मजदूर के बेटे एज़ाजुद्दीन को मिला बंगाल किक्रेट टीम में चांस

Story by  जयनारायण प्रसाद | Published by  [email protected] | Date 06-07-2024
Labourer's son Azzazuddin got a chance in Bengal cricket team
Labourer's son Azzazuddin got a chance in Bengal cricket team

 

जयनारायण प्रसाद/ कोलकाता

प्रतिभा छुपाए नहीं छुपती.एक दिन ऐसी प्रतिभा बाहर आ ही जाती है.ऐसी ही एक प्रतिभा का नाम है एज़ाजुद्दीन.एज़ाजुद्दीन एक उभरता हुआ क्रिकेटर हैं.वह बंगाल में माल्दा जिले के चांचल इलाके का रहने वाला है.माल्दा जिले की भौगोलिक दूरी राजधानी कोलकाता से कोई 388 किलोमीटर है.

माल्दा स्टेशन पर उतरकर फिर चांचल इलाके में जाना पड़ता है.चांचल पहुंचने के लिए कोई 62किलोमीटर का सफर तय करना पड़ता है.तब जाकर एज़ाजुद्दीन के घर पहुंचा जा सकता है.कोलकाता से यह दूरी लगभग दस-ग्यारह घंटे में पूरी की जा सकती है.

अंडर - 19 बांग्ला किक्रेट टीम में सलेक्शन

एज़ाजुद्दीन का सलेक्शन अभी-अभी बांग्ला किक्रेट टीम के अंडर -19में हुआ है.इसके अलावा एज़ाजुद्दीन को पूर्व रेलवे की फर्स्ट डिवीजन टीम में भी खेलने का मौका मिला है.आने वाले अक्तूबर महीने में उसे नियुक्ति का लेटर मिल जाएगा.

kolkata cricketer

पिता सब्जी आढ़त में मजदूर

एज़ाजुद्दीन एक गरीब बाप का बेटा है.उसके पिता अज़ीमुद्दीन माल्दा जिले के चांचल इलाके में सब्जी की एक आढ़त में काम करता है.टीन के एक छोटे से मकान में रहने वाला एज़ाजुद्दीन का बड़ा भाई बंगाल के बाहर दूसरे राज्य में श्रमिक है और एज़ाजुद्दीन का मझला भाई माल्दा के चांचल इलाके में ही घर के बाजू में किराना की एक दुकान में मजदूरी करता है.

भाइयों में सबसे छोटा एज़ाजुद्दीन

अपने तीन सगे भाइयों में एज़ाजुद्दीन सबसे छोटा है.वह अभी दसवीं क्लास का स्टूडेंट है.माल्दा के चांचल इलाके में एक स्कूल है - 'चांचल सिद्धेश्वरी इंस्टीट्यूटशन', जिसमें एज़ाजुद्दीन पढ़ता है.पढ़ने में भी वह ठीक-ठाक है.

प्रशिक्षक का कहना है - वह अच्छा किक्रेटर बनेगा

एज़ाजुद्दीन के प्रशिक्षक राजेश दास का कहना है - 'एज़ाजुद्दीन प्रतिभाशाली किक्रेटर है.गरीब है, लेकिन उसका मन हमेशा किक्रेट में ही रमा रहता है.' ट्रेनर आगे कहते कहते हैं - एज़ाजुद्दीन माल्दा जिले के टूर्नामेंट में भी हमेशा अच्छा करता रहा है.चांचल क्रिकेट एकाडेमी में उसने अच्छा रिकॉर्ड बनाया है.एक बेहतरीन गेंदबाज के साथ-साथ एज़ाजुद्दीन बढ़िया बल्लेबाज भी है.'

वे बताते हैं, 'सात साल की उम्र में एज़ाजुद्दीन हमारी 'चांचल क्रिकेट एकाडेमी' में क्रिकेट सीखने आया था.तब से वह लगातार अच्छा करता आया है.एज़ाजुद्दीन में गज़ब का लगन और खेलने का हुनर है.' ट्रेनर के चेहरे पर खुशी जैसे तैरने लगती है.

महेंद्र सिंह धोनी हैं एज़ाजुद्दीन की प्रेरणा

बचपन से ही क्रिकेट का शौकीन एज़ाजुद्दीन कभी पड़ोसी के घर जाकर क्रिकेट मैच देखता था.और जब महेंद्र सिंह धोनी को खेलते हुए देखता, तो धोनी की बल्लेबाजी को पूरा देखकर ही घर लौटता.उसके  ख्वाब में महेंद्र सिंह धोनी बस चुका था.एज़ाजुद्दीन कहता है - 'मेरा असली हीरो है महेंद्र सिंह धोनी.अब मौका मिला है.देखता हूं, कुछ ना कुछ तो करूंगा ही.मुझे माल्दा जिले और अपने गृहनगर चांचल इलाके का नाम रौशन करना है.'

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चांचल के लोगों में हैं खुशी की‌ लहर

बांग्ला क्रिकेट टीम (अंडर -19) और पूर्व रेलवे की फर्स्ट डिवीजन टीम में एज़ाजुद्दीन को खेलने का मौका मिलने पर सबसे ज्यादा खुशी उसके  गृहनगर चांचल इलाके को लोगों में हैं.बांग्ला क्रिकेट टीम में एज़ाजुद्दीन के सलेक्शन से चांचल क्रिकेट एकाडेमी के सदस्य और एज़ाजुद्दीन के दोस्त खुशी से झूम उठते हैं.सब एक स्वर से कहते हैं - 'एज़ाजुद्दीन माल्दा जिले और हमारे चांचल इलाके का गर्व है. हमें पहले से मालूम था बंगाल क्रिकेट टीम (अंडर -19) में एक दिन एज़ाजुद्दीन का सलेक्शन होगा ही.'