मंसूरुद्दीन फरीदी, नई दिल्ली
योग का कोई धर्म नहीं है, न हिंदू और न ही मुसलमान. यह हमारी साझी विरासत है, एक कला और एक विज्ञान है. यह पूर्व की संपदा है. हमें गर्व होना चाहिए कि यह हमारी संपत्ति है, जिसे हमारे पूर्वजों ने खोजा था, शारीरिक, आध्यात्मिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए सरल नुस्खा जिसका आज दुनिया आनंद उठा रही है. चाहे हिंदू हो या मुसलमान, किसी को भी योग पर धार्मिक मुहर नहीं लगानी चाहिए क्योंकि यह एक सार्वभौमिक कला है. यह संदेश सीमा पार यानी पाकिस्तान के प्रमुख योगी हैदर का है.
रावलपिंडी से आवाज द वॉयस से टेलीफोन पर बात करते हुए योगी हैदर ने कहा कि मैं हर भारतीय से कहूंगा कि योग को धर्म से न जोड़ें. हिन्दू और मुसलमान दोनों को इससे बचना चाहिए. मैं मुसलमानों से कहूंगा कि यह केवल एक कला है, एक विज्ञान है, यह ब्रह्मांड के लिए एक उपहार है, बिना दवा के हर बीमारी का इलाज है. इसे अपनी संपत्ति समझें न कि किसी धर्म की. इसे खुशी-खुशी और बड़े दिल से स्वीकार करें.
आपको बता दें कि शमशाद हैदर पाकिस्तान में 'योगी हैदर' के नाम से प्रसिद्ध और लोकप्रिय हैं, जिन्होंने पाकिस्तान में योग के लिए 'योग पाकिस्तान' और 'वे ऑफ नेचर' सहित विभिन्न संस्थानों की स्थापना की है और हजारों लोगों को योग से जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. पाकिस्तान के विभिन्न शहरों में हर सुबह पार्क में जहां योग की कक्षाएं लगती हैं.
आवाज द वॉयस से बात करते हुए योगी हैदर ने कहा कि हमारी मान्यता 'नीट' पर निर्भर है, योग में कोई भी आसन आस्था को कोई खतरा नहीं दे सकता है. हम एक कला या विज्ञान को अपनाते हैं, धर्म या विश्वास को नहीं.
योग का धर्म से कोई लेना-देना नहीं है
जब योग और धर्म की बात आई तो योगी हैदर ने बड़े स्पष्ट शब्दों में कहा कि योग का कोई धार्मिक रंग नहीं होता, इसे धर्म से जोड़ना उचित नहीं होगा. एक कला है और एक विज्ञान है. इस बात पर पाकिस्तान के तमाम विद्वान एकमत हैं, इसमें कोई विरोध नहीं है. वे कहते हैं कि भारत के 'बाबा रामदेव' मुझसे बात करते रहते हैं, दोस्ताना रिश्ता है. पाकिस्तान के एक प्रमुख उपदेशक मौलाना तारिक जमील भी योग करते हैं और मेरे योग केंद्र पर आते रहते हैं. इस पर किसी को आपत्ति या नाराजगी नहीं है क्योंकि यह स्वास्थ्य का मामला है.
योगी हैदर ने कहा कि अगर 'पेरासिटामोल' से सिरदर्द ठीक हो जाए तो सभी इसका इस्तेमाल करेंगे, कोई यह नहीं पूछेगा कि इसे किसी ईसाई ने बनाया है या यहूदी ने. योग भी उपचार का एक तरीका है. इसने लाखों-करोड़ों लोगों के जीवन को बदल दिया है, किसी को जोड़ों के दर्द से राहत मिली है और किसी को मधुमेह से. यह कोई समस्या नहीं है, यह किसकी कला है. इसे एक स्वस्थ व्यायाम माना जाता है. लेकिन स्वीकार किया जाना चाहिए.
सूर्य नमस्कार पूजा नहीं है
दिलचस्प बात यह है कि योगी हैदर का कहना है कि 'सूर्य नमस्कार' को भारत में आपत्तिजनक माना जाता है और धार्मिक आधार पर इसका विरोध किया जाता है, लेकिन मुझे लगता है कि यह कोई पूजा नहीं है, हम किसी को नमस्कार और प्रणाम करते हैं. यह उससे अधिक नहीं है.
योगी हैदर कहते हैं, सूर्य नमस्कार (जिसे सूर्य नमस्कार के रूप में भी जाना जाता है) सूर्य को अपना सम्मान देने का एक तरीका हो सकता है. हमें पता होना चाहिए कि जब सूर्य उदय होता है, तब पृथ्वी का ऊर्जा लेबल अपने उच्चतम स्तर पर होता है. इसे केवल एक नमस्कार या प्रणाम न समझें, यह एक संपूर्ण कसरत है, जिससे हमारा सूर्य के साथ संबंध हो सकता है.
