गरीबों की मदद के लिए ‘तंजीम-ए-हमदर्द-इंसानियत’ बेचती है घरों का कबाड़

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 08-08-2024
Tanzeem-e-Hamdard-Insaniyat
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प्रकाश सांपुरकर / फजल पठान

‘लोक सेवा ही ईश्वर सेवा है’ यही सभी धर्मों का सार है. कई सामाजिक संगठन इसी सिद्धांत को ध्यान में रखकर काम कर रहे हैं. सोलापुर में तंजीम-ए-हमदर्द-इंसानियत उनमें से एक है. सोलापुर में इस संगठन ने अब तक कई नवीन गतिविधियां क्रियान्वित की हैं.

संगठन इन गतिविधियों के माध्यम से जरूरतमंदों की मदद करने के साथ-साथ युवाओं को जागरूक कर समानता की लौ जलाने का प्रयास कर रहा है. तंजीम-ए-हमदर्द-इंसानियत का अर्थ है ‘मानवता की चिंता करने वाला संगठन’. संगठन के नाम से ही आपको उनके लक्ष्यों और उद्देश्यों का अंदाजा हो सकता है.

तंजीम-ए-हमदर्द-इंसानियत की स्थापना 2019 में वंचितों की मदद करने के इरादे से की गई थी. मौलाना गयास अहमद संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं, जबकि मुफ्ती अनीसुर रहमान क्षेत्रीय अध्यक्ष के रूप में कार्यरत हैं. इस संगठन की 50 से अधिक शाखाएं हैं और इसका मुख्यालय हैदराबाद में है.

हाफिज मेहबूब नदाफ शुरुआत से ही संगठन से जुड़े हुए हैं. वर्तमान में, वह संगठन के सोलापुर शहर अध्यक्ष के रूप में कार्यरत हैं. संगठन के बारे में वे कहते हैं, ‘‘मैंने ख़ुद गरीबी का अनुभव किया है. मैं गरीबी की पीड़ा को भली-भांति जानता हूं. कोई गरीब न हो. लेकिन हमने बेसहारा लोगों की मदद करने की सोच के साथ तंजीम-ए-हमदर्द-इंसानियत की स्थापना की गई है.’’

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तंजीम-ए-हमदर्द-इंसानियत अपनी स्थापना से ही सामाजिक क्षेत्र में काम कर रही है. लेकिन संस्था की शुरुआत कैसे हुई, इसकी कहानी भी बेहद दिलचस्प है. हाफिज नदाफ कहते हैं, ‘‘सिर्फ नेक इरादे से काम नहीं चलता.

किसी संगठन को चलाने के लिए भी पैसे की जरूरत होती है. हमारे पास कोई आर्थिक साधन नहीं था, लेकिन समाज सेवा की प्रबल इच्छा थी. इसलिए क्षेत्र के नागरिकों से कबाड़, लोहा, इलेक्ट्रॉनिक सामान, प्लास्टिक जैसे सभी अपशिष्ट पदार्थ संस्था को देने की अपील की गई.

नागरिकों ने इस अपील का जवाब दिया. इन वस्तुओं की बिक्री से धन जुटाकर संस्था का कार्य प्रारंभ किया गया. यह हमारे लिए संघर्ष का समय था. लेकिन भगवान ने दरवाजे खोल दिए और आज सैकड़ों लोगों के सहयोग से समाज सेवा का यह रथ खींचा जा रहा है. अब संगठन द्वारा दस से अधिक मानवीय गतिविधियाँ शुरू की जा चुकी हैं.’’

‘तंजीम-ए-हमदर्द-इंसानियत’ के माध्यम से हर साल विभिन्न गतिविधियां आयोजित की जाती हैं. इसका मुख्य उद्देश्य जरूरतमंदों की मदद करना और धार्मिक सद्भाव बनाए रखना है. इस बारे में नदाफ कहते हैं, ‘‘जब संगठन की स्थापना हुई थी, तब कोविड महामारी चल रही थी. कोरोना के डर से परिवार के लोग एक दूसरे की मदद नहीं कर रहे थे. तब हमारे संगठन के कार्यकर्ता आगे आये. हमने मिलकर सैकड़ों नागरिकों को दिन में दो बार भोजन और अनाज किट वितरित किए.’’

बाढ़ पीड़ितों को अनाज किट का वितरण

2022 में चिपलून, कोल्हापुर और महाराष्ट्र के अन्य शहरों में बारिश हुई. इसके बाद इस इलाके में बाढ़ की भयावह स्थिति पैदा हो गई. हजारों नागरिक बाढ़ में फंसे हुए थे. भोजन और पानी के बिना उनका बहुत बुरा हाल था. उस समय संस्था के कार्यकर्ताओं ने बाढ़ पीड़ितों की मदद का बीड़ा उठाया. उन्होंने नागरिकों से मदद की अपील की. इस अपील पर नागरिकों विशेषकर मुस्लिम समुदाय ने बहुत अच्छी प्रतिक्रिया दी. संस्था के कार्यकर्ताओं ने बाढ़ प्रभावित इलाकों में छह हजार से अधिक अनाज किट का वितरण किया था.

