आवाज़ द वॉयस / नई दिल्ली
महेंद्र सिंह धोनी, जिन्हें कभी दुनिया का बेस्ट फिनिशर कहा जाता था, आज सिर्फ IPL तक सीमित हैं. इंटरनेशनल क्रिकेट से विदाई के बाद वह चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) के लिए फिनिशर की भूमिका निभा रहे हैं. उम्र है 43 साल, लेकिन फिटनेस और ताकत अब भी कई युवाओं को टक्कर देती है. सवाल ये है कि क्या अब धोनी की शानदार पारियां केवल टीम की हार तय होने पर ही निकलती हैं?
पिछले दो IPL सीज़न (2023-2025) में धोनी ने 7 रन चेज वाले मैचों में बल्लेबाज़ी की, जहां चेन्नई को हार का सामना करना पड़ा। इन मैचों में उनका स्ट्राइक रेट 198.78 था, और उन्होंने कुल 196 रन बनाए — औसत 98.इसके उलट, ऐसे 4 मैच जहां चेन्नई ने जीत हासिल की और धोनी नाबाद लौटे — वहां उनका औसत सिर्फ 3 रन और स्ट्राइक रेट 33.31 रहा.
धोनी की इन पारियों को देखकर क्रिकेट विश्लेषकों का एक तबका मानता है कि अब माही "No Pressure, No Problem" स्टाइल में बैटिंग कर रहे हैं. यानी जब मैच हाथ से निकल चुका हो, तब वो खुलकर खेलते हैं। लेकिन जब टीम को वाकई उनकी ज़रूरत होती है, तब वो वैसी धार नहीं दिखा पाते.
मैच: चेन्नई vs दिल्ली, IPL 2025
चेन्नई का स्कोर: 74/5 (10.4 ओवर)
क्रीज़ पर आए: एमएस धोनी
साझेदारी: धोनी और विजय शंकर ने 84 रन जोड़े
लेकिन... चेन्नई लक्ष्य से चूक गई
धोनी का स्ट्राइक रेट ज़रूर अच्छा रहा, लेकिन ये साझेदारी 'स्मार्ट' नहीं बल्कि 'धीमी' रही, जो टी-20 के हिसाब से टीम को जीत तक नहीं ले जा पाई.
स्थिति | मैच | रन | स्ट्राइक रेट | औसत |
---|---|---|---|---|
हार में | 7 | 196 | 198.78 | 98 |
जीत में (नाबाद रहते हुए) | 4 | 3 | 33.31 | 3 |
जब धोनी मैदान पर आते हैं, स्टेडियम गूंज उठता है — लेकिन अब यह गूंज भावनाओं का परिणाम है या वास्तविक प्रदर्शन का, ये सोचने की ज़रूरत है। उनकी मौजूदगी आज भी क्रिकेट में रोमांच पैदा करती है, लेकिन मैच फिनिशर की भूमिका में वो भरोसा अब कमजोर होता नजर आ रहा है.