जब आप सूर्य नमस्कार करते हैं तो इसका मतलब यह नहीं है कि आप आंखें बंद करके पूजा कर रहे हैं, दरअसल हम अपने शरीर पर मेहनत कर रहे हैं. चांद अस्त हो गया है. सुबह की किरणें हमारे शरीर के लिए बहुत उपयोगी होती हैं.
योगी हैदर कहते हैं कि सूर्य नमस्कार में 12 आसन होते हैं. यह इतने सुंदर और शक्तिशाली शैली है कि यह शरीर को लचीलापन देता है, तनाव कम करता है. क्योंकि हर आसन में श्वास व्यायाम होता है, तो उसमें सांस को रोक कर रखें. यह एक बहुत ही वैज्ञानिक व्यायाम है जो बहुत फायदेमंद होता है.
आवाज़ द वॉइस से बात करते हुए योगी हैदर ने कहा कि सूर्य नमस्कार पर अल्लामा इकबाल की एक कविता है, उन्होंने गायत्री मंत्र का उर्दू में अनुवाद किया है.
ऐ आफ़ताब, जान और जान कहाँ है?
शिराज बैंड का कार्यालय कौन और कहाँ है?
मैं फिर कह रहा हूं कि सूर्य भी असीमित नहीं है, हम किसी असीमित ऊर्जा की पूजा करते हैं, जो ब्रह्मांड का स्वामी है, लेकिन सूर्य इस असीमित शक्ति को जानने में बहुत सहायक है.
योगी हैदर ने कहा कि सूर्य हमें स्वस्थ रखने में बहुत अहम भूमिका निभाता है जो लोग घर में रहते हैं और सुबह बाहर नहीं निकलते उन्हें विटामिन डी की कमी की शिकायत रहती है. इसलिए हमें यह समझना होगा कि सूर्य हमारे लिए ऊर्जा का, स्वास्थ्य शक्ति का बहुत बड़ा स्रोत है.
यदि आप अपनी मंजिल तक पहुंचना चाहते हैं तो आपको अपने शरीर को स्वस्थ रखना होगा, जिसमें सूर्य अहम भूमिका निभाता है. मैं आपको यह भी बता दूं कि हमारी मंजिल अल्लाह का बंदा है. आप सूर्य नमस्कार में इसे बनाने वाले को नमस्कार कर सकते हैं, उसे धन्यवाद दें. इससे धर्म और विश्वास को कोई खतरा नहीं है.
योग से कैसे जुड़ें
योगी हैदर का कहना है कि मैं सऊदी अरब में रह रहा था, मेरे पेट में अपेंडिसाइटिस की शिकायत हो रही थी, वहीं डॉक्टरों ने ऑपरेशन की सलाह दी. लेकिन मेरा दिल नहीं मान रहा था. मैंने कुछ दिन पहले योग के बारे में पढ़ा था, इसलिए मैंने सर्जरी के विचार को अपने दिल से निकाल दिया और इसे ध्यान से ठीक किया.
उन्होंने आगे कहा कि अगर आप मानते हैं कि योग को आप अपने जीवन का हिस्सा बना लें तो आपको हर दर्द से निजात मिल जाएगी. हां, आज मैं 53 साल का हूं लेकिन मैं किसी तरह की दवा नहीं लेता. अब मैं एक योग गुरु हूं और मेरे छात्र अस्सी और नब्बे साल के हैं जो दवा पर नहीं बल्कि योग पर फिट जीवन जी रहे हैं.
योग के लिए भारत और नेपाल की यात्रा करें
आवाज द वॉयस से बात करते हुए योगी हैदर ने कहा कि स्वस्थ होने के बाद मैंने योग करना नहीं छोड़ा बल्कि इसके बारे में और जानने की कोशिश करने लगा. लेकिन यह खोज केवल किताबों तक ही सीमित नहीं थी, इसलिए मैंने भारत, नेपाल और चीन की ओर रुख किया.
जब उनसे पूछा गया कि उन्होंने भारत में योग के बारे में कहां और किससे सीखा, तो योगी हैदर ने कहा कि मेरे गुरु नासिक के एसएन गोयनका थे, जिनसे मैंने ध्यान सीखा था.
वह कहते हैं कि उनके साथ मैंने पुरानी दिल्ली के कई मंदिरों में दर्शन किए, जहां योग गुरु रहते थे, फिर मैं हरिद्वार, मुजफ्फरनगर और मेरठ गया. जैसे किसी ने योग गुरु का पता लगा लिया, मैंने उन तक पहुंचने और उनसे योग का ज्ञान लेने की कोशिश की, साथ ही महाराष्ट्र में गुरु नेगुम से मुलाकात हुई.
योगी हैदर कहते हैं कि योग से मेरी कमर का दर्द ठीक हो गया. ऑपरेशन टाल दिया गया था, इसलिए मैंने इस कला और विज्ञान को सीखने और समझने के लिए इतनी मेहनत की.
