आईपीएल मैचों में सीएए व एनआरसी विरोध के बैनरों की अनुमति नहीं

Story by  राकेश चौरासिया | Published by  [email protected] | Date 02-04-2023
आईपीएल मैचों में सीएए व एनआरसी विरोध के बैनरों की अनुमति नहीं
आईपीएल मैचों में सीएए व एनआरसी विरोध के बैनरों की अनुमति नहीं

 

नई दिल्ली. दिल्ली, मोहाली, हैदराबाद और अहमदाबाद समेत चार शहरों में आईपीएल मैच देखने आने वाले दर्शकों को संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) से संबंधित बैनर ले जाने की इजाजत नहीं होगी. ‘पेटीएम इनसाइडर’चेन्नई सुपर किंग्स, दिल्ली कैपिटल्स, गुजरात टाइटन्स, लखनऊ सुपर जायंट्स, सनराइजर्स हैदराबाद, राजस्थान रॉयल्स और पंजाब किंग्स का टिकटिंग पार्टनर है. उसने कुछ ‘निषिद्ध वस्तुओं’को सूचीबद्ध किया है और उनमें से एक क्लॉज सीएए / एनआरसी विरोध बैनर से संबंधित भी है.

समझा जाता है कि फ्रेंचाइजियों की ओर से एडवाइजरी जारी की गई है, जो अपने-अपने घरेलू मैचों के टिकट कारोबार का प्रबंधन करती हैं. यह आमतौर पर बीसीसीआई के परामर्श से किया जाता है, क्योंकि प्रमुख खेल आयोजन किसी भी संवेदनशील राजनीतिक या नीतिगत मुद्दों के प्रचार की अनुमति नहीं देते हैं.

नागरिक संशोधन अधिनियम, 2019, जिसे सीएए के रूप में जाना जाता है, 12 दिसंबर, 2019 को भारत की संसद द्वारा पारित किया गया था. सीएए ने अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान जैसे इस्लामिक देशों में सिख, पारसी, जैन, बौद्ध जैसे अल्पसंख्यकों को भारतीय नागरिकता प्राप्त करने की अनुमति दी, यदि वे दिसंबर, 2014 से पहले देश में आ गए थे.

इस संशोधन को धर्म के आधार पर भेदभावपूर्ण के रूप में देखे जाने के कारण पूरे देश में इसका विरोध शुरू हो गया था. नागरिकों का राष्ट्रीय रजिस्टर (एनआरसी) उन सभी भारतीय नागरिकों का एक रजिस्टर है, जिनके निर्माण को नागरिकता अधिनियम, 1955 के 2003 के संशोधन द्वारा अनिवार्य किया गया था. इसका उद्देश्य भारत के सभी कानूनी नागरिकों का दस्तावेजीकरण करना है, ताकि अवैध अप्रवासियों की पहचान की जा सके और उन्हें निर्वासित किया जा सके.

कोविड-19 प्रतिबंधों के कारण तीन सीजन के लिए स्थानों से लापता होने के बाद प्रशंसकों के स्टेडियम में लौटने के लिए भारतीय बोर्ड के साथ-साथ फ्रेंचाइजी शायद यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि स्टेडियम के अंदर कोई संवेदनशील प्रकृति का पोस्टर या बैनर नहीं दिखे. दिल्ली, गुजरात, पंजाब और हैदराबाद के घरेलू मैचों के लिए टिकट बुक करने की कोशिश करते समय यह विशिष्ट सलाह मिली.

डीडीसीए के एक वरिष्ठ अधिकारी से जब सलाह के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, "टिकट पूरी तरह से फ्रेंचाइजी का विशेषाधिकार है. हम तो बस सूत्रधार हैं, जो उन्हें जगह मुहैया कराते हैं. टिकट संबंधी परामर्श में हमारी कोई भूमिका नहीं है." आईपीएल फ्रैंचाइजी के एक प्रतिनिधि ने कहा कि प्रतिबंधित वस्तुओं पर कोई भी सलाह हमेशा बीसीसीआई के परामर्श से तैयार की जाती है.

फ्रेंचाइजी के एक अधिकारी ने कहा, "फ्रेंचाइजी बीसीसीआई की सलाह पर क्या करें और क्या न करें की अपनी सूची तैयार करती है और इसलिए अगर ऐसी कोई सलाह चली जाती है तो बोर्ड से मंजूरी मिल जाती है वरना यह वेबसाइट पर दिखाई नहीं देता."

स्टेडियम में किसी भी तरह की अप्रिय घटना से बचने का यह भी एक तरीका है. एक सूत्र के अनुसार, बीसीसीआई इस बात को लेकर सतर्क है कि कोई अपनी शर्ट के नीचे टी-शर्ट पहन सकता है या केवल एक पोस्टर बना सकता है, जो राजनीतिक रूप से संवेदनशील प्रकृति का हो सकता है. इस तरह का फरमान ऐसी किसी भी गतिविधि को रोकेगा, क्योंकि अगर कोई अन्यथा करता है, तो उसे स्टेडियम के नियमों के उल्लंघन के लिए पकड़ा जा सकता है.

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