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वह आगे कहते हैं, ‘‘कई बेसहारा लोग ठंड में मंदिरों और मस्जिदों के बाहर खुले में सोते हैं. ऐसे बेसहारा लोगों को ठंड से बचाने के लिए हम नियमित रूप से कंबल वितरण अभियान चलाते हैं. आज भी समाज में ऐसे कई परिवार हैं जिनकी सबसे बड़ी समस्या लड़कियों की शिक्षा और शादी है. हमारा संगठन ऐसे परिवारों के बच्चों की शिक्षा में मदद करता है और गरीब परिवारों की लड़कियों की शादी में भी मदद करता है.’’

संगठन की अन्य गतिविधियों के बारे में बात करते हुए हाफिज नदाफ कहते हैं, ‘‘हम झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वालों के लिए मुफ्त स्वास्थ्य शिविर और हिजाम थेरेपी शिविर आयोजित करते हैं. इसके साथ ही हम समय-समय पर रक्तदान शिविर का भी आयोजन करते रहते हैं.

हाल के दिनों में प्राकृतिक आपदाओं की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं. ऐसे मौकों पर लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त हो जाता है. कई लोग बेघर भी हो जाते हैं. हम ऐसे हजारों लोगों को मुफ्त भोजन किट और अन्य आवश्यक वस्तुएं प्रदान करते हैं. हम कई जरूरतमंद परिवारों को बिना ब्याज के प्रति माह 20 हजार रुपये तक की मदद करते हैं. जब नया शैक्षणिक वर्ष आता है, तो हम बिना किसी असफलता के छात्रों को स्कूली सामग्री भी वितरित करते हैं.’’

पहल को मिली सराहना

कुछ महीने पहले सोलापुर शहर में ‘तंजीम-ए-हमदर्द-इंसानियत’ संगठन की ओर से अभियान चलाया गया था. यह अभियान इलाके में खास चर्चा में रहा. अभियान के बारे में वह कहते हैं, ‘‘हमारी प्रवृत्ति है कि हम लड़ाई-झगड़े में या अक्सर मजाक-मजाक में मां-बहन की गालियां देते हैं. यह इतना गहरा है कि अधिकांश समय किसी को इसमें कुछ भी आपत्तिजनक नहीं लगता. पुरुषों को महिलाओं के संघर्षों के बारे में कम ही जानकारी होती है.

इसलिए, इस अभियान के माध्यम से, हमने युवाओं को जागरूक किया और उनसे दुरुपयोग न करने का आग्रह किया. इस अभियान को नागरिकों से सहज प्रतिक्रिया मिली. सभी ने इस पहल और संगठन की सराहना की. ये पल हमारे लिए अविस्मरणीय था. इस प्रतिक्रिया ने हमें और भी अधिक मेहनत करने के लिए प्रेरित किया.’’

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आगामी गतिविधियां

संगठन की आगामी गतिविधियों के बारे में पूछे जाने पर हाफिज नदाफ कहते हैं, ‘‘आज समाज में धार्मिक तनाव बढ़ रहा है. समाज में प्रेम और सद्भाव कम हो रहा है. एक-दूसरे के प्रति अविश्वास और डर बढ़ता जा रहा है. भविष्य में हमने सोलापुर शहर में एक मस्जिद बनाने का संकल्प लिया है, जो सभी धर्मों के लिए सामाजिक गतिविधियों का केंद्र होगी. चिकित्सा शिविरों की आवश्यकता होगी. युवाओं के लिए कैरियर मार्गदर्शन एवं अन्य कार्यक्रम संचालित किये जायेंगे. इन गतिविधियों से हर जाति और धर्म के लोगों को फायदा होगा. हमारा इरादा इस मस्जिद के माध्यम से धार्मिक सद्भाव और सामाजिक एकता बनाए रखना है.

ऑनलाइन जुआ ख़त्म करें, देश के युवाओं को बचाएं

वर्तमान समय में युवाओं द्वारा सोशल मीडिया का प्रयोग तेजी से किया जा रहा है. इसके चलते युवा ऑनलाइन गेमिंग के जाल में फंस गया है. इसलिए संगठन की ओर से ‘ऑनलाइन जुवा हटाओ, देश का युवा बचाओ’ अभियान चलाया जा रहा है. इस पहल के बारे में नदाफ कहते हैं, ‘‘इंटरनेट और सोशल मीडिया के बढ़ते इस्तेमाल के कारण देश का युवा नशे का आदी होता जा रहा है. युवा पीढ़ी जो देश का भविष्य है उसे ऑनलाइन गेमिंग भटका रही है. युवाओं को ऑनलाइन गेमिंग के जाल से बाहर निकालने के लिए अगले महीने संगठन के माध्यम से एक अभिनव पहल ‘ऑनलाइन जुवा हटाओ, देश का युवा बचाओ’ लागू की जाएगी.’’

संगठन का आदर्श वाक्य ‘इमदाद आपकी, खिदमत हमारी, खिदमत तुम्हारी’ (आपकी मदद, हमारी सेवा, गरीबों का लाभ) है और तदनुसार संगठन धर्मार्थ तरीके से गरीबों की सेवा कर रहा है. आवाज-द वॉयस तंजीम-ए-हमदर्द-इंसानियत की मानवीय भूमिका और उनकी आगामी गतिविधियों के लिए शुभकामनाएं देता है!