योग गुरु की भूमिका
योगी हैदर कहते हैं कि 2005 में उन्होंने पाकिस्तान में बड़े पैमाने पर योग शुरू करने का फैसला किया, जिसके तहत 'वे ऑफ नेचर' की स्थापना की गई, जो रावलपिंडी के अयूब पार्क में स्थापित है. इस अभियान और आंदोलन का असर यह है कि अब पाकिस्तान में उनके छात्रों की कुल संख्या पचास हजार से अधिक है और विभिन्न शहरों में उनके 500 से अधिक प्रशिक्षकों के साथ केंद्र हैं जो हर सुबह विभिन्न शहरों के पार्कों में योग का अभ्यास करते हैं. योगी हैदर योग को दीवानगी बनाने में सफल रहे हैं. उनके विचार में स्वास्थ्य के प्रति यह जागरूकता मानवता की सेवा है.
रिश्ता सदियों पुराना है
एक सवाल के जवाब में कि आपने योग के लिए पाकिस्तान में जमीन कैसे तैयार की? योगी हैदर ने कहा कि जब हमने योग की शुरुआत की तो सबसे पहले लोगों को इसके इतिहास से अवगत कराया. उन्हें बताया गया कि "तला जोगियां" पाकिस्तान के पंजाब में योग का केंद्र था, जिसे योग का जन्म स्थान भी कहा जाता है. शोधकर्ताओं के अनुसार आर्य लोग इस क्षेत्र में करीब 4000 साल पहले आए थे. इस देश के धार्मिक नेताओं ने पूजा के लिए इस उच्च स्थान को चुना.
दरअसल पंजाबी भाषा में ताल शब्द का प्रयोग टीले के लिए किया जाता है. जोगियों के जुड़ने से इसे ताला जोगी कहा जाने लगा, जो जमीन से कुछ ऊंचाई पर स्थित जोगियों के लिए एक पहाड़ी या पूजा स्थल था. यह झेलम से लगभग 35 किलोमीटर दक्षिण-पश्चिम में है.
यह एक ऊंचा और विशाल स्थान है जिसे सदियों पहले जोगियों ने अपने लिए पसंद किया था और यहां पूजा और तपस्या में लगे थे. उनका कहना है कि अय्यन अकबरी में अबुल फजल ने ताला को हिन्दुओं का एक प्राचीन मंदिर बताया है.
गोरखनाथ का कनेक्शन
आवाज द वॉइस से बात करते हुए योगी हैदर कहते हैं कि बाद में गुरु गोरखनाथ ताला जोगियां आए और उनके अनुयायी इसी जगह रुके. इतिहासकारों ने लिखा है कि सिकंदर महान भी जोगियों और ताला के बारे में तरह-तरह की रहस्यमयी कहानियां सुनकर यहां आया था. यह भी ज्ञात है कि गुरु नानक भी ताला में रुके थे.
इतिहास में इस स्थान को ताला गोरखनाथ और ताला बाल नाथ के नाम से भी लिखा गया है, जो दो अलग-अलग कालखंडों में जोगियों के नेता थे. वास्तव में ऐतिहासिक स्मारकों के अलावा यह एक विस्तृत स्थान है. यहाँ गर्मियों में गर्मी और सर्दियों में ठंडी हवा पर्यटकों का स्वागत करती है. पास के जंगल और हरियाली पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती है.
तिलहन जोग्यान में विभिन्न कालखंडों के निशान मिलते हैं. मंदिर, समाध्या और गुफाएँ जहाँ जोगी निवास करते हैं, उन्हें भी देखा जा सकता है. यहां एक मुगल शैली का तालाब भी है. ऐसा कहा जाता है कि इसे जोगियों के अनुरोध पर राजा अकबर के आदेश पर बनाया गया था.
इस क्षेत्र के सुल्तानों और रईसों ने अलग-अलग समय में ताला के धार्मिक नेताओं और जोगियों का भी ध्यान रखा और उन्हें सुविधाएं प्रदान कीं. ऐसा कहा जाता है कि अकबर ने नोगरान क्षेत्र को ताला की जागीर का दर्जा दिया और ताल और उसके उपनगरों के जीर्णोद्धार का काम उसकी आय से किया.
भारत-पाक काल के बीच का सेतु
आवाज द वॉयस के एक सवाल कि भारत-पाकिस्तान के संबंध सुधरेंगे तो युग की ताकत का इस्तेमाल कैसे करेंगे, के जवाब में योगी हैदर ने कहा कि युग का मतलब एकता है. योग लोगों को आपस में जोड़ने का बहुत बड़ा माध्यम है. जिसके जीवन में योग आ जाता है वही बलवान हो जाता है. जब व्यक्ति स्वस्थ और बलवान होता है तो वह छोटी-छोटी बातों पर ध्यान नहीं देता.
भारत या पाकिस्तान को देखें या दुनिया बिना किसी मतभेद और विरोधाभास के रह सकती है. मेरा मानना है कि योग लोगों को करीब लाने का सबसे अच्छा तरीका है. योग के माध्यम से हम पूरे विश्व को मजबूत और स्वस्थ बना सकते हैं, मानव विकास इससे सड़क और पुल नहीं बल्कि मन की शांति संभव है जो योग के माध्यम से 100% संभव है.