शगुफ्ता नेमत
मिक्स मॉर्शल ऑर्ट (Mixed martial arts) (MMA) में दिल्ली के अबुल फजल ओखला क्षेत्र से गाजी सिकंदर हयात तेजी से उभर रहे हैं.कई खेलों में प्रतिभा आजमाने के बाद गाजी सिकंदर को अब लगता है कि उन्हें खेल की मंजिल मिल गई .
गाजी इसी खेल में अपना करियर तलाश रहे हैं. उन्होंने छुटपन से अपने खेल का ऐसा सफर शुरू किया कि आज उनके हाथ कई तमगे हैं. यहां तक कि वह अक्षय कुमार अंतरराष्ट्रीय कूडो टूर्नामेंट में स्वर्ण पदक जीत चुके हैं.
अबु फजल के द स्कॉलर स्कूल से खेल की यात्रा प्रारंभ करने वाले गाजी अभी जामिया मिलिया से होटल मैनेजमेंट कर रहे हैं. आवाज द वॉयस से बातचीत में कहते हैं, ‘‘खेल के जुनून की वजह से उन्हें कई बार घरवालों से डांट सुननी पड़ी है.’’
द स्कॉलर स्कूल की शिक्षिकाएं कहती हैं, ‘‘ जब वह स्कूल में पढ़ाई कर रहे थे, तभी उनकी खेल प्रतिभा दिखने लगी थी. विद्यालय के सभी लोगों को लगता था कि नटखट बालक गाजी सिकंदर हयात आगे चल कर खेल के क्षेत्र में कुछ न कुछ अवश्य करेगा.’’
वक्त ने करवट बदला. गाजी धीरे-धीरे खेल के मैदान में सिकंदर बनने लगे. आज उन्होंने क्षेत्र में उभरते खिलाड़ी के रूप में अपनी पहचान बना ली है.मात्र 20 वर्ष की उम्र में उन्होंने काफी प्रसिद्धि प्राप्त कर ली है जो खेल के प्रति इनके रुझान और परिश्रम को दर्शाता है.
आठवीं कक्षा तक की पढ़ाई गाजी ने द स्कॉलर स्कूल से प्राप्त की. 10 वीं गुड स्मैरिटन से किया और 11वीं व 12 वीं की पढ़ाई सरकारी विद्यालय से की है.गाजी सिकंदर हयात बताते हैं, ‘‘बचपन से खेल में रुचि है. यह समय के साथ परवान चढ़ती गई.’’
बचपन में खेल की शुरूआत क्रिकेट से की. बाद में फुटबॉल में हाथ आजमाया.गाजी की रुचि का अनुमान इससे लग सकता है कि 12साल की उम्र में जब बच्चे खाने- पीने, घूमने में पैसे लगाते हैं, यह और इनके साथी खिलाड़ी फुटबॉल खरीदकर मैदान में भागते नजर आते थे. जहां जगह मिलती वहीं दोस्तों के साथ फुटबॉल लेकर पहुंच जाते.
बताते हैं कि खेल की इस दिवानगी के कारण उन्हें घर वालों से मार तक खानी पड़ी. इसके इतर खेल के प्रति रुझान बढ़ता गया.’’कहते हैं, जहां इरादे मजबूत हों, वहाँ स्थितियां भी घुटने टेक देती हैं. गाजी के मामले में भी ऐसा ही कुछ है. समय के साथ इनकी खेल प्रतिभा उभर रही है.
कहते हैं ,सोने की पहचान जौहरी को होती है. गुड समैरिटन के प्रेम सर ने इनकी प्रतिभा पहचानी. कक्षा 9 में इन्हें फुटबॉल टीम में लिया. 10 वीं में सीनियर टीम के साथ बाहर ले गए, जहां गाजी सिकंदर ने जोनल लेवल गेम में टीम को जीत दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. फिर उन्हें क्षत्रसाल स्टेडियम में राज्य स्तर पर खेलने का मौका मिला.
वर्ष 2021 में गाजी ने एक नया खेल प्रतिभाशाली को चुना. यह खेल कराटे और बॉक्सिंग का मिला-जुला खेल है. इसके लिए दो महीने की तैयारी की और राज्य स्तर पर स्वर्ण पदक जीता . उसके दो महीने बाद उन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर तीन स्वर्ण पदक झटक कर लोगों को आश्चर्य में डाल दिया.
गाजी बचपन से दुनिया के नामचीन फुटबॉलर मेसी के फैन हैं. उनसे इन्होंने कभी हार नहीं मानने का हुनर सीखा है. अपनी सफलता के पीछे अपने बड़े भाई और गुड स्मैरिटन स्कूल के प्रेम सर को देते हैं.
जामिया मिलिया से होटल मैनेजमेंट की पढ़ाई के दौरान भी इनके खेल का सफर जारी है. पढ़ाई पूरी करने के बाद कूडो यानी एमएमए खेल में पूरी तरह उतरने और अंतरराष्ट्रीय स्तर पदक जीतने का इरादा है. खुद को फिट रखने के लिए वह प्रत्येक रविवार फुटबॉल खेलने हरियाणा जाते हैं.
अपनी तरह के दूसरे खेल प्रेमियों के लिए गाजी का संदेश है कि दिल से खेलो और खेल का आनंद उठाओ. जी तोड़ मेहनत करो, प्रसिद्धि और सफलता पाओ.