पूर्व कप्तान रानी रामपाल ने लिया संन्यास, हॉकी इंडिया ने रिटायरकी जर्सी नंबर 28

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 25-10-2024
Former captain Rani Rampal retires, Hockey India retires jersey number 28
Former captain Rani Rampal retires, Hockey India retires jersey number 28

 

नई दिल्ली

भारतीय महिला हॉकी टीम की पूर्व कप्तान रानी रामपाल ने गुरुवार को अंतर्राष्ट्रीय हॉकी से संन्यास की घोषणा की. इसके साथ ही उनके 16 साल के शानदार करियर का अंत हो गया. हॉकी इंडिया ने भारत बनाम जर्मनी द्विपक्षीय श्रृंखला के बाद आयोजित एक समारोह में उनकी प्रतिष्ठित '28' नंबर की जर्सी को रिटायर करके टीम में उनके उल्लेखनीय योगदान का सम्मान किया.

महज 15 साल की उम्र में डेब्यू करने वाली रानी भारतीय हॉकी में नई उम्मीदों की किरण बन गईं थीं. उन्होंने 2021 में टोक्यो ओलंपिक खेलों में राष्ट्रीय टीम को ऐतिहासिक चौथे स्थान पर पहुंचाया.वह इस साल के अंत में होने वाली महिला हॉकी इंडिया लीग (एचआईएल) से पहले पंजाब एवं हरियाणा के सूरमा हॉकी क्लब के साथ मेंटर और कोच के रूप में काम करेंगी.

भारत बनाम न्यूजीलैंड द्विपक्षीय हॉकी श्रृंखला के समापन के बाद अपने विदाई भाषण में रानी रामपाल ने कहा, "मैं खुद को बहुत भाग्यशाली मानती हूं. मेरा मानना ​​है कि यह एक अध्याय का अंत है लेकिन दूसरे की शुरुआत है. मैं महिला एचआईएल में मेंटॉर रहूंगी, इसलिए मैं अपने अगले अध्याय में भी उतनी ही मेहनत करूंगी ताकि मैं उन सभी महिलाओं की मदद कर सकूं जो देश के लिए प्रतिस्पर्धा करना चाहती हैं."

भारतीय हॉकी पर रानी का प्रभाव असाधारण रहा है. अपने करियर के दौरान, उन्होंने भारत के लिए 250 से ज्यादा मैच खेले और 100 से ज्यादा गोल किए, जिससे टीम को कई ऐतिहासिक जीतें मिलीं.वह 2017 महिला एशियाई कप और 2018 एशियाई खेलों में भारत के रजत पदकों के पीछे एक प्रेरक शक्ति थीं, जहां उन्हें समापन समारोह के दौरान भारत का ध्वजवाहक बनने का सम्मान भी मिला.

रानी को लाइमलाइट तब मिली जब उन्होंने 2008 में 15 साल की उम्र में अंतर्राष्ट्रीय हॉकी में डेब्यू किया और उस समय भारत का प्रतिनिधित्व करने वाली सबसे कम उम्र की खिलाड़ी बन गईं.बाद में, वह 2010 के विश्व कप के दौरान प्रमुख खिलाड़ियों में से एक के रूप में उभरीं. उन्होंने सात गोल किए और भारत को 1978 के बाद से अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन हासिल करने में मदद की.

उन्होंने फॉरवर्ड और मिडफील्डर दोनों के रूप में खेला और वर्षों तक अपनी प्रतिभा और नेतृत्व क्षमता का प्रदर्शन किया.अपने करियर के दौरान रानी ने कई पुरस्कार जीते. उन्हें 2016 में प्रतिष्ठित अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया, उसके बाद 2020 में भारत के सर्वोच्च खेल सम्मान मेजर ध्यानचंद खेल रत्न से सम्मानित किया गया. उसी वर्ष उन्हें भारत के शीर्ष नागरिक पुरस्कारों में से एक पद्म श्री से भी नवाजा गया.

उन्हें 2010 महिला हॉकी विश्व कप में "टूर्नामेंट की सर्वश्रेष्ठ युवा खिलाड़ी" और 2013 जूनियर विश्व कप में "टूर्नामेंट की सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी" के रूप में सम्मानित किया गया, जहां भारत ने अपना पहला कांस्य पदक जीता.रानी अब सब-जूनियर महिला हॉकी टीम की कोच होंगी.