅटो चालक के बेटे ने आईपीएल में तहलका मचाकर सभी को हैरान कर दिया. मुंबई इंडियंस (MI) के स्पिनर विग्नेश पुथुर ने अपनी शानदार गेंदबाजी से सभी को प्रभावित किया, और यहां तक कि आईपीएल कमेंट्री पैनल में मौजूद अपने जमाने के धाकड़ बल्लेबाज नवजोत सिंह सिद्धू ने भी उनकी तारीफ की.
सिद्धू ने इस गेंदबाज को लेकर यह प्रसिद्ध जुमला कहा, "कीचड़ में ही कमल खिलता है." विग्नेश की गेंदबाजी ने न सिर्फ कमेंटेटरों को चौंका दिया, बल्कि मैदान में मौजूद कप्तान कूल महेंद्र सिंह धोनी ने भी उसे शानदार प्रदर्शन पर सराहा और उसकी पीठ थपथपाई.
विग्नेश पुथुर की कहानी सच में प्रेरणादायक है. वह केरल के मलप्पुरम के एक छोटे से गांव के रहने वाले हैं, और उनका जीवन संघर्षों से भरा हुआ था. उन्होंने कभी बड़े क्लबों से क्रिकेट नहीं खेला था, लेकिन मुंबई इंडियंस ने उनकी गेंदबाजी प्रतिभा को पहचाना और उन्हें अपनी टीम में शामिल किया. मुंबई इंडियंस ने विग्नेश को 30 लाख रुपये के बेस प्राइस पर खरीदा था, और यह रकम उनकी कड़ी मेहनत और लगन का फल है.
आईपीएल डेब्यू में धमाल
विग्नेश पुथुर ने आईपीएल में अपने डेब्यू मैच में ही अपनी कड़ी मेहनत का लोहा मंगवाया. रविवार को मुंबई इंडियंस और चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) के बीच हुए मुकाबले में, विग्नेश ने अपनी शानदार गेंदबाजी से सीएसके के बड़े-बड़े बल्लेबाजों को चित्त कर दिया.
उन्होंने इस मैच में 4 ओवरों में 32 रन देकर 3 विकेट चटकाए. विग्नेश ने कप्तान ऋतुराज गायकवाड़, शिवम दुबे और दीपक हुड्डा जैसे अनुभवी बल्लेबाजों को आउट किया. उनकी गेंदबाजी के जादू से भले ही मुंबई इंडियंस यह मैच 4 विकेट से हार गई, लेकिन विग्नेश ने अपनी गेंदबाजी से मैच का रुख बदलने की पूरी कोशिश की और आईपीएल के इस सीजन में एक नया चेहरा बनकर उभरे.
किसी बड़े क्रिकेट क्लब से नहीं, फिर भी आईपीएल में चमके
विग्नेश पुथुर का क्रिकेट सफर सामान्य नहीं था. उन्होंने कभी सीनियर स्तर पर केरल के लिए क्रिकेट नहीं खेला, लेकिन अंडर-14 और अंडर-19 में उन्होंने केरल का प्रतिनिधित्व किया. इसके बाद, वह केरल क्रिकेट लीग में एलेप्पी रिपल्स के लिए खेलते हैं, जहां उनकी गेंदबाजी को काफी सराहा गया.
एक वक्त था जब वह मीडियम पेस गेंदबाजी करते थे, लेकिन एक स्थानीय क्रिकेटर मोहम्मद शेरिफ ने उन्हें लेग स्पिन करने का सुझाव दिया. इसने उनके करियर की दिशा बदल दी और वह त्रिशूर चले गए, जहां सेंट थॉमस कॉलेज के लिए केरल कॉलेज प्रीमियर टी20 लीग में स्टार बन गए.
आर्थिक तंगी के बावजूद मिला परिवार का साथ
विग्नेश पुथुर के पिता सुनील कुमार एक ऑटो ड्राइवर हैं और उनकी मां केपी बिंदु एक गृहिणी हैं. आर्थिक तंगी के बावजूद, उन्होंने अपने बेटे को क्रिकेट की दुनिया में सफलता पाने के लिए हरसंभव सहायता दी। विग्नेश के परिवार ने अपने बेटे को एक बड़ा क्रिकेटर बनाने का सपना देखा और इसे पूरा करने के लिए उन्होंने कई मुश्किलों का सामना किया.
SA20 में भी दिखाया था दम
विग्नेश पुथुर का नाम दक्षिण अफ्रीका की SA20 लीग में भी सामने आया था. इस लीग में वह मुंबई इंडियंस केप टाउन के लिए नेट बॉलर के तौर पर काम कर रहे थे. इस अनुभव ने उन्हें और अधिक परिपक्व होने में मदद की और अब वह आईपीएल जैसे बड़े मंच पर अपनी गेंदबाजी का जादू चला रहे हैं.
आगे का सफर
विग्नेश पुथुर की कहानी यह दिखाती है कि अगर व्यक्ति में मेहनत और आत्मविश्वास हो, तो किसी भी मुश्किल को पार किया जा सकता है. उन्होंने यह साबित किया कि क्रिकेट की दुनिया में कोई भी खिलाड़ी छोटे या बड़े क्लब से हो सकता है, अगर उसके पास टैलेंट और लगन हो.
मुंबई इंडियंस से जुड़ने के बाद विग्नेश के लिए संभावनाओं का नया द्वार खुल चुका है, और आगे आने वाले मैचों में वह और भी अधिक प्रभावित कर सकते हैं.
विग्नेश पुथुर का आईपीएल डेब्यू एक प्रेरणा है. उनके जैसे खिलाड़ी यह साबित करते हैं कि संघर्ष और मेहनत से किसी भी लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है. अब यह देखना होगा कि मुंबई इंडियंस के इस युवा स्पिनर का भविष्य और भी उज्जवल होता है या नहीं, लेकिन इस समय वह एक स्टार के रूप में उभर चुके हैं.