फिटनेस हो और राजनीति न हो तो भारत में बास्केटबॉल का भविष्य उज्ज्वलः गुलाम अब्बास मुंतसिर

Story by  शाहताज बेगम खान | Published by  [email protected] | Date 29-08-2022
फिटनेस हो और राजनीति न हो तो भारत में बास्केटबॉल का भविष्य उज्ज्वलः गुलाम अब्बास मुंतसिर
फिटनेस हो और राजनीति न हो तो भारत में बास्केटबॉल का भविष्य उज्ज्वलः गुलाम अब्बास मुंतसिर

 

शाहताज बेगम खान/ मुंबई

नागपाडा के बचुखान प्लेग्राउंड का एक जाना माना नाम हैं गुलाम अब्बास मुंतसिर. मुंबई के नागपाडा के इलाके में आज भी बास्केटबाल खेलने वालों की बड़ी संख्या इस मैदान पर प्रैक्टिस के लिए पहुंचती है.

खेलों का महत्व

अब्बास मुंतसिर मानते हैं कि भारतीय बास्केटबॉल टीम का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रभाव इतना अच्छा नहीं है. खिलाड़ियों को लगातार संघर्ष करना पड़ रहा है. लेकिन जब भी अवसर मिलता है तो खिलाड़ी साबित कर देते हैं कि हमारे पास भी प्रतिभा है.

अब्बास साहब कहते हैं कि पंजाब के सतनाम सिंह ने NBA  तक का सफ़र तै कर इस बात को साबित भी किया है. उनका मानना है कि बास्केटबाल खेलने वाले खिलाड़ियों को न तो वो एक्सपोजर मिल रहा है और न ही वो सुविधाएं मिल रही हैं जो दूसरे खेलों में मेहनत करने वाले खिलाड़ियों को मिल रही है.

जागरूकता का अभाव

कुछ खेलों को छोड़ दिया जाए तो अन्य खेलों के बारे में भारत के लोग जागरूक नहीं हैं. अब्बास मुंतसिर आगे कहते हैं कि खेलों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए स्कूलों में खेल सामग्री की उचित व्यवस्था के साथ कोच और फिटनेस पर भी ध्यान केंद्रित करने की ज़रूरत है.

अब्बास मुंतसिर को खिलाड़ियों से भी शिकायत है कि वह कम समय में अधिक सफ़लता प्राप्त करना चाहते हैं. वह मेहनत से कतराते हैं.

अब्बास मुंतसिर ज़ोर देते हुए कहते हैं कि बास्केटबाल में सफ़लता प्राप्त करने के लिए प्रतिदिन कम से कम छह से आठ घण्टे की सख़्त प्रैक्टिस की ज़रूरत है. वह मानते हैं कि बास्केटबाल खेलने के लिए स्टेमिना पर ध्यान देने की अवश्यकता है. तकनीक, प्रैक्टिस और स्टेमिना इन पर काम किया जाए तो हमारे देश में बास्केटबाल के बेहतरीन खिलाड़ी तैयार हो सकते हैं. अब्बास मुंतसिर का कहना है कि खेल पर ध्यान देने के लिए कोच का प्रबन्ध तो किया जाता है लेकिन फिटनेस पर कोई खास ध्यान नहीं दिया जाता.

बास्केटबाल बहुत तेज़ खेल है और हमारा स्टेमिना बहुत कम है. वो रशियन टीम के साथ खेले गए एक मैच को याद करते हुए कहते हैं कि" खेल के आधे समय में ही मेरी हालत खराब हो गई थी. हम खेलना जानते थे लेकिन स्टेमिना न होने के कारण वो मैच हार गए थे."

हमारी टीम को अंतरराष्ट्रीय पटल पर अपनी पहचान बनाने के लिए फिटनेस पर भी ध्यान देना होगा.

खेल खेलना कोई खेल नहीं

अब्बास मुंतसिर कहते हैं कि "नाम, प्रसिद्धि और धन आसानी से नहीं मिलते. इसके लिए लगन, नियमितता, धैर्य और परिश्रम की आवश्यकता होती है. किसी भी क्षेत्र में सफ़लता प्राप्त करने के लिए एक व्यक्ति को शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ होना चाहिए. अच्छा स्वास्थ्य और शांत मस्तिष्क सफ़लता की चाबी हैं."

80 साल के यंग बास्केटबाल खिलाड़ी अब्बास मुंतसिर बताते हैं कि उन्होंने जब खुद खेलना बंद किया तो कुछ समय तक खिलाड़ियों को सिखाने के लिए वह मैदान पर आते रहे. लेकिन वो अधिक समय तक यह संभव नहीं हो सका.

abbas

उन्हें सिस्टम से बहुत शिकायत है कि खिलाड़ियों से ज़्यादा बाहर बैठे सिस्टम का बास्केटबाल कोर्ट में अधिक दखल होता है." जब मुझ से पूछा गया कि हमें अपनी बास्केटबाल टीम को बेहतर बनाने के लिए क्या करना चाहिए तो मेरा एक ही जवाब रहा है कि टीम में अच्छे खिलाडियों को ही जगह मिले किसी सिफारिशी को नहीं."

वह मायूसी भरे लहजे में कहते हैं कि ऐसा होता नहीं, इसलिए मैंने बास्केटबाल कोर्ट से खुद को दूर कर लिया वह हंसते हुए कहते हैं कि जब मैं खेलता था तब दो बार सस्पेंड हुआ था और बास्केटबाल से रिटायरमेंट के बाद मैं ने ख़ामोशी से ख़ुद को अपने पसंदीदा खेल से अलग कर लिया. अब मैं दूर से ही बच्चों को खेलते हुए देखता हूं.