ओनिका माहेश्वरी/ नई दिल्ली
बांग्लादेश में भयंकर बाढ़ के बाद, हज़ारों मुसलमानों ने इस्कॉन मंदिरों सहित विभिन्न मंदिरों में शरण ली है. इस्कॉन आपदा से प्रभावित सैकड़ों मुसलमानों को भोजन उपलब्ध करा रहा है. कुछ दिन पहले ही, इन मंदिरों को कट्टरपंथियों ने निशाना बनाया था और उन्हें जला दिया था.
हाल ही में हुए संघर्ष के बावजूद, इस्कॉन इस संकट के दौरान एकता और करुणा दिखाते हुए ज़रूरतमंदों को मानवीय सहायता प्रदान कर रहा है.
बांग्लादेश में भयंकर बाढ़ के बाद गंगा-जमुनी तहजीब की शानदार मिसाल देखनी को मील रही है. इस कदम की सराहना दोनों की समुदाय के लोगों ने खुलकर की है और साथ ही कहा कि कुछ शरारती तत्वों के कारण समाज में अशांति का विस्तार करनी की नाकाम कोशिश कर रहे हैं लेकिन अगर समाज एकजुट होकर इसका सामना करे और एक दूसरे की मदद के लिए हमेशा तत्पर हो तो हर तरफ केवल शांति, एकता और सौहार्द का विस्तार और संचार होगा.
गौरतलब है कि बांग्लादेश में संघर्ष के बीच कुछ मुस्लिम धर्मगुरु भी खुद ही मंदिरों की हिफाजत में तैनात थे. बांग्लादेश में देशव्यापी आंदोलन के समन्वयकों ने छात्रों से यह सुनिश्चित करने को भी कहा था कि प्रधानमंत्री शेख हसीना के पद से हटने के बाद देश में पैदा हुई स्थिति में किसी को भी 'लूट' का मौका न मिले.