यह इस्लाम और इंसानियत दोनों के ख़िलाफ़ है : पहलगाम के आतंकी हमले पर मुस्लिम संगठन

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 23-04-2025
This is against both Islam and humanity: Muslim organization on Pahalgam terrorist attack
This is against both Islam and humanity: Muslim organization on Pahalgam terrorist attack

 

 आवाज़ द वॉयस / नई दिल्ली

 — जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर दिया है. इस घटना की व्यापक स्तर पर निंदा हो रही है, और देश के मुसलमान भी खुलकर इस अमानवीय कृत्य के विरोध में सामने आए हैं. विभिन्न मुस्लिम संगठनों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और धार्मिक नेताओं ने इस आतंकवादी हमले को कायरता और नफ़रत की निशानी बताया है.

सेवानिवृत्त मुस्लिम हस्तियों से मिलकर बने सिटिजन फॉर फ्रेटरनिटी ने पहलगाम में निर्दोष पर्यटकों की भीषण और मूर्खतापूर्ण हत्या के लिए कुछ रीढ़विहीन आतंकवादियों की बर्बरता की निंदा की है.
 

 

सी.एफ.एफ. के संरक्षकों - भारत के पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त डॉ. एस.वाई. कुरैशी, पूर्व नौकरशाह डॉ. नजीब जंग, लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) ज़मीर उद्दीन शाह, पूर्व सांसद और नई दुनिया के संपादक शाहिद सिद्दीकी और उद्योगपति सईद मुस्तफा शेरवानी ने एक विज्ञप्ति में कहा, "हम सभी इस त्रासदी पर अकल्पनीय दुःख और तीव्र क्रोध से व्यथित हैं और हमें विभाजित करने के सभी प्रयासों के बावजूद अपने साथी नागरिकों के साथ एकजुट हैं."

डॉ. ख़्वाजा इफ्तिख़ार अहमद

संस्थापक, इंटर फ़ेथ हार्मनी फ़ाउंडेशन ऑफ़ इंडिया, नई दिल्ली डॉ. ख़्वाजा इफ्तिख़ार अहमद ने अपने बयान में कहा,"पहलगाम में जो अमानवीय और घृणा से भरी घटना हुई है, वह न केवल निंदनीय है, बल्कि यह सभ्य समाज और उसके मूल्यों के लिए सीधी चुनौती है. इस समय ज़रूरत है कि पूरा देश एकजुट होकर ऐसी शक्तियों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करे और सांप्रदायिक विभाजन से दूर रहे. हमें गर्व है कि आज पूरा भारत एकजुट होकर इस संकट का सामना कर रहा है. परमात्मा हमारे देश को इन दुष्ट शक्तियों से बचाए."

जीनत शौकत अली

महानिदेशक, विज़डम फाउंडेशन जीनत शौकत अली ने कहा,"विज़डम फाउंडेशन इस हमले की कड़ी निंदा करता है जिसमें 28 निर्दोष पर्यटकों की जान चली गई. यह हमला इस्लाम के उस मूल सिद्धांत का उल्लंघन करता है जिसमें कहा गया है कि 'यदि आपने एक निर्दोष की हत्या की, तो मानो आपने पूरी मानवता की हत्या की' (क़ुरआन 5:32). हम सरकार से मांग करते हैं कि इन अपराधियों को तुरंत न्याय के कठघरे में लाया जाए."

मुस्लिम स्टूडेंट्स ऑर्गेनाइजेशन ऑफ इंडिया (MSO)

एमएसओ ने अपने बयान में इस हमले को “कायरतापूर्ण, नफरत से भरा और राष्ट्रविरोधी कृत्य” बताया.बयान में कहा गया:"हम मरने वालों के परिवारों के दुख में बराबरी के सहभागी हैं और घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना करते हैं. यह हमला धर्म के नाम पर देश की शांति को तोड़ने की कोशिश है. आश्चर्य की बात है कि इतनी सख्त निगरानी के बावजूद आतंकी हमला कर के आसानी से भाग निकले, जो प्रशासन की विफलता को दर्शाता है."

आम कश्मीरियों की प्रतिक्रिया को लेकर MSO ने कहा,"कश्मीर का आम मुसलमान इस हिंसा का विरोध कर रहा है, और शांति, भाईचारे और सहानुभूति के साथ आगे बढ़ना चाहता है. लेकिन पाकिस्तान प्रायोजित चरमपंथी ताक़तें इस माहौल को खराब करने पर तुली हैं."

MSO ने सरकार से कट्टरपंथी वहाबी विचारधारा और पाकिस्तान समर्थित उलेमाओं की सामग्री पर प्रतिबंध लगाने की भी मांग